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'आज के बाद भोले बाबा के सत्संग में नहीं जाएंगे', साकार नारायण के मदद के दावों पर बोले हाथरस के पीड़ित

साकार नायारण हरि उर्फ भोले बाबा की तरफ से दावे किए गए कि वह पीड़ितों की हरसंभव मदद करेंगे. इन्हीं दावों की पड़ताल करने के लिए आजतक की टीम हाथरस, एटा, जलेसर में उन पीड़ित परिवारों के घर, जिन्होंने अपनों को खो दिया. हमने ये जानने की कोशिश की कि भोले बाबा द्वारा पीड़ितों के मदद के लिए किए गए तमाम दावों में कितनी सच्ची है. क्या बाबा की तरफ से कोई मदद उनके घर आई?

नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा (फाइल फोटो) नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा (फाइल फोटो)
सुशांत मेहरा
  • नई दिल्ली,
  • 12 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 7:42 PM IST

2 जुलाई को हाथरस में नारायण साकार उर्फ भोले बाबा के सत्संग में हुई भगदड़ में 125 लोगो के जान चली गई. तब से अब तक बाबा एक बार भी सामने नहीं आया हैय जिन भक्तो को वो अपने चरणों की धूल देता है, आज उनसे छुपता फिर रहा है. वैसे तो भोले बाबा के वकील एके सिंह ने 'आजतक' पर दावा किया है बाबा कहीं छुपा नहीं है. बाबा घटना से काफी आहत है. इसके बाद भोले बाबा ने भी संवेदना व्यक्त करते हुए एक वीडियो जारी किया था. दावा किया गया कि भोले बाबा की तरफ से पीड़ितों को हर संभव मदद मुहैया कराई जाएगी.

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भोले बाबा के इन्हीं दावों की पड़ताल करने के लिए आजतक की टीम हाथरस, एटा, जलेसर में उन पीड़ित परिवारों के घर, जिन्होंने अपनों को खो दिया. हमने ये जानने की कोशिश की कि भोले बाबा द्वारा पीड़ितों के मदद के लिए किए गए तमाम दावों में कितनी सच्ची है. क्या बाबा की तरफ से कोई मदद उनके घर आई? क्या बाबा की कमेटी ने उनसे संपर्क भी साधा? इन्हीं सबको लेकर पीड़ितों से बातचीत की गई.

केस स्टडी-1

आज तक की टीम सबसे पहले पहुंची एटा में उस पीड़ित परिवार से मिलने, जिन्होंने हाथरस की घटना में अपनी 65 साल की बुजुर्ग पत्नी चंद्रप्रभा को खो दिया. यहां पीड़ित राम दास ने बताया कि बाबा की तरफ से कोई मदद नहीं आई. लेकिन आज के बाद वह बाबा के किसी भी सत्संग में नहीं जाएंगे और ना ही उनको कभी मानेंगे.

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केस स्टडी-2

इसके बाद टीम पहुंची जलेसर राज कुमार के घर. राजकुमार मजदूरी करते हैं और बाबा की भक्ति भी. सत्संग में वह और अपनी पत्नी और 17 साल की बेटी खुशबू के साथ पहुंचे थे. लेकिन सत्संग में हुई भगदड़ में बेटी का हाथ छूट गया और बाद में उसका शव ही मिला. पीड़ित पिता का दावा है कि अब तक किसी प्रकार की कोई मदद या आश्वासन बाबा की तरफ से नहीं आया. हालांकि सरकार की तरफ से उनको 2 लाख रुपये मदद के रूप में जरूर मिले. 

केस स्टडी-3

जलेसर के ही एक ओर पीड़ित परिवार का भी रो-रोकर बुरा हाल है. यहां एक ही घर से दो बेटियां बाबा का सत्संग सुनने की गई थी, लेकिन वापस नहीं लौटी. मीरा और सुधा की उम्र 17 और 18 साल थी. उनकी मां का रो रोकर बुरा हाल है. पीड़ित मां ने आजतक से बातचीत में कहा कि बाबा की तरफ से कोई मदद नहीं आई. मेरी दोनों लड़कियां चली गईं. मुझे अब ना तो अपनी लड़कियां दिखाई देती हैं ना बाबा. वहीं पीड़िता की तीसरी बेटी ने कहा कि सरकार की तरफ से मदद आई है, लेकिन बाबा की तरफ से कोई नहीं आया.

केस स्टडी-4

इन पीड़ित परिवारों से मिलने के बाद आजतक की टीम हाथरस पहुंची. यहां बाबा को परमात्मा मानने वाले भक्त अब अपनो को खोने के बाद बाबा को ढोंगी बता रहे हैं. यहां पीड़िता इच्छा के ससुर की भी भगदड़ में मौत हो गई. इसके बाद परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है. इच्छा ने बताया कि 10 दिन हो गए, ना बाबा आया, ना बाबा का कोई व्यक्ति. बाबा ढोंगी है. बाबा कोई चमत्कार नहीं करता.

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केस स्टडी-5

हाथरस की ही मुन्नी देवी भी 2 जुलाई को बाबा के सत्संग में गई थी. लेकिन वापस नहीं लौटी. मुन्नी देवी के बेटे ने बताया कि बाबा की तरफ से कोई अब तक उनके पास नहीं पहुंचा है. जो भक्त बाबा को दस दिन पहले परमात्मा मानते थे, उनके चरणों की धूल माथे से लगाते थे, वो भक्त बाबा को ढोंगी बोल रहे हैं. मृतका मुन्नी देवी के बेटे ने कहा कि कोई मदद नहीं आई है. बाबा कोई चमत्कार नहीं करते. अगर चमत्कार करते तो क्या ये घटना होती? ये ढोंग विद्या है.

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