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'हर गड़बड़ी करने वाला यही बोलता है...', मनीष सिसोदिया पर पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी का तंज

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने सीएम मनीष सिसोदिया पर हमला बोला है. कहा कि हर गड़बड़ी करने वाला यही बोलता है कि मेरे हौसले नहीं तोड़ सकते. सत्येंद्र जैन ने भी ऐसा ही कहा था. सिसोदिया की गिरफ्तारी होने पर झारखंड सरकार में बैठे मंत्री और सीएम को भय पैदा हुआ.

वाराणसी पहुंचे झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी वाराणसी पहुंचे झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी
रोशन जायसवाल
  • वाराणसी,
  • 12 मार्च 2023,
  • अपडेटेड 4:46 PM IST

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया पर हमला बोला है. जेल में सिसोदिया द्वारा लिखे गए लेटर 'मुझे कष्ट पहुंचा सकते हैं लेकिन मेरे हौसले नहीं तोड़ सकते' पर बाबूलाल ने कहा कि हर गड़बड़ी करने वाला यही बोलता है. मंत्री सत्येंद्र जैन ने भी ऐसा ही कहा था. दरअसल, मरांडी रविवार को यूपी के वाराणसी पहुंचे. यहां वो बीजेपी की अनुसूचित जनजाति मोर्चा की बैठक में शामिल हुए. 

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छत्तीसगढ़ की कुछ कंपनियों के मुताबिक टेंडर नहीं था

उन्होंने बताया कि झारखंड सरकार ने शराब की दुकानों का टेंडर निकाला फिर कैंसिल किया. इसके बाद दोबारा टेंडर निकाला. इस दौरान पता चला कि छत्तीसगढ़ की कुछ कंपनियों के मुताबिक टेंडर नहीं था, इसी वजह से ये फैसला लिया गया. 

इसकी जानकारी होने पर अप्रैल 2022 में झारखंड के सीएम को पत्र लिखा कि गड़बड़ हो रही है. उन्हें चेताया भी कि इससे राजस्व का नुकसान और घोटाला होगा लेकिन सरकार ने नहीं सुना. नतीजा ये निकला कि झारखंड सरकार का शराब ब्रिकी से 2300 करोड़ के टारगेट से 700 करोड़ रुपया कम आया. 

सिसोदिया की गिरफ्तारी पर सरकार में भय पैदा हुआ

मरांडी ने कहा कि जब मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी हुई तब झारखंड सरकार में बैठे मंत्री और सीएम को भय पैदा हुआ. घोटाला तो हुआ है लेकिन और भी बड़ा होने वाला था. दिल्ली जिस कनेक्शन से जुड़ा हुआ है, KCR की बेटी से CBI से पूछताछ हुई है, KCR और उनकी बेटी भी रांची आए थे. लेकिन तब तक छत्तीसगढ़ की कंपनी को टेंडर मिल चुका था. ये पूरा एक ही नेक्सस है.

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कहा कि झारखंड शराब घोटाले की जिस दिन जांच होगी, बड़ा खेल सामने आएगा. 700 करोड़ का घोटाला तो सरकार ही मान रही है. मामले में CBI जांच की मांग की गई है. अगर सीएम खुद को निर्दोष मानते हैं तो मामले को CBI को सौंप देना चाहिए.

सत्ता पक्ष पर विपक्ष के 'सरकारी एजेंसियों के दुरुपयोग' के आरोप पर कहा कि आरोप तो वो लगाएंगे ही क्योंकि उन लोगों ने गड़बड़ी की है. जांच एजेंसियों को मोदी जी ने तो नहीं बनाया है. आर्थिक गड़बड़ी होने पर एजेंसी का काम ही है जांच करना. अगर गड़बड़ी नहीं की है तो विपक्ष को डरना नहीं होना चाहिए.

 

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