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पत्नी की हत्या के मामले में सजा काट रहा था पति, पैरोल पर आया और बेटे को भी मार डाला

यूपी के इटावा में पैरोल पर आए पिता ने दूसरी पत्नी के साथ मिलकर अपने बेटे की हत्या कर दी. उसने बेटे की मौत को हार्ट अटैक से बताकर मामला दबाने की कोशिश की. मगर, मृतक के नाना-नानी ने शक के आधार पर उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी. करीब 15 महीने बाद बिसरा रिपोर्ट आने पर पुलिस ने इस मामले का खुलासा किया.

सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर
रंजय सिंह
  • कानपुर,
  • 18 सितंबर 2023,
  • अपडेटेड 9:52 PM IST

उत्तर प्रदेश के कानपुर में क्राइम ब्रांच की टीम ने एक हैरतंगेज हत्याकांड का खुलासा किया है. पत्नी की हत्या के मामले में पेरौल पर आए शख्स ने दूसरी पत्नी के साथ मिलकर अपने बेटे की ही हत्या कर दी. इसके बाद उसने हार्ट अटैक का मामला बताकर पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की. इस मामले में कानपुर क्राइम ब्रांच ने रिपोर्ट के आधार पर 15 महीने बाद मामले का खुलासा किया है. पुलिस ने मृतक की सौतेली मां और भाई को गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी पिता अभी फरार है. 

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दरअसल, मामला इटावा के भरथना थाने का है. 2022 में राजेश यादव के बेटे सनी यादव की संदिग्ध हालत में मौत हो गई थी. उसने बेटे की मौत का कारण हार्ट अटैक बताया था. मगर, बेटे के नाना-नानी ने हत्या का शक जताते हुए उसके खिलाफ थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी. उन्होंने पुलिस को बताया कि 1999 में सनी की मां अर्चना की भी उसके पति ने हत्या की थी. 

शादी का विरोध करने पर की थी पहली पत्नी की हत्या 

सनी के नाना-नानी ने बताया कि उनके दामाद राजेश का रोजी नाम की एक महिला से प्रेम संबंध चल रहा था. कुछ समय बाद उसने उससे से शादी कर ली थी. जानकारी मिलने पर सनी की मां ने इसका विरोध किया तो राजेश ने उसकी हत्या कर दी. इसके बाद कोर्ट ने उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई. इसके बाद सनी उनके साथ रहने लगा. मगर, पैरोल आए राजेश ने जून 2022 में उसे फोन कर कहा कि तुम्हारे दादा-दादी तुम्हें याद कर रहे हैं, तुम मुझसे मत मिलना. लेकिन, अपने दादा दादी को तो प्यार करो. वो आज भी तुम्हें अपना पोता मानते हैं. 

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पुलिस ने शव को बरामद कर पोस्टमार्टम के लिए भेजा

पिता की बातों में आकर सनी दादा-दादी से मिलने गया. इस दौरान सनी की सौतेली मां और उसका भाई गोलू यादव भी घर पर ही थे. मगर, अगले दिन राजेश ने उन्हें बताया कि सनी की हार्ट अटैक से मौत हो गई. इसके बाद उसके नाना-नानी ने शक जताते हुए इटावा पुलिस थाने में उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई. फिर इटावा पुलिस ने शव को बरामद करके उसका पोस्टमार्टम कराया. इसके बाद कोर्ट ने कानपुर क्राइम ब्रांच को इस मामले की जांच के लिए सौंप दिया. कानपुर क्राइम ब्रांच ने इस मामले में जांच शुरू कर सनी की बिसरा रिपोर्ट को जांच के लिए भेजा. 

बिसरा रिपोर्ट से हुआ मौत का खुलासा

इस मामले में डीसीपी सलमान ताज पाटिल ने बताया कि कानपुर क्राइम ब्रांच को 15 महीने बाद बिसरा रिपोर्ट मिली. उसमें सामने आया कि सनी की मौत हार्ट अटैक से नहीं बल्कि जहर देने से हुई थी. इसके बाद कानपुर क्राइम ब्रांच ने सनी की सौतेली मां रोजी यादव और उसके भाई गोलू यादव को गिरफ्तार कर लिया. जबकि उसका पिता राजेश यादव मौके से फरार हो गया.  

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