
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिला जेल में राष्ट्रपति भवन के नाम से भेजे गए एक फर्जी पत्र ने हड़कंप मचा दिया. पत्र में हत्या के आरोपी बंदी अजय को तत्काल रिहा करने का आदेश दिया गया था. जेल अधीक्षक सत्य प्रकाश सिंह को पत्र संदिग्ध लगा और उन्होंने इसकी जांच शुरू कराई.
जांच में पता चला कि राष्ट्रपति भवन की तरफ से ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया गया था. साथ ही पत्र में राष्ट्रीय विशेष अदालत का जिक्र था, जो राष्ट्रपति भवन में अस्तित्व में ही नहीं है. इसके बाद जेल अधीक्षक ने थाना जनकपुरी में अज्ञात के खिलाफ धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े का मुकदमा दर्ज कराया.
जेल में राष्ट्रपति भवन के नाम से भेजा गया फर्जी पत्र
इस घटना पर पुलिस ने बताया कि बंदी अजय को 24 नवंबर 2024 को हत्या और साजिश के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. उसका मामला जिला एवं सत्र न्यायालय में लंबित है. पुलिस का मानना है कि यह पत्र बंदी अजय के किसी साथी या परिचित ने भेजा होगा. फिलहाल पत्र की फॉरेंसिक जांच की जा रही है और जल्द ही पत्र भेजने वाले की पहचान की जाएगी.
पत्र को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया
एसपी सिटी व्योम बिंदल ने बताया कि जेल अधीक्षक की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया गया है. पत्र में जिस राष्ट्रीय विशेष अदालत का जिक्र था, वह राष्ट्रपति भवन में अस्तित्व में ही नहीं है. पुलिस अब पत्र की फॉरेंसिक जांच करवा रही है और जल्द ही साजिशकर्ता की पहचान कर ली जाएगी.