Advertisement

आधी रात को भोले बाबा के आश्रम में घुसी पुलिस, लेकिन खाली हाथ लौटी... तो कहां गया हाथरस कांड का गुनहगार?

Hathras Stampede: हाथरस में सत्संग के बाद भगदड़ में 121 लोगों की मौत से पूरा देश हिल गया है. बीती रात सूरज पाल उर्फ भोले बाबा के मैनपुरी आश्रम में पुलिस ने छापेमारी की. अफसर करीब एक घंटे तक आश्रम में रहे. हाथरस में मची भगदड़ के मामले में FIR दर्ज की गई है, लेकिन उसमें भोले बाबा का नाम नहीं है, जिसके सत्संग में बड़ी संख्या में लोग जुटे थे.

मैनपुरी में आश्रम के बाहर मौजूद पुलिस. मैनपुरी में आश्रम के बाहर मौजूद पुलिस.
संतोष शर्मा
  • मैनपुरी,
  • 04 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 10:15 AM IST

Hathras Stampede: सूरजपाल उर्फ भोले बाबा के आश्रम पर अचानक आधी रात में मैनपुरी पुलिस ने छापेमारी कर दी. इस दौरान एसपी सिटी, सीओ भोगांव के साथ पुलिस टीम आश्रम में पहुंची थी. पुलिस टीम आश्रम के अंदर करीब 1 घंटे से ज्यादा तक रही. अफसर जब बाहर निकले तो कहने लगे कि हम सिर्फ सुरक्षा व्यवस्था देखने आए थे. बाबा अंदर नहीं है. अंदर 50 से 60 महिला पुरुष-श्रद्धालु हैं, जो इस आश्रम में अमूमन आते रहते हैं.

Advertisement

जब पुलिस से सवाल किया गया कि हाथरस कांड में नामजद आरोपी की तलाश के लिए पुलिस आई थी या बाबा से पूछताछ के लिए आई थी? इस बात को पुलिस ने सिरे से नकार दिया. देर रात मैनपुरी पुलिस के द्वारा की गई यह छापेमारी और एक घंटे से ज्यादा तक आश्रम में रुकना कई सवाल खड़े कर गया.

मैनपुरी के बिछवा में भोले बाबा के आश्रम राम कुटीर चैरिटेबल ट्रस्ट के बाहर महिला माथा टेकती हुई.

यह भी पढ़ें: थाल में बैठकर दूध से स्नान, साड़‍ियों के पल्लू से झाड़ू... कैसे लाखों लोगों का मसीहा बन बैठा हाथरस वाला भोले बाबा!

हाथरस में हुई घटना के बाद से ही बाबा के आश्रम पर चारों तरफ पुलिस की पहरेदारी है तो फिर आधी रात में पुलिस कौन सी सुरक्षा का जायजा लेने आई थी? क्या पुलिस को कोई विशेष इनपुट मिला था, जिसके लिए आधी रात में आश्रम की सुरक्षा व्यवस्था देखने पुलिस अफसर दल बल के साथ गए? पुलिस ने माना कि आश्रम में महिला श्रद्धालु भी थीं, लेकिन पुलिस की टीम में कोई महिला पुलिस कर्मी नहीं थी.

Advertisement

हाथरस कांड में दर्ज करवाई गई पुलिस की तरफ से एफआईआर में लिखा गया कि बाबा के सुरक्षा गार्ड्स ने पब्लिक को धक्का मारना शुरू किया, जिसकी वजह से भगदड़ मची थी, तो क्या मंगलवार को बाबा की सुरक्षा में तैनात उन सुