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70 साल से ज्यादा उम्र के 123 आरोपियों की हिस्ट्रीशीट बंद... हरदोई पुलिस की पहल, समाज की मुख्यधारा में लौटने का दिया मौका!

उत्तर प्रदेश के हरदोई में पुलिस ने 70 वर्ष और उससे अधिक उम्र के आरोपियों की हिस्ट्रीशीट बंद करने का फैसला किया है. यह फैसला पुलिस अधीक्षक ने 'ऑपरेशन कवच के तहत किया है. इस पहल में हिस्ट्रीशीटरों की स्थिति की समीक्षा की गई. पुलिस का कहना है कि इन बुजुर्गों को समाज की मुख्यधारा में लौटने का मौका दिया गया है.

पुलिस ने बुजुर्ग आरोपियों की हिस्ट्रीशीट बंद की. (Representational image) पुलिस ने बुजुर्ग आरोपियों की हिस्ट्रीशीट बंद की. (Representational image)
aajtak.in
  • हरदोई,
  • 07 फरवरी 2025,
  • अपडेटेड 9:00 AM IST

उत्तर प्रदेश के हरदोई में पुलिस ने एक अनूठी पहल करते हुए 70 साल और उससे अधिक उम्र के आरोपियों की हिस्ट्रीशीट बंद करने का फैसला किया है. 'ऑपरेशन कवच' के तहत की गई इस कार्रवाई का उद्देश्य उन बुजुर्ग आरोपियों को राहत देना है, जिन्होंने बीते कई वर्षों से कोई अपराध नहीं किया.

एजेंसी के अनुसार, पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में हुई इस समीक्षा में पाया गया कि जिले में 123 से अधिक ऐसे आरोपी हैं, जो उम्र के इस पड़ाव पर अपराध से दूर हो चुके हैं. पुलिस ने इन बुजुर्गों को समाज की मुख्यधारा में लौटने का मौका देते हुए न केवल उनकी हिस्ट्रीशीट बंद कर दी, बल्कि उन्हें थाने में हाजिरी लगाने से भी मुक्त कर दिया.

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एसपी द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, जिले में कुल 2,200 हिस्ट्रीशीटर की गहन जांच की गई. इसमें सामने आया कि इनमें से 123 आरोपी 70 वर्ष या उससे अधिक उम्र के हैं, जबकि 24 आरोपी 80 वर्ष से अधिक और दो 90 वर्ष से भी ज्यादा उम्र के हैं. इनमें से कई ऐसे थे, जिन्होंने पिछले 10, 20 या 30 वर्षों से कोई अपराध नहीं किया था.

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इन तथ्यों को ध्यान में रखते हुए एसपी ने इन बुजुर्गों को पुलिस कार्यालय बुलाकर उनकी हिस्ट्रीशीट बंद करने की घोषणा की. उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि अब से उन्हें नियमित रूप से थाने में हाजिरी लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. बैठक के दौरान इन बुजुर्गों ने भविष्य में कोई अपराध न करने की शपथ ली.

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इस मौके पर एसपी ने कहा कि यह सिर्फ अपराध कम करने का प्रयास नहीं है, बल्कि इन बुजुर्गों को समाज में पुनः सम्मान दिलाने और उनके जीवन में सुधार लाने की एक पहल भी है. यह कदम कानून व्यवस्था को मजबूत करने के साथ-साथ पुलिस और जनता के बीच विश्वास बढ़ाने का भी एक प्रयास है. इस मानवीय पहल के माध्यम से पुराने आरोपियों को सुधार का मौका दिया जा रहा है, ताकि वे समाज में एक सामान्य जीवन व्यतीत कर सकें. 

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