Advertisement

हाथरस का सत्संग ग्राउंड बना 'श्मशान', भगदड़ में 121 लोगों की मौत का जिम्मेदार कौन?

हाथरस के सिंकदराराऊ ट्रॉमा सेंटर के बाहर दिल दहला देने वाला मंजर था. भगदड़ में जान गंवाने वालों और बेहोश लोगों को एंबुलेंस में भरकर लाया गया, एंबुलेंस कम पड़ गईं तो लोग शवों को कार में भरकर अस्पताल लाने लगे, कार कम पड़ गई तो ऑटो में घायलों और दम तोड़ चुके लोगों को लाया जाने लगा. ऑटो कम पड़ गया तो टैंपों में भरकर उन लोगों को अस्पताल लाया गया.

हाथरस हादसे के बाद करुण क्रंदन करतीं महिलाएं (सभी फोटो- पीटीआई) हाथरस हादसे के बाद करुण क्रंदन करतीं महिलाएं (सभी फोटो- पीटीआई)

हाथरस के पुलराई गांव में मंगलवार (2 जुलाई) का दिन अमंगलकारी रहा. भोले बाबा नामक शख्स के सत्संग में भगदड़ मच गई, हादसे में अभी तक 121 लोगों की मौत हो गई है. भगदड़ दोपहर करीब डेढ़ बजे मची थी. सत्संग कराने वाला बाबा जो खुद को नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा कहता है, वो अंडरग्राउंड है. उसका कुछ पता नहीं चला है. हालांकि देर रात यूपी पुलिस ने 'भोले बाबा' की तलाश में मैनपुरी जिले के राम कुटीर चैरिटेबल ट्रस्ट में सर्च ऑपरेशन चलाया. वहीं आईजी शलभ माथुर ने कहा कि सत्संग आयोजकों के खिलाफ FIR दर्ज हो रही है. उधर, हाथरस की घटना को लेकर सीएम योगी ने बैठक की है. मुख्यमंत्री घटनास्थल पर भेजे गए तीनों मंत्रियों, मुख्य सचिव और DGP से लगातार संपर्क में हैं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि घटना का दोषी कोई भी हो, वो बचेगा नहीं, उस पर कठोर कार्रवाई होगी. 

Advertisement

जानकारी के मुताबिक मंगलवार को हुए सत्संग में करीब 1 से डेढ़ लाख लोग (भक्त) शामिल हुए थे. करीब 50 से 60 बीघा खेत में पंडाल लगाया गया था. सत्संग खत्म होने के बाद लोग अचानक बाहर की ओर निकले, लेकिन एग्जिट गेट बेहद संकरा था और रास्ते में नाला था. आसपास कीचड़ थी. इसी दौरान भगदड़ मची और लोग एक के ऊपर एक नाले में गिर गए और वहां करीब डेढ़-2 घंटे तक दबे रहे. 

एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि खेत में सत्संग का पंडाल लगा हुआ था. सत्संग का समापन होने के बाद गुरुजी की कार निकली. उनके चरण छूने के लिए लोग दौड़ पड़े और भगदड़ मच गई. कई लोग एक के ऊपर एक गिरते गए. 

ये भी पढ़ेंः 'यौन शोषण तक का केस दर्ज है, काहे बात के बाबा, कौन से बाबा...', हाथरस भगदड़ पर बोले पूर्व DGP विक्रम सिंह
 
अस्पताल के बाहर दिल दहला देने वाला मंजर

Advertisement

हादसे के बाद लोग आनन-फानन में शवों और घायलों को अस्पताल लेकर पहुंचे. हाथरस के सिंकदराराऊ ट्रॉमा सेंटर के बाहर दिल दहला देने वाला मंजर था. भगदड़ में जान गंवाने वालों और बेहोश लोगों को एंबुलेंस में भरकर लाया गया, एंबुलेंस कम पड़ गईं तो लोग शवों को कार में भरकर अस्पताल लाने लगे, कार कम पड़ गईं तो ऑटो में घायलों और दम तोड़ चुके लोगों को हॉस्पिटल लाया जाने लगा. ऑटो कम पड़ गए तो टैंपों में भरकर लोगों को अस्पताल लाया गया. 
 

अस्पताल में चारों तरफ सुनाई दे रहीं चीत्कार

जिंदा और जान गंवा चुके लोगों को अस्पताल तक लाने में स्ट्रेचर तक कम पड़ गए. अस्पतालों में चारों तरफ चीत्कार सुनाई देने लगी. पहले सत्संग में इतने भक्त जुटे कि आयोजन कराने वाले और प्रशासन के इंतजाम कम पड़ गए, फिर हादसे में घायल इतने बढ़ गए कि अस्पताल तक लाने में गाड़ियां कम पड़ गईं, फिर जान गंवाने वालों का आंकड़ा इतना बढ़ गया कि तुरंत सबको ओढ़ाने के लिए कफन तक कम पड़ गए. भगदड़ में अपने बेटे को खोने वाली एक मां ने कहा कि हम तो दर्शन करने आए थे, बहुत भीड़ हो गई, बिट्टू को गोदी में लिए थे. बच्चा नीचे आ गया, भगदड़ मच गई थी. उसके बाद बिट्टू अपने पैरों पर खड़ा नहीं हो सका. 

