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ना 'INDIA', ना NDA... अपने दम पर लोकसभा चुनाव लड़ेगी BSP, मायावती का ऐलान

बसपा सुप्रीमो मायावती ने 2024 में होने जा रहे लोकसभा चुनाव के लिए अपनी रणनीति साफ कर दी है. उन्होंने बुधवार को प्रेस कांफ्रेंस कर ऐलान किया है कि बसपा लोकसभा चुनाव में 'INDIA' या NDA के साथ नहीं जाएगी, बल्कि अकेले चुनाव लड़ेगी.

मायावती (फाइल) मायावती (फाइल)
कुमार अभिषेक
  • नई दिल्ली/लखनऊ,
  • 19 जुलाई 2023,
  • अपडेटेड 9:56 PM IST

बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती ने एक बड़ा ऐलान किया है. उन्होंने कहा है कि उनकी पार्टी पंजाब और हरियाणा में क्षेत्रिय दलों के साथ कुछ शर्तों के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ेगी तो वहीं राजस्थान और छत्तीसगढ़ में BSP अकेले ही मैदान में उतरेगी. इसके साथ साथ ही मायावती ने साफ कर दिया है कि उनकी पार्टी 2024 का लोकसभा चुनाव अपनी दम पर लड़ेगी.

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मायावती ने आगे कहा कि एक तरफ सत्ता पक्ष फिर से अपनी सरकार बनाने की दलीले दे रहा है. तो वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस पार्टी गठबंधन के सहारे सत्ता में आने के सपने देख रही है. दोनों ही गठबंधन सरकार में आने के लिए अपने-अपने दावे ठोक रहे हैं. लेकिन जिन लोगों ने पहले जो वादे किये थे, वो खोखले साबित हुए.

अकेले मैदान में उतरेगी पार्टी

मायावती ने कहा कि क्षेत्रीय दलों को अगर साथ आना है तो उसके लिए शर्त यह है कि उनका एनडीए और बदले गए यूपीए से भी कोई संबंध नहीं होना चाहिए. बीएसपी को भी सत्ता पर आसीन होने का अवसर मिल सकता है. इन सब बातों को ध्यान में रखकर बसपा को मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना जैसे राज्यों में अकेले चुनाव लड़कर दमखम दिखाना है.

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खोखले साबित होते रहे हैं दावे

बीजेपी 300 से ज्यादा सीटें लाने की बातें कर रही है, लेकिन उनकी बातों में भी कथनी और करनी का अंतर है. उनकी कथनी-करनी में कांग्रेस की तरह ही खास बदलाव नहीं आता है. सत्ता में रहने के दौरान इनके दावे भी खोखले ही साबित होते रहे है.

UCC से जुड़े नियमों पर करें विचार

इससे पहले मायवती ने समान नागरिक संहिता को लेकर भी अपना रुख स्प्षट किया था. बसपा प्रमुख ने बड़ा बयान देते हुए कहा था कि उनकी पार्टी समान नागरिक संहिता के विरोध में नहीं है. मगर संविधान इसे थोपने का समर्थन नहीं करता है. मायावती ने आगे कहा था कि बीजेपी को यूसीसी से जुड़े सभी आयामों पर विचार करना चाहिए. उन्होंने आगे कहा था कि हमारी पार्टी यूसीसी लागू करने के खिलाफ नहीं है. यूसीसी लागू करने के बीजेपी मॉडल पर हमारी असहमति है.

कमजोर नहीं, मजबूत होगा देश

उन्होंने आगे कहा था कि ये बात भी सोचने वाली है कि अगर हर धर्म के मानने वाले एक समान कानून लागू होता है तो इससे देश कमजोर नहीं, बल्कि मजबूत ही होगा. साथ ही लोगों में आपसी सद्भाव भी पैदा होगा. यह बात भी कहीं हद तक सही है. इसे ध्यान में रखते हुए ही भारतीय संविधान की धारा 14 में यूसीसी को बनाने का जिक्र किया गया है.

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