
उत्तर प्रदेश के औरैया की जिला और सत्र कोर्ट ने नगर पालिका पूर्व चेयरमैन के बेटे की हत्या के सात दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही सभी दोषियों के पर 30-30 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है. अर्थदंड न भरने पर 3 माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ेगी. सजा जिला एवं सत्र न्यायालय के न्यायाधीश ग्रीस कुमार वैश्य ने दी है.
जानकारी के मुताबिक, नगर पालिका औरैया के पूर्व चेयरमैन धर्मेश दुबे का बेटा जितेंद्र दुबे उर्फ लल्लू 10 अक्टूबर 2015 को अपने दो साथियों के साथ अपनी दुकान के उद्घाटन का कार्ड बांटने सदर कोतवाली के जैतापुर गया था. वह गांव शाम के समय पहुंचा था, तभी वहां गांव के ही सात लोगों ने मिलकर जितेंद्र दुबे की लाठी-डंडों और अन्य हथियारों से पीट-पीटकर हत्या कर दी थी.
कोर्ट में पेश हुए 11 गवाह
साथ ही जितेंद्र के साथियों पारस पोरवाल और शशांक दुबे को भी अधमरा कर दिया था. इस मामले में जितेंद्र दुबे के भाई ज्ञानेंद्र दुबे ने सदर कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराया था. पुलिस ने मामले में सात लोगों के खिलाफ हत्या और हत्या के प्रयास सहित कई धाराओं में चार्जशीट दाखिल की थी. इसके बाद कोर्ट में 11 गवाह पेश हुए और 8 साल बाद जितेंद्र की हत्या में पंचम, सर्वेश, दीनानाथ, सर्वेश उर्फ खुंटी, रमन, सुजीत और अनीस को सजा सुनाई.
मामले में एडवोकेट ने कही ये बात
एडवोकेट अभिषेक कुमार मिश्रा डीजीसी क्राइम ने बताया कि घटना दिनांक 9 सितंबर 2015 रात्रि 9:30 बजे की है. एडवोकेट ज्ञानेंद्र दुबे उनके भाई जितेंद्र उर्फ लल्लू अपने दो साथियों के साथ पारस पोरवाल और शशांक दुबे के साथ ग्राम जैतापुर में अपनी दुकान के कार्ड बांटने के लिए गए थे. गांव के 7 लोगों ने उनके साथ मारपीट की. इसमें जितेंद्र दुबे की मौत हो गई थी.
इस मामले की सुनवाई जिला एवं सत्र न्यायालय औरैया में हुआ . इसमें अभियोजन की ओर से 11 गवाह पेश किए गए. जिसमें माननीय न्यायालय ने शुक्रवार को सात अभियुक्तों को हत्या और हत्या के प्रयास का प्रयास मानते हुए आजीवन कारावास और तीस तीस हजार रुपए का अर्थदंड की सजा सुनाई है. साथ ही तीस-तीस हजार रुपये के दंड से दंडित किया गया है.