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ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी बोर्ड का बड़ा फैसला, 56 हजार हेक्टेयर में बसेगा ग्रेनो फेज-2

ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी बोर्ड की बैठक में फैसला लिया गया है कि 56 हजार हेक्टेयर एरिया में ग्रेनो फेस-2 बसाया जाएगा. इसके साथ ही किसानों की लंबे समय से चली आ रही अलग-अलग मांगों को भी पूरा किया गया है.

फाइल फोटो फाइल फोटो
तनसीम हैदर
  • ग्रेटर नोएडा,
  • 13 अगस्त 2023,
  • अपडेटेड 8:33 PM IST

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड की बैठक में फैसला लिया गया है कि 56 हजार हेक्टेयर एरिया में ग्रेनो फेस-2 बसाया जाएगा. इसके साथ ही किसानों की लंबे समय से चली आ रही मांग को भी प्राधिकरण ने पूरा कर दिया है. बोर्ड ने शनिवार को हुई बैठक में किसानों के पक्ष में तीन अहम फैसले लिए हैं, जिनमें आबादी की जमीन पर घर बनाने और ग्रामीण आबादी पर अब 15 मीटर की ऊंचाई तक निर्माण शामिल हैं. 

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औद्योगिक विकास आयुक्त और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के चेयरमैन मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में शनिवार को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की 131 वीं बोर्ड बैठक हुई. इसमें ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार, नोएडा प्राधिकरण के सीई,ओ डॉ. लोकेश एम और यमुना प्राधिकरण के एसीईओ कपिल सिंह समेत कई अधिकारी शामिल हुए. जिसमें यह तीनों प्रस्ताव रखे गए, जिस पर बोर्ड ने मुहर लगा दी है.  

56 हजार हेक्टेयर एरिया में बसेगा ग्रेनो फेस-2  

इस बैठक में फैसला लिया गया है कि ग्रेटर नोएडा का फेस-2 करीब 56 हजार हेक्टेयर में बसाया जाएगा. प्राधिकरण बोर्ड ने मास्टर प्लान 2041 को मंजूरी दे दी है. ग्रेटर नोएडा का पहला फेज 31,733 हेक्टेयर का है. दोनों चरण विकसित होने के बाद ग्रेटर नोएडा कुल लगभग 71 हजार हेक्टेयर का हो जाएगा. ग्रेटर नोएडा फेस-2 में उद्योगों को अधिक प्राथमिकता दी जाएगी. इसके अलावा आवासीय, ग्रामीण आबादी, मिक्स लैंड यूज, ग्रीनरी, संस्थागत, और ट्रांसपोर्ट के लिए एरिया प्रस्तावित की गई है.  

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आबादी की जमीन पर बना पाएंगे घर 

बोर्ड ने फैसला किया है कि भविष्य में किसान आबादी की जमीन पर अपना घर बना सकेंगे, इसके लिए किसी भी तरह का विलंब शुल्क नहीं मिलेगा. हालांकि अगर किसान ने वह जमीन बेच दी है तो यह छूट नहीं मिलेगी. इसके अलावा किसानों की एक और पुरानी मांग को बोर्ड ने मंजूरी दी है.  

फ्लैट आवंटियों को भी मिली राहत  

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने अपने फ्लैट आवंटियों को बड़ी राहत दे दी है. बोर्ड ने शनिवार को बहुमंजिला फ्लैटों के आवंटियों के लिए एकमुश्त समाधान योजना (ओटीएस) को मंजूरी दे दी है. अब यह ओटीएस तीन माह के लिए लागू होगी, जिससे प्रीमियम, अतिरिक्त प्रतिकर व लीज डीड विलंब शुल्क पर लगी पेनल्टी से राहत मिल जाएगी. इससे करीब 2200 फ्लैट खरीदारों को फायदा मिलने की उम्मीद है. इससे प्राधिकरण को करीब 468 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है.  

पानी के बकाया बिल पर लंबे समय से विवाद 

बोर्ड के फैसले के बाद ग्रेटर नोएडा व ग्रेनो वेस्ट में पानी के बकाया बिलों को लेकर लंबे समय से चल रहा विवाद अब खत्म हो सकेगा. ग्रेनो प्राधिकरण बोर्ड ने साफ कर दिया है कि अपार्टमेंट ऑनर्स एसोसिएशन (AOA) के गठन की तारीख से पानी का बिल AOA देगा, जबकि इससे पहले का बिल बिल्डर को जमा करना होगा.   

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करीब 200 सोसाइटी हो रही हैं विकसित 

ग्रेटर नोएडा और ग्रेटर नोएडा वेस्ट में करीब 200 सोसाइटी विकसित हो रही हैं. इनमें से अब तक करीब 35 सोसाइटी के पानी के बिल को लेकर बिल्डर और AOA में लंबे समय से विवाद चल रहा है. अब तक कोई स्पष्ट पॉलिसी न होने की वजह से अड़चन आ रही थी. बिल्डर हैंडओवर होते ही सभी बकाया देयता के लिए एओए को जिम्मेदार बताने लगे हैं, जबकि AOA हैंडओवर से पहले के सभी देयता के लिए बिल्डर को जिम्मेदार मानते हैं. 

 

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