नोएडा प्राधिकरण ने पर्यावरण संरक्षण को लेकर बड़ी सख्ती दिखाते हुए सात हाउसिंग सोसाइटियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई है और कुल ₹1.17 करोड़ का जुर्माना भी लगाया है. इन सोसाइटियों पर आरोप है कि ये बिना सीवेज ट्रीटमेंट किए हुए गंदे पानी को सीधे नालों में डाल रही थीं, जिससे नदियों और जल स्रोतों में प्रदूषण फैल रहा था.
प्राधिकरण की यह कार्रवाई नोएडा की पर्यावरण सेल और अन्य विभागों के साथ मिलकर किए गए निरीक्षण के बाद हुई. जांच में सामने आया कि संबंधित सोसाइटियों में लगे सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) या तो पूरी तरह से बंद थे या वे निर्धारित मानकों पर काम नहीं कर रहे थे. ऐसे में इन सोसाइटियों का अनट्रीटेड सीवेज सीधे नालों के माध्यम से यमुना जैसे जल स्रोतों में मिल रहा था.
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इस लापरवाही को जल (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम 1974, वायु (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम 1981 और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम 2000 और 2016 के तहत गंभीर उल्लंघन माना गया है. साथ ही, ये कृत्य नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के निर्देशों के भी विपरीत हैं. इस मामले की पूरी जानकारी उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (UPPCB) को भी दे दी गई है.
नोएडा प्राधिकरण के CEO लोकेश एम ने बताया कि कई जगहों से लगातार शिकायतें मिल रही थीं कि सोसाइटियों से बिना ट्रीटमेंट का सीवेज बाहर छोड़ा जा रहा है. जब जांच की गई तो आरोप सही पाए गए. साथ ही कुछ मामलों में तो वीडियो फुटेज भी मिले हैं, जिन्हें सबूत के तौर पर एफआईआर में जोड़ा गया है. उनका कहना है कि पर्यावरण नियमों का उल्लंघन किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और आगे भी ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई होती रहेगी.
जुर्माना और कानूनी कार्रवाई की शुरुआत दो सोसाइटियों से हुई है, जिसमें RG रेजीडेंसी (सेक्टर-120): ₹11.90 लाख का जुर्माना, एफआईआर थाना सेक्टर-113 में दर्ज और Sikka Kaamna Greens (सेक्टर-78)पर ₹20.30 लाख का जुर्माना और एफआईआर थाना सेक्टर-113 में दर्ज हुई है. बाकी पांच सोसाइटियों पर भी जुर्माना और मुकदमा दर्ज करने की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है.
भूपेन्द्र चौधरी