
रामलला के दर्शन करने मुंबई से पैदल निकलीं मुस्लिम युवती शबनम शेख अयोध्या से अब 179 किलोमीटर दूर हैं. वो इस समय यूपी के फतेहपुर में पहुंच चुकी हैं. हिंदू धर्म से प्रभावित शबनम शेख का कहना है कि मुझे पैदल चलते हुए पूरे 35 दिन हो चुके हैं. मेरा मकसद केवल भगवान राम के दर्शन करना है. मैं रामलाल के चरण स्पर्श करना चाहती हूं.
उन्होंने बताया कि कि मैंने बचपन से रामायण देखी है, रामलीला देखी है. भगवान राम के किस्से सुने हैं. कहीं न कहीं मैं उनसे बहुत प्रभावित हुई हूं. हिंदू इलाके में रहने के कारण मैंने उनके बारे में काफी कुछ जाना है. बचपन से ही मैं उनको मानती हूं. मैं 21 दिसंबर 2023 को मुंबुई से पैदल चली थी. अब बस हमारी 179 किलोमीटर की यात्रा बच गई है. मेरे साथ तीन दोस्त हैं दो मुंबई से हैं. एक दोस्त भोपाल से है. उसने भोपाल से हमें ज्वाइन किया है.
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शबनम ने कहा कि मेरे तीनों दोस्त यात्रा के दौरान मेरा बहुत ख्याल रख रहे हैं. हम रात-रात भर चलते जा रहे हैं. अगर मेरे पैरों में दर्द होता है तो वो मसाज कर देते हैं. बताया कि हमने 1400 किलोमीटर की यात्रा पूरी कर ली है. ये मेरा सौभाग्य है कि मुझे रामलला के दर्शन करने का मौका मिल रहा है. हम सभी के अंदर भगवान राम बसे हैं. उन्ही की कृपा से मेरी अभी तक की यात्रा अच्छी गई है.
शबनम ने कहा कि अगर भगवान राम ने 14 साल का वनवास काटा है तो क्या हम उनके मंदिर जाने के लिए पैदल यात्रा भी नहीं कर सकते? मैंने देखा है कि कोई साइकिल से तो कोई बाइक से तो कोई पैदल ही रामलला के दर्शन करने के लिए जा रहा है. ऐसे में मैं भी अगर भगवान राम के दर्शन के लिए पैदल जा भी रही हूं तो मेरे लिए सौभाग्य की बात है. हम बस राम नाम जपते हुए चलते जा रहे हैं. इंतजार है तो बस राम भगवान के दर्शन का.
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पैरों में छाले पड़े, पर नहीं रुके कदम
कड़ाके की ठंड के बीच पैदल यात्रा में शबनम शेख के पैरों में छाले पड़ चुके हैं. लेकिन उनकी आस्था के सामने यह छाले बौने नजर आ रहे हैं. सफर में तमाम दुश्वारियों के बीच शबनम के चेहरे में ना थकान दिखाई दी और ना ही चेहरे पर कोई मायूसी है. राम नाम और राम भजन गाते हुए हिजाब पहनी शबनम अपने सफर को आसान बना रही हैं.