Advertisement


सत्संग में भगदड़ कैसे मच गई, उठ रहे ये सवाल

पहला-
बिना इंतजाम के इतने लोगों की इजाजत क्यों दी गई?
दूसरा- अनगिनत लोगों का आंकड़ा देने पर प्रशासन क्यों माना?
तीसरा- भारी भीड़ उमड़ने के बाद भी प्रशासन अलर्ट क्यों नहीं हुआ?
चौथा- बाबा पर पहले भी उल्लंघन के आरोप लगे हैं तो एक्शन क्यों नहीं लिया?
पांचवां- क्या भीड़ बेकाबू हुई या फिर इंतजाम नाकाफी थे?
छठा- क्या आयोजको की गलती से मौत की चीख मची?

ये भी पढ़ेंः 'पंडाल से गुरुजी की कार निकली, लोग उनके चरण छूने के लिए दौड़े और...', हाथरस भगदड़ के पीड़ितों की आपबीती

 

 

PM मोदी और CM योगी ने किया आर्थिक सहायता का ऐलान

सीएम योगी आदित्यनाथ ने भगदड़ में मारे गए लोगों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की और अधिकारियों को दुर्घटनास्थल पर पहुंचकर राहत कार्य करने के निर्देश दिए. प्रधानमंत्री कार्यालय ने भगदड़ में मारे गए प्रत्येक व्यक्ति के परिजनों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से 2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की और घायलों को 50,000 रुपये देने का ऐलान किया. सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी मृतकों के परिजनों को 2 लाख और घायलों को 50 हजार रुपए की आर्थिक सहायता का ऐलान किया है. योगी सरकार ने कहा कि कार्यक्रम के आयोजकों के खिलाफ FIR दर्ज की जाएगी. 

Advertisement

जिला प्रशासन ने हर जिले के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किया 

- आगरा जोन कंट्रोल- 7839866849 
- अलीगढ़ रेंज कंट्रोल- 7839855724 
- आगरा रेंज कंट्रोल- 7839855724 
- हाथरस कंट्रोल- 9454417377 
- एटा कंट्रोल- 9454417438 
-अलीगढ़ कंट्रोल- 7007459568


भगदड़ पर क्या बोले सीएम योगी?

सीएम योगी आदित्यनाथ का कहना है, ''घटना बेहद दुखद और दिल दहला देने वाली है...स्थानीय आयोजकों ने 'भोले बाबा' का कार्यक्रम आयोजित किया था. कार्यक्रम के बाद जब सत्संग के प्रचारक नीचे आ रहे थे मंच पर अचानक श्रद्धालुओं की भीड़ उन्हें छूने के लिए उनकी ओर बढ़ने लगी और जब सेवादारों ने उन्हें रोका तो वहां यह हादसा हो गया. इस पूरे मामले की जांच के लिए हमने एडिशनल डीजी आगरा की अध्यक्षता में एक टीम गठित कर दी है. उन्हें विस्तृत रिपोर्ट देनी है. घटना के मद्देनजर राज्य के मुख्य सचिव और डीजीपी वहां कैंप कर रहे हैं. राज्य सरकार के तीन मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण, संदीप सिंह, असीम अरुण तीनों घटनास्थल पर हैं."

ये भी पढ़ेंः हादसे के बाद आज हाथरस में ही रुकेंगे DGP और मुख्य सचिव, आज CM योगी को सौंपेंगे विस्तृत रिपोर्ट

14 लोगों की शिनाख्त

पुलिस ने बताया कि हाथरस के सत्संग में मची भगदड़ में मरने वालों में से 14 लोगों की शिनाख्त हो गई है. ये मृतक कासगंज, एटा, शाहजहांपुर, हाथरस, बुलंदशहर और मथुरा के हैं.

Advertisement

IG बोले- सभी आयोजकों पर दर्ज होगी FIR

आईजी शलभ माथुर ने बताया कि सत्संग के आयोजकों के खिलाफ मामला दर्ज किया जा रहा है. अभी तक हमारे पास 121 मृतकों की पुष्टि हुई है. कुछ घायल भी हैं, जिनका इलाज चल रहा है. शवों का पोस्टमार्टम अलग-अलग जगहों पर किया जा रहा है. FIR दर्ज की जा रही है. जो भी धाराएं होंगी, उसके तहत केस दर्ज हो रहा है. जिन आयोजकों ने आयोजन की परमिशन ली है, उनके खिलाफ एफआईआर हो रही है. हाईलेवल जांच के आदेश कर दिए गए हैं.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement