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UP: भारतीय सेना में भर्ती कराने के नाम पर ठगी... गिरोह का एक सदस्य गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) और मिलिट्री इंटेलिजेंस ने संयुक्त रूप से एक बड़े ठगी के मामले का खुलासा किया है, जिसमें भारतीय सेना के कैंटीन स्टोर डिपो में अस्थायी पदों पर नौकरी दिलाने के नाम पर लोगों से ठगी की जा रही थी. इस मामले में आरोपी धीरेन्द्र उर्फ ​​मनोज को गिरफ्तार किया गया, जो अस्थायी कंप्यूटर ऑपरेटर के रूप में कैंटीन स्टोर डिपो आगरा में कार्यरत था.

आरोपी. आरोपी.
आशीष श्रीवास्तव
  • लखनऊ,
  • 03 दिसंबर 2024,
  • अपडेटेड 7:51 PM IST

उत्तर प्रदेश एसटीएफ और मिलिट्री इंटेलिजेंस के संयुक्त अभियान में भारतीय सेना में अस्थायी पदों पर भर्ती कराने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह के सदस्य धीरेंद्र उर्फ मनोज को गिरफ्तार किया गया है. आरोपी अस्थायी कंप्यूटर ऑपरेटर है और सेना के कैंटीन स्टोर डिपो में नौकरी दिलाने के नाम पर लोगों से ठगी करता था.

दरअसल, धीरेंद्र उर्फ मनोज को 2 दिसंबर को आगरा के मधुनगर चौराहा से गिरफ्तार किया गया है. एसटीएफ और मिलिट्री इंटेलिजेंस ने सूचना मिलने के बाद इस गिरफ्तारी को अंजाम दिया. गिरफ्तार व्यक्ति के पास से विभिन्न दस्तावेज और सामान बरामद किए गए, जिनमें आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी, एटीएम कार्ड, बैंक ट्रांजेक्शन से संबंधित धोखाधड़ी के दस्तावेज, दो मोबाइल फोन, एक बाइक और 600 रुपये नकद शामिल है.

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कैसे हुआ ठगी का खुलासा

इस मामले की शुरुआत तब हुई, जब इटावा के एक निवासी अनिल यादव ने मिलिट्री इंटेलिजेंस को शिकायत दी कि मनीष भदौरिया और जसकरन पठानिया नामक आर्मी हवलदारों ने धीरेन्द्र उर्फ ​​मनोज के माध्यम से कैंटीन स्टोर डिपो आगरा में अस्थायी पदों पर नौकरी दिलाने के नाम पर उनसे ठगी की. शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि उसे इस प्रक्रिया के लिए भारी रकम दी गई थी.

मिलिट्री इंटेलिजेंस द्वारा जांच की गई और जानकारी सामने आई कि मनीष भदौरिया ने दिल्ली में सेना के अधिकारियों से सेटिंग करने का दावा किया था और उसने फर्जी दस्तावेज भेजकर लोगों से पैसे लिए थे. इस पर एसटीएफ ने कार्रवाई की और आरोपी मनोज को गिरफ्तार किया.

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आरोपी की भूमिका

गिरफ्तार आरोपी धीरेन्द्र उर्फ ​​मनोज ने पुलिस पूछताछ में बताया कि वह वर्तमान में आगरा के कैंटीन स्टोर डिपो में अस्थायी कंप्यूटर ऑपरेटर के रूप में कार्यरत है. आरोपी ने बताया कि मनीष भदौरिया और जसकरन पठानिया के साथ मिलकर वह लोगों से फर्जी तरीके से पैसे लेता था और व्हाट्सएप पर फर्जी दस्तावेज भेजकर उन्हें नौकरी दिलाने का झांसा देता था.

कानूनी कार्रवाई

गिरफ्तारी के बाद आरोपी के खिलाफ थाना सदर बाजार आगरा में एफआईआर संख्या 687/2024 धारा 318(4)/61(02) बीएनएस के तहत मामला दर्ज किया गया है. आगे की विधिक कार्रवाई स्थानीय पुलिस द्वारा की जाएगी. एसटीएफ और मिलिट्री इंटेलिजेंस की संयुक्त कार्रवाई ने इस गिरोह का भंडाफोड़ कर दिया है और अब जांच जारी है.

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