
ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क थाना क्षेत्र में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के नाम पर रंगदारी मांग रहा था. इस गिरोह ने एक निजी होस्टल संचालक से 2 करोड़ रुपये की मांग की थी और उसे डराने के लिए उसकी कार पर फायरिंग भी की थी. इस मामले में पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है.
दरअसल, 22 फरवरी को ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क थाना क्षेत्र में एक निजी होस्टल संचालक गौरव गिरी पर बाइक सवार बदमाशों ने फायरिंग की थी. इसके बाद वॉट्सएप कॉल कर गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के नाम पर 2 करोड़ रुपये की रंगदारी मांगी गई. इस घटना से गौरव गिरी भयभीत हो गए और उन्होंने तुरंत नॉलेज पार्क थाना पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल एफआईआर दर्ज की और जांच के लिए टीमें गठित कीं.
जांच और आरोपियों की गिरफ्तारी
जांच के दौरान पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी और उन्होंने इस मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तार आरोपियों की पहचान बुलंदशहर निवासी सोनू, दीपक नागर, पीके भाटी और मेरठ निवासी अर्चित के रूप में हुई. पूछताछ में चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि इस पूरी साजिश के पीछे सोनू नाम के व्यक्ति का हाथ था, जो होस्टल कैंटीन का संचालन करता था.
गिरोह की साजिश
गिरफ्तार आरोपी सोनू ने अपने दोस्त पीके भाटी के साथ मिलकर यह साजिश रची थी. सोनू को पता था कि गौरव गिरी ग्रेटर नोएडा में कई होस्टल चलाते हैं और उसने यह सोचकर उन्हें निशाना बनाया कि वे डरपोक होंगे और रंगदारी की रकम आसानी से दे देंगे. आरोपियों ने लॉरेंस बिश्नोई के नाम पर गौरव गिरी को वॉट्सएप कॉल कर 2 करोड़ रुपये की मांग की और फिर उनकी कार पर फायरिंग कर दी.
पुलिस जांच में बड़ा खुलासा
पूछताछ में आरोपियों ने कबूल किया कि उन्होंने सिर्फ डराने के लिए गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के नाम का इस्तेमाल किया था, जबकि उनका किसी गैंग से कोई संबंध नहीं है. हालांकि, पुलिस अभी भी यह जांच कर रही है कि कहीं आरोपियों के अन्य आपराधिक गिरोहों से संबंध तो नहीं हैं. पुलिस ने चारों आरोपियों के कब्जे से दो पिस्टल, सात कारतूस और दो तमंचे बरामद किए हैं.
पुलिस का बयान
एडीसीपी अशोक कुमार ने बताया कि 22 फरवरी को निजी होस्टल संचालक को धमकी देने की शिकायत पर कार्रवाई की गई थी. जांच के दौरान एक कैफे संचालक से पूछताछ की गई, जिससे मामले का खुलासा हुआ और चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया. अब पुलिस गिरोह के अन्य सदस्यों और हथियार आपूर्तिकर्ताओं की तलाश कर रही है.