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शवों से पट गया अस्पताल, रात भर पोस्टमार्टम में जुटे रहे डॉक्टर... Hathras Stampede के बाद ऐसा था एटा के हॉस्पिटल का मंजर

हाथरस (Hathras) में भगदड़ के कारण हुई मौतों का प्रमुख कारण दबाव के कारण दम घुटना था. एटा के जिला अस्पताल में तैनात एक डॉक्टर ने बताया कि जिन शवों को यहां लाया गया था उसमें अधिकांश की मौत दम घुटने से हुई थी.

हाथरस हादसे के बाद रोते-बिलखते परिजन हाथरस हादसे के बाद रोते-बिलखते परिजन
aajtak.in
  • एटा ,
  • 03 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 12:31 PM IST

यूपी के हाथरस में भगदड़ के कारण हुई मौतों का प्रमुख कारण दबाव के कारण दम घुटना था. एटा के जिला अस्पताल में तैनात एक डॉक्टर ने बताया कि जिन शवों को यहां लाया गया था उसमें अधिकांश की मौत दम घुटने से हुई थी. हाथरस में हुए हादसे के बाद मृतकों/घायलों को एटा, अलीगढ़ और उसके नजदीकी जिलों के अस्पतालों में भेजा गया. कुल मरने वालों की संख्या 121 पहुंच गई है. 

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एटा अस्पताल के डॉक्टर ने न्यूज एजेंसी से कहा कि हाथरस हादसे के बाद यहां के जिला अस्पताल में सामान्य दिनों के मुकाबले चार गुना अधिक शव परीक्षण किए गए. हाथरस के फुलराई गांव में मंगलवार को भगदड़ के बाद एटा जिला अस्पताल के शवगृह में 27 शव लाए गए थे. 

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एटा के अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. राम मोहन तिवारी ने बताया- "यहां लाए गए 27 शवों में से 19 का पोस्टमार्टम हो चुका है, जबकि शवगृह के कर्मचारी आधी रात को 20वें शव के पोस्टमार्टम की तैयारी कर रहे थे. अभी छह शवों की पहचान होनी बाकी है."

डॉ. राम मोहन तिवारी ने कहा, "लगभग सभी मामलों में मौत का कारण दबाव के कारण दम घुटना पाया गया." उन्होंने आगे कहा कि पीड़ितों में से अधिकांश 40-50 आयु वर्ग की महिलाएं थीं. अस्पताल की स्थिति के बारे में पूछे जाने पर डॉक्टर ने कहा कि वे जिले में औसतन प्रतिदिन चार से पांच पोस्टमार्टम देखते हैं. लेकिन घटना वाले दिन (मंगलवार) शवों की संख्या औसत से बहुत अधिक थी. जिससे अस्पताल के कर्मचारियों और अधिकारियों को नियमित समय से अधिक काम करना पड़ा.  

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वहीं, उपचाराधीन पीड़ितों के बारे में मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि यहां चार मरीज लाए गए थे, जिनमें से एक को प्राथमिक उपचार के बाद ही छुट्टी दे दी गई. दो अन्य खतरे से बाहर हैं और एक गर्भवती महिला का उपचार चल रहा है, लेकिन उसकी हालत स्थिर है. 

मामले में पुलिस क्षेत्राधिकारी (साकीट क्षेत्र) संजय कुमार सिंह ने कहा कि एटा सरकारी अस्पताल में लाए गए 27 शवों में से 21 की आधी रात तक पहचान कर ली गई थी. शवों की पहचान हो जाने के बाद उन्हें उचित प्रक्रियाओं के बाद परिवारों को सौंप दिया जाएगा. मरने वालों में ज़्यादातर महिलाएं थीं. श्रद्धालुओं की दम घुटने से मौत हुई है. 

पुलिस ने बताया कि हाथरस जिले के फुलराई गांव में 'सत्संग' के लिए लगभग 2.5 लाख श्रद्धालु एकत्र हुए थे, जो अनुमानित संख्या से बहुत ज्यादा थी. भगदड़ तब मची जब 'सत्संग' समाप्त हो रहा था. भीड़ उपदेशक 'भोले बाबा' की कार के पीछे भाग रही थी, उसी समय कीचड़ में फिसलने लोग एक के ऊपर गिर गए. जिससे भगदड़ मच गई और सौ से ज्यादा लोगों की जान चली गई. 

सीएम योगी ने अस्पताल पहुंचकर घायलों का हालचाल जाना 

बता दें कि सीएम योगी आदित्यनाथ बुधवार को हाथरस पहुंचे. उन्होंने यहां सत्संग हादसे में घायल होने वाले लोगों से मुलाकात की. हाथरस में एक दिन पहले ही मंगलवार को 'भोले बाबा' के सत्संग के दौरान भगदड़ मचने से 121 लोगों की मौत हो गई और दर्जनों लोग घायल हो गए.

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घटना पर सीएम ने क्या कहा?

सीएम ने बताया कि घटना की जांच के लिए अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (आगरा) और अलीगढ़ मंडल आयुक्त की एक टीम गठित की गई है. एक बयान में कहा गया कि जांच रिपोर्ट 24 घंटे के भीतर सौंपी जानी है. सरकार इस घटना की तह में जाकर साजिशकर्ताओं और जिम्मेदारों को उचित सजा देने का काम करेगी. देखेंगे कि यह हादसा है या साजिश. 

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