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पांच ओबीसी, दो दलित और तीन सामान्य जाति से... मोदी कैबिनेट में यूपी से कौन हैं 10 मंत्री?

यूपी में लोकसभा चुनावों में एनडीए को बड़ी हार का सामना करना पड़ा है. जबकि इंडिया ब्लॉक ने जबरदस्त वापसी की है. यूपी में एनडीए को 36 सीटें मिली हैं. इंडिया ब्लॉक ने 43 सीटें जीती हैं. अन्य को एक सीट पर जीत मिली है. इस बार एनडीए को 28 सीटों का नुकसान हुआ है और इंडिया ब्लॉक को 37 सीटों का इजाफा हुआ है.

मोदी कैबिनेट ने रविवार को राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में शपथ ली. मोदी कैबिनेट ने रविवार को राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में शपथ ली.
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 10 जून 2024,
  • अपडेटेड 11:17 AM IST

18वीं लोकसभा के चुनाव में NDA को बहुमत मिलने के बाद रविवार को नई सरकार का गठन हो गया है. नरेंद्र मोदी ने लगातार तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री की शपथ ली है. राष्ट्रपति भवन में आयोजित कार्यक्रम में 71 सांसदों ने भी मंत्री पद की शपथ ली है. इनमें 30 कैबिनेट, 5 स्वतंत्र प्रभार और 36 राज्य मंत्री हैं. ज्यादातर पुराने चेहरों को मंत्रिमंडल में जगह दी गई है. उत्तर प्रदेश से 10 सदस्यों को केंद्रीय मंत्रि परिषद में शामिल किया गया है, जिसमें जातीय संतुलन को भी ध्यान में रखा गया है.

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मोदी 3.0 सरकार में यूपी से पांच पिछड़े, दो दलित और तीन सामान्य वर्ग से जुड़े नेताओं को मंत्री पद दिया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद यूपी की वाराणसी सीट से चुनाव जीते हैं. वे यहां से लगातार तीसरी बार चुनाव जीते हैं.

यूपी में सबसे ज्यादा सपा ने 37 सीटें जीतीं

यूपी में लोकसभा चुनावों में एनडीए को बड़ी हार का सामना करना पड़ा है. जबकि इंडिया ब्लॉक ने जबरदस्त वापसी की है. यूपी में एनडीए को 36 सीटें मिली हैं. इंडिया ब्लॉक ने 43 सीटें जीती हैं. अन्य को एक सीट पर जीत मिली है. इस बार एनडीए को 28 सीटों का नुकसान हुआ है और इंडिया ब्लॉक को 37 सीटों का इजाफा हुआ है. पार्टियों की बात करें तो बीजेपी को 33, RLD को 2 और अपना दल (S) को एक सीट मिली है. जबकि सपा को 37 सीटें और कांग्रेस को 6 सीटें मिली हैं. अकेले चुनाव लड़ने वाले दलित नेता चंद्रशेखर आजाद ने नगीना सीट से जीत हासिल की है. बसपा इस बार एक भी लोकसभा सीट जीतने में कामयाब नहीं हो पाई.

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समाजवादी पार्टी ने जीत का श्रेय अपने 'पीडीए' फॉर्मूले को दिया है. सपा के मुताबिक पीडीए का मतलब- 'पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक' है.

मंत्रियों में कौन से जाति से रखता है ताल्लुक?

यूपी से मोदी समेत अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) समुदाय के पांच सदस्यों को शामिल किया गया है. मोदी (तेली-वैश्य समुदाय) से आते हैं. अन्य में जयंत चौधरी जाट, पंकज चौधरी कुर्मी, अनुप्रिया पटेल कुर्मी और बीएल वर्मा (लोध) समुदाय से ताल्लुक रखते हैं. दलित समुदाय से आने वाले कमलेश पासवान (पासी) और एसपी बघेल (धंगर) को भी सरकार में जगह दी गई है.

केंद्रीय मंत्रिपरिषद में तथाकथित सामान्य जाति के तीन नेताओं को मौका दिया गया है. मोदी के बाद शपथ लेने वाले राजनाथ सिंह और राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह क्षत्रिय समुदाय से आते हैं. जबकि एक अन्य राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ब्राह्मण समुदाय का प्रतिनिधित्व करते हैं.

