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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को गोरखपुर के गौरव म्यूजियम के निर्माण स्थल का निरीक्षण किया. इस अवसर पर उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि म्यूजियम की गैलरियों में वैदिक काल, रामायण काल और उपनिषदों तथा पुराणों में वर्णित काल की जानकारी प्रदर्शित की जाए.
मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने यह भी कहा कि म्यूजियम में नाथ परंपरा और बुद्ध काल की जानकारी शामिल करनी चाहिए. उन्होंने जोर देकर कहा कि म्यूजियम में पूर्वांचल के लोगों के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान को भी दर्शाया जाना चाहिए, जिससे नई पीढ़ी को अपने इतिहास और संस्कृति से अवगत कराया जा सके.
उत्तर प्रदेश सरकार ने इस निरीक्षण के दौरान जनप्रतिनिधियों, वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों और स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों की उपस्थिति की पुष्टि की.
सरकार के एक बयान के अनुसार, गौरव म्यूजियम का निर्माण पर्यटन विभाग द्वारा 1.6 एकड़ भूमि पर लगभग 21 करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा है. इसका उद्देश्य घरेलू और विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करना है.
बयान में यह भी कहा गया है कि म्यूजियम में 250 व्यक्तियों की क्षमता वाला एक ऑडिटोरियम, स्मृति चिन्ह की दुकान, कार्यशाला, ऑडियो-विजुअल कमरा और कैफेटेरिया होगा.
मुख्यमंत्री ने म्यूजियम के माध्यम से गोरखपुर और पूर्वांचल की सांस्कृतिक धरोहर को प्रदर्शित करने के महत्व पर भी प्रकाश डाला. उनका कहना था कि यह म्यूजियम न केवल ऐतिहासिक जानकारी का संग्रह होगा, बल्कि यह एक शैक्षिक और पर्यटन केंद्र के रूप में भी कार्य करेगा, जिससे क्षेत्र के विकास को भी बढ़ावा मिलेगा.
आदित्यनाथ के इस निरीक्षण से स्पष्ट होता है कि प्रदेश सरकार संस्कृति और पर्यटन के क्षेत्र में सुधार के लिए गंभीर है और इस दिशा में ठोस कदम उठा रही है.