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इटावा: एक अज्ञात शव के निकले दो दावेदार, अंतिम संस्कार के बाद पहुंचा असली परिवार, पुलिस ने दिए जांच के आदेश

Etawah News: तीन दिन तक किसी ने शव पर दावा नहीं किया. चौथे दिन एक परिवार दस्तावेज आदि दिखाकर शव को अपने साथ लेकर चला गया. उन्होंने शव का अंतिम संस्कार भी कर दिया. लेकिन इसके बाद एक और परिवार पोस्टमार्टम हाउस पहुंच गया और शव पर अपना दावा जताने लगा.

इटावा जिले का है मामला इटावा जिले का है मामला
अमित तिवारी
  • इटावा ,
  • 09 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 4:32 PM IST

यूपी के इटावा में एक युवक की ट्रेन से कटकर मौत हो गई. पुलिस ने शव को मोर्चरी में रखवा दिया. तीन दिन तक किसी ने शव पर दावा नहीं किया. चौथे दिन एक परिवार दस्तावेज आदि दिखाकर शव को अपने साथ लेकर चला गया. उन्होंने शव का अंतिम संस्कार भी कर दिया. लेकिन इसके बाद एक और परिवार पोस्टमार्टम हाउस पहुंच गया और शव पर अपना दावा जताने लगा. अब पुलिस भी असमंजस में है कि आखिर शव का असली हकदार कौन है. फिलहाल, मामले में जांच के आदेश दे दिए गए हैं. 

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दरअसल, थाना फ्रेंड्स कॉलोनी क्षेत्र के अंतर्गत महरा फाटक पर एक अज्ञात युवक की ट्रेन से कटकर मौत हो गई थी. इसकी सूचना पुलिस को दी गई, जिसने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा. पोस्टमार्टम हाउस पर शव की शिनाख्त न होने के कारण 72 घंटे तक शव को मोर्चरी में रखा गया. पोस्टमार्टम के बाद इटावा निवासी एक पक्ष पहुंचा और उसने शव पर अपना दावा किया. बाद में उन्होंने शव का अंतिम संस्कार भी कर दिया. 

अंतिम संस्कार के बाद पहुंचा असली परिवार!

इस कहानी में मोड़ तब आया जब दूसरा पक्ष औरैया से आया और उसने शव को अपना बताते हुए दस्तावेज दिखाए. दस्तावेजों की जांच में पता चला की मृतक युवक जनपद औरैया के अजीतमल थाने के अंतर्गत अटसु का निवासी सत्यवीर राजपूत है. जिसकी उम्र लगभग 40 वर्ष है. वह मानसिक रूप से विक्षिप्त था. उसका उपचार आगरा में चल रहा था. 2 जनवरी को उसकी ट्रेन से कटकर मृत्यु हो गई थी. दस्तावेजों के अनुसार, दूसरे पक्ष के दावे के पुष्टि के लिए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने जांच के आदेश देते हुए एसपी सिटी और सीओ सिटी को जिम्मेदारी सौंप दी है. 

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वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संजय कुमार ने बताया कि सत्यवीर सिंह जिनकी उम्र 40 वर्ष है. वह औरैया के अजीतमल के निवासी थे. उनकी इकदिल में रिश्तेदारी थी, जहां वह आए हुए थे. मानसिक रूप से विक्षिप्त होने के कारण उनका आगरा से इलाज चल रहा था. सत्यवीर अचानक रात में दौड़ने लगते थे. उनके भाई पुलिस में रिटायर्ड सब इंस्पेक्टर हैं. 

2 जनवरी को सत्यवीर की बॉडी मिली थी. पोस्टमार्टम के बाद कुछ लोग उनकी बॉडी को क्लेम करके ले गए थे. अब शव लेने दूसरा पक्ष भी आया हुआ है. जिसने दावा किया है कि सत्यवीर उनके घर के सदस्य थे. मामला संदिग्ध प्रतीत होने के चलते जांच के आदेश दिए गए हैं. प्रथम दृष्टया ऐसा लग रहा है की ट्रेन से कटकर मृत्यु होने पर क्लेम लेने के लालच में बॉडी को ले जाया गया है. फिलहाल, इसमें जो भी तथ्य सामने आएंगे उस हिसाब से विधिक कार्रवाई की जाएगी.  

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