मोदी 3.0 सरकार में सहयोगी दलों से आरएलडी के जयंत चौधरी को शामिल किया गया है. चौधरी को राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) की जिम्मेदारी दी गई है. अपना दल (एस) की प्रमुख अनुप्रिया पटेल को लगातार तीसरी बार मोदी मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है. अनुप्रिया भी एनडीए का हिस्सा हैं और 2014 से तीसरी बार राज्य मंत्री बनने में सफल रही हैं.

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दो मंत्रियों के बेटों को मिली हार

यूपी में बीजेपी के अन्य सहयोगी दलों में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) और निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल को मोदी कैबिनेट में जगह नहीं मिली है. यूपी सरकार के पंचायती राज मंत्री ओम प्रकाश राजभर के बेटे अरविंद राजभर को घोसी सीट से टिकट दिया गया था, लेकिन वो सपा उम्मीदवार राजीव राय से चुनाव हार गए हैं. जबकि संत कबीर नगर में बीजेपी के चुनाव चिह्न पर चुनाव लड़ने वाले निषाद पार्टी प्रमुख और यूपी के मत्स्य पालन मंत्री संजय निषाद के बेटे पूर्व सांसद प्रवीण निषाद भी अपनी सीट हार गए हैं.

ये चेहरे मंत्री बनाए गए

राजनाथ: बीजेपी में पीएम मोदी के बाद सबसे बड़े चेहरे माने जाते हैं. वे लगातार तीसरी बार मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाए गए हैं. राजनाथ ने 2014 में गाजियाबाद से चुनाव लड़ा था. उसके बाद 2019 और 2024 मे लखनऊ सीट से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. 2014 में राजनाथ गृह मंत्री बनाए गए थे. उसके बाद 2019 में रक्षा मंत्री की जिम्मेदारी मिली. शुरुआत लेक्चरर के तौर पर की. संघ से जुड़े रहे. यूपी के मुख्यमंत्री और मंत्री भी रहे हैं.

अनुप्रिया पटेल: तीसरी बार यूपी मिर्जापुर सीट से चुनाव जीती हैं. तीसरी बार मोदी कैबिनेट में राज्यमंत्री बनाई गई हैं. 2014 में सबसे युवा मंत्री बनी थीं. अनुप्रिया के पति यूपी सरकार में मंत्री हैं.

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जितिन प्रसाद: यूपी सरकार में लोक निर्माण विभाग के मंत्री हैं. एमएलसी भी हैं. कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए थे. इस बार आम चुनाव में पार्टी ने वरुण गांधी का टिकट काटकर जितिन प्रसाद पर भरोसा जताया और उम्मीदवार बनाया. जितिन पार्टी की उम्मीदों पर खरा उतरे और चुनाव जीते. अब यूपी सरकार से इस्तीफा देना होगा. एमएलसी पद भी छोड़ना होगा.

जयंत चौधरी: पूर्व पीएम चौधरी चरण सिंह के पोते हैं. पिता चौधरी अजीत सिंह भी सांसद रहे हैं. जयंत आरएलडी के चीफ हैं. अभी राज्यसभा सांसद हैं. 

कमलेश पासवान: 47 साल के कमलेश यूपी की बांसगांव सीट से चौथी बार लोकसभा चुनाव जीते हैं.

पंकज चौधरी: 54 साल के चौधरी पिछली बार वित्त राज्य मंत्री थे. कुर्मी वोटर्स पर अच्छी खासी पकड़ है.

बीएल वर्मा: 59 साल के वर्मा प्रभावशाली लोधी ओबीसी समुदाय से आते हैं. यूपी बीजेपी में प्रदेश उपाध्यक्ष भी हैं.

कीर्तिवर्धन सिंह: 58 साल के सिंह गोंडा से तीसरी बार सांसद बने हैं. 

एसपी बघेल: 64 साल के बघेल आगरा से फिर सांसद बने हैं. पिछली सरकार में राज्यमंत्री थे.

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