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लोन न जमा करने पड़े इसलिए जीवित पति को दिखा दिया मृत... गोरखपुर से चार गिरफ्तार

गोरखपुर में चार महिलाओं ने पहले एक समूह से लोन लिया. वहीं, लोन न जमा करने पड़े इसलिए अपने पति को ही मृत दिखाकर फर्जी मृतक सर्टिफिकेट बनवा कर जमा कर दिया. हालांकि, जब पूरे मामले की जांच की गई तो खुलासा हो गया.

सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर
रवि गुप्ता
  • गोरखपुर,
  • 25 मार्च 2025,
  • अपडेटेड 9:52 AM IST

गोरखपुर से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. जहां एक समूह की कुल चार महिलाओं ने लोन का किश्त न जमा करने के लिए अपने जिंदा पति का मृत्यु प्रमाण पत्र बनवा डाला और उसे बैंक में जमा कर दिया. हालांकि, इसकी जांच जब समूह अधिकारियों द्वारा की गई तो पूरे मामले की पोल खुल गई. 

जानकारी के अनुसार गोरखपुर के गोला थाना क्षेत्र की चार महिलाओं ने अपने जीवित पति का मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाकर बैंक में जमा कर दिया और लोन की किश्तों को जमा नहीं किया. यहीं नहीं पूर्व जमा की गई किश्तों को भी डेथ पे एमाउंट के रूप में ले लिया. बैंक की शिकायत पर जब पुलिस हरकत में आयी तब जाकर पूरा मामला सामने आया. स्थानीय पुलिस ने जब गहनता से जांच किया तो चार महिलाओं के पति जीवित मिले. जिसके बाद उनको गिरफ्तार कर रविवार को धारा 406, 419, 467, 368, 471 में जेल भेज दिया जबकि अन्य कई के प्रमाण पत्रों का सत्यापन किया जा रहा है.

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समूह के तहत लिया था लोन

मिली जानकारी के अनुसार कस्बा स्थित भारत फाइनेंसियल इंक्लूजन लिमिटेड 100% सब्सिडीयरी इंडसइंड बैंक ग्रामीण व अर्ध शहरी क्षेत्रों में महिलाओं का समूह बनाकर स्वरोजगार एवं आय सृजन हेतु लोन व उसका आसान किश्तों में संग्रह करता है. ऐसे में समूह बनाकर कुछ महिलाओं ने लोन तो ले लिया लेकिन पैसे को जमा न करने का एक अनोखा बहाना तलाशा. समूह से जुड़ी कुल चार महिलाओं ने फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाकर डेथ पे एमाउंट भी हड़प लिया. साथ ही पालिसी के नियमानुसार यदि पति की मृत्यु हो जाती है तो बचा हुआ किश्त भी माफ हो जाता. इसी के लालच में आकर कुल चार महिलाओं ने फर्ज़ीवाड़ा किया.

क्या कहना है पुलिस का?

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इस मामले में गोला थाना के प्रभारी देवेश कुमार शर्मा ने बताया कि एक समूह के तहत कई महिलाओं ने इंडसइंड बैंक से लोन लिया था. उस पॉलिसी के तहत यदि लाभार्थी का पति मर जाता है तो लोन का किश्त नहीं देना था, साथ ही पूर्व में दिए गए पैसे भी डेथ पे अमाउंट के रूप में मिल जाती है. इसी पॉलिसी का लाभ लेने के लिए चार महिलाओं ने बैंक में फर्ज़ीवाड़ा किया और ग़लत मृत्यु प्रमाण पत्र लगा दिया. हालांकि, जब जांच की गई तो इन सभी के पति जीवित मिले. जिसके बाद चारों महिलाओं को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया. 

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