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यूपी में शहर-शहर GST के छापे, शटर बंद कर भाग रहे व्यापारी, विपक्ष ने सरकार को घेरा

यूपी के कई जिलों में जीएसटी विभाग की टीमें छापा मार कार्रवाई कर रही हैं. दुकानों पर जाकर सर्वे किया जा रहा है और गड़बड़ी पाए जाने पर जुर्माना लगाया जा रहा है. इन सर्वे की कार्रवाईयों की वजह से व्यापारियों में डर देखने को मिल रहा है. दुकानदारों का कहना है कि सर्वे के नाम पर उनका उत्पीड़न किया जा रहा है.

यूपी में जीएसटी टीमों के छापे की खबर मिलते ही बाजारों में दुकानदार शटर गिरा देते हैं. (फोटो- ट्विटर) यूपी में जीएसटी टीमों के छापे की खबर मिलते ही बाजारों में दुकानदार शटर गिरा देते हैं. (फोटो- ट्विटर)
उदित नारायण
  • नई दिल्ली,
  • 11 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 10:13 PM IST

यूपी में नगर निगम चुनाव से पहले वस्तु एवं सेवा कर (Goods and Services Tax) की टीमों के छापे से व्यापारी परेशान देखे जा रहे हैं. पूरे प्रदेश में जीएसटी की टीमें पहुंच रही हैं और टैक्स चोरी पाए जाने पर जुर्माना वसूल रही हैं. छापों के डर से बाजारों में सन्नाटा देखा जा रहा है. कई जगहों पर व्यापारियों के विधायकों और मंत्रियों के घेराव करने की भी खबरें हैं. व्यापारियों का आरोप है कि छापे की आड़ में उनका उत्पीड़न किया जा रहा है. रविवार को ललितपुर जिले में कई व्यापारियों ने राज्यमंत्री मनोहर लाल पंथ और बीजेपी विधायक रामरतन कुशवाहा के आवास का घेराव कर दिया. 

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ललितपुर के इन व्यापारियों का कहना था कि रजिस्टर्ड व्यापारियों के प्रतिष्ठानों पर ही जीएसटी की टीमें छापे मारने पहुंच रही हैं. ईमानदार व्यापारियों को परेशानी उठानी पड़ रही है. सर्वे छापे की आड़ में इंस्पेक्टर राज और भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिल रहा है. आरोप है कि जांच में कुछ टेक्निकल खामियां निकाली जाती हैं और फिर कार्रवाई का दबाव डाला जाता है. प्रतिष्ठानों को सीज करने की धमकी दी जाती है. बाद में बिना टैक्स एसेसमेंट किए पेनाल्टी जमा करवाई जाती है. 

बाजार में अफवाहों से भी शटर गिराकर भाग रहे व्यापारी

औरेया, फिरोजाबाद, औरेया, झांसी, महोबा, कानपुर, ललितपुर समेत लगभग सभी जिलों में जीएसटी की टीमें छापेमार कार्रवाई कर रही हैं. बताया जा रहा है कि हालत ये हैं कि जीएसटी टीम की रेड की अफवाह से ही पूरे मार्केट की धड़ाधड़ शटरें गिरा दी जाती हैं. बाजार में कुछ ही पलों में सन्नाटा छा जाता है. जो दुकानें रजिस्टर्ड नहीं हैं या फिर उन्हें कार्रवाई का डर सता रहा है, वे दुकानें बंद करके घरों में बैठे हैं. व्यापारी बताते हैं कि जो दुकानदार जीएसटी के दायरे में नहीं है, उन्हें भी छापेमारी के नाम पर परेशान किया जा रहा है.

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स्थानीय जनप्रतिनिधियों का घेराव कर रहे व्यापारी

बताते चलें कि यूपी में नगर निगम चुनाव का शंखनाद हो गया है. पूरे प्रदेश के निकायों का आरक्षण घोषित कर दिया गया है. सत्ताधारी बीजेपी समेत अन्य राजनीतिक दल चुनावों की तैयारी में जुटे हैं. इस बीच, जीएसटी के छापे व्यापारियों के साथ स्थानीय सत्ताधारी पार्टी के जनप्रतिनिधियों को भी परेशान कर रहे हैं. व्यापारी स्थानीय नेताओं के पास पहुंच रहे हैं और उत्पीड़न रोकने की मांग कर रहे हैं. फिलहाल, व्यापारियों को मदद का भरोसा दिया जा रहा है.

