
Maha Kumbh Mela 2025: महाकुंभ मेले में भगदड़ जैसी घटना के बाद ही पूरे दिन श्रद्धालुओं का हुजूम गंगा और संगम तट पर आता रहा. मेला प्रशासन के मुताबिक, बुधवार को मौनी अमावस्या के अवसर पर शाम आठ बजे तक 7.64 करोड़ लोगों ने डुबकी लगाई. वहीं, अभी तक महाकुंभ में कुल 28 करोड़ श्रद्धालु स्नान कर चुके हैं.
जारी आंकड़ों के मुताबिक, मौनी अमावस्या पर शाम 8 बजे तक 10 लाख से अधिक कल्पवासियों समेत कुल 7.64 करोड़ श्रद्धालुओं ने गंगा और संगम में स्नान किया. इस दौरान, हेलीकॉप्टर से श्रद्धालुओं पर पुष्प वर्षा की गई.
महाकुंभ में 10 लाख से अधिक श्रद्धालु कल्पवास कर रहे हैं. बुधवार को मौनी अमावस्या पर रात 8 बजे तक 7.64 करोड़ श्रद्धालुओं ने स्नान किया था. गुरुवार सुबह 10 बजे तक करीब 93 लाख श्रद्धालुओं ने स्नान किया है. यह कुंभ मेले के इतिहास में किसी भी एक दिन श्रद्धालुओं के स्नान की सबसे बड़ी संख्या बताई जा रही है. इससे पहले मकर संक्रांति को 3.5 करोड़ और मौनी अमावस्या के एक दिन पहले 28 जनवरी को करीब 5 करोड़ लोगों ने संगम स्नान किया था.
मेला प्रशासन के मुताबिक, 13 जनवरी को शुरू हुए महाकुंभ मेले में अभी तक 28 करोड़ श्रद्धालु स्नान कर चुके हैं. एक न्यूज एजेंसी ने मेले के अधिकारी के हवाले से बताया कि मेला क्षेत्र में चारों दिशाओं से करोड़ों की संख्या में लोगों का आना जारी रहा और जिला प्रशासन ने भीड़ नियंत्रण करने के लिए चंद्रशेखर आजाद पार्क का गेट भी खोल दिया, जिससे लोग सड़क के बजाय पार्क में बैठ गए.
बुधवार तड़के मौनी अमावस्या के स्नान से पहले महाकुंभ में हुई भगदड़ में 30 लोगों की मौत हो गई थी. घटना के बाद अब स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में हैं. प्रशासन ने 3 फरवरी को होने वाले तीसरे बसंत पंचमी के स्नान की अभी से तैयारी शुरू कर दी है. इस हादसे के बाद शासन प्रशासन ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कुछ बड़े बदलाव और नए आदेश जारी किए हैं.
1. मकर संक्रांति और मौनी अमावस्या के बाद अब बाकी बचे तीन अमृत स्नान वाले दिन कोई भी वीवीआईपी मूवमेंट नहीं होगा.
2. कुंभ मेला क्षेत्र को नो व्हीकल जोन घोषित कर दिया गया है. यानी कोई भी दो पहिया वाहन हो या चार पहिया वाहन किसी को कुंभ मेला क्षेत्र में वहां ले जाने की अनुमति नहीं होगी.
3. बसंत पंचमी यानी 3 फरवरी को पड़ने वाले तीसरे अमृत स्नान के दूसरे दिन यानी 4 फरवरी तक शासन प्रशासन के द्वारा जारी किए गए सभी VVIP पास निरस्त कर दिए गए हैं.
4. दूसरे जिलों और राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं की गाड़ियों को भी प्रयागराज के बॉर्डर पर ही रोका जा रहा है. भारी गाड़ियों का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया है. जिसके कारण प्रयागराज से सटे सभी जिलों तक वाहनों की लंबी कतारें और लोगों का हुजूम बॉर्डर पर ही है.
5. सरकार के द्वारा चलाई गई उत्तर प्रदेश राजकीय परिवहन निगम की बसों को भी प्रयागराज एंट्री पर ही रोका जा रहा है. बसों की पार्किंग स्थल से लोगों को 8 से 9 किलोमीटर पैदल चलना पड़ रहा है.
6. जो श्रद्धालु अरैल घाट की तरफ से आ रहे हैं, उनको अरैल में ही कुंभ स्नान कर कर वापस भेजा जा रहा है, वो कुंभ मेला क्षेत्र में नहीं आ सकते हैं.
7. जो श्रद्धालु कुंभ मेला क्षेत्र के लेटे हनुमान जी की तरफ से संगम पहुंच रहे हैं, उनको अरैल की तरफ नहीं जाने दिया जा रहा है.
8. प्रशासन ने 30 पांटून पुल बनाए हैं. इन पांटून पुल पर आवश्यकता के अनुसार भीड़ को आने जाने दिया जा रहा है. जिस पांटून पुल से लोग किसी मेला क्षेत्र में जाएंगे तो दूसरे पांटून पुल से ही वापसी हो पाएगी. यानी एक ही पुल से आने जाने का रास्ता नहीं है. एक पांटून पुल के बीच करीब 100 मीटर की दूरी.
9. संगम के आसपास करीब तीन किलोमीटर तक लोगों को रुकने नहीं दिया जा रहा है. भीड़ को लगातार चलाया जा रहा ताकि भीड़ इकट्ठा ना हो और किसी भी तरीके की मौनी अमावस्या की तरह भगदड़ की स्थिति दोबारा न आए.
10. प्रशासन की प्राथमिकता है कि जो भीड़ कुंभ मेला क्षेत्र में इकट्ठा है, पहले उसको कम किया जाए, बाहर निकाला जाए, फिर प्रयागराज के बॉर्डर पर निजी वाहनों में इंतजार कर रहे श्रद्धालुओं को व्यवस्थित ढंग से प्रयागराज कमिश्नररेट में प्रवेश दिया जाए. गाड़ियों को कुंभ मेला क्षेत्र से पहले ही रोक दिया जाए ताकि कुंभ मेला क्षेत्र में किसी भी तरीके का जाम न लगे.