सरकार का व्यापारियों के प्रति नेगेटिव रवैया: अखिलेश

वहीं, सपा, कांग्रेस समेत विपक्षी दल भी इसे मुद्दा बनाने की कोशिश में जुटे हैं. पूर्व मुख्यमंत्री और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बीजेपी सरकार पर हमला बोला है. अखिलेश ने कहा- उत्तर प्रदेश के सभी व्यापार संगठनों को संयुक्त रूप से जीएसटी की पक्षपातपूर्ण छापेमारी का विरोध करना चाहिए. सपा हर व्यापारी के साथ है. व्यापारियों के प्रति नकारात्मक दृष्टिकोण यूपी में घटते व्यापार को और घटायेगा. ये छापेमारी भ्रष्टाचार का नया तरीका है. निंदनीय.

'मंदी और कोरोना की मार से टूट गए व्यापारी'

कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य कहते हैं कि यूपी में इस समय अफसरों का आर्थिक आतंक देखने को मिल रहा है. व्यापारी पहले से ही मंदी की मार झेल रहे हैं. इससे पहले कोरोना की वजह से पूरी तरह टूट गए थे. इसके बावजूद उनका उत्पीड़न किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि एक दिन पहले कानपुर में आर्थिक तंगी की वजह से एक व्यापारी ने सुसाइड कर ली. ये व्यापारी उरई से नगर पालिका अध्यक्ष के दामाद थे. 

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मुख्यमंत्री को पत्र लिखेंगे: पूर्व केंद्रीय मंत्री

प्रदीप ने कहा कि एक तरफ आर्थिक मंदी है तो दूसरी तरफ व्यापारी हताश परेशान है. यूपी सरकार बिजली का बिल बढ़ाकर भेज रही है. जल कर के नाम पर 3 साल के बकाया का नोटिस दिया जा रहा है और वसूली के लिए दबाव बनाया जा रहा है. यूपी में रोज एक व्यापारी सुसाइड कर रहा है. हमारे पास झांसी, ललितपुर समेत बुंदेलखंड के जिलों से व्यापारियों को परेशान करने की सूचनाएं आ रही हैं. हम जल्द ही यूपी के मुख्यमंत्री को पत्र लिखेंगे और उत्पीड़न की कार्रवाई रोकने की मांग करेंगे.

औरेया में विधायक का घेराव कर ज्ञापन सौंपते व्यापारी.

औरेया: विधायक का घेराव किया, सौंपा ज्ञापन

जीएसटी की छापेमारी से परेशान व्यापारियों का कहना है कि अभी कोरोना की मार से नहीं उबर पाए हैं. अब इस छापेमारी से शोषण किया जा रहा है. व्यापारी संगठन के लोगों ने सदर विधायक गुड़िया कठेरिया का घेराव किया और ज्ञापन सौंपा. गुड़िया कठेरिया ने आश्वासन दिया है कि वे ज्ञापन को मुख्यमंत्री तक पहुंचाएंगी और हरसंभव मदद करेंगी. इस संबंध में सीएम से मुलाकात भी करेंगी. व्यापारी नेता संजय दीक्षित ने कहा कि ये इंस्पेक्टर राज व्यापारियों का शोषण करने में लगा है. अगर ये बंद नहीं हुआ तो आंदोलन किया जाएगा. व्यापार मंडल अध्यक्ष बबलू बाजपेई ने कहा- व्यापारियों का उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

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फिरोजाबाद: छापेमारी से व्यापारियों में रोष, विधायक को ज्ञापन दिया

फिरोजाबाद के कई इलाकों में जीएसटी विभाग के अधिकारी दुकानों पर जाकर सर्वे कर रहे हैं. जसराना में सर्वे किया गया, जिसके डर से दुकानदार परेशान हो गए. शिकोहाबाद में भी तीन अलग-अलग दुकानों पर सर्वे किया गया. गुस्साए व्यापारियों ने गांधी पार्क स्थित भारत माता पार्क के सामने एक मीटिंग की. व्यापारियों का कहना है कि उन्होंने जुर्माने समेत टैक्स भी जमा करा दिया, इसके बावजूद परेशान किया जा रहा है. व्यापारियों ने पहले जिलाधिकारी को पूरी स्थिति से अवगत कराया. उसके बाद भाजपा के सदर विधायक मनीष असीजा के आर्यनगर स्थित घर जाकर एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें कहा गया कि ऐसे व्यापारियों का भी सर्वे किया जा रहा है जो नियमित रूप से टैक्स दे रहे हैं. जीएसटी के टीम लीडर विनोद कुमार और सतीश कुमार सिंह का कहना था कि इसमें व्यापारियों को परेशान होने की जरूरत नहीं है. ये एक रूटीन प्रक्रिया है. इस बारे में सदर विधायक मनीष असीजा ने कहा कि किसी भी व्यापारी का किसी भी परिस्थिति में उत्पीड़न सहन नहीं किया जाएगा. (इनपुट- औरेया से सूर्य शर्मा और फिरोजाबाद से सुधीर शर्मा)


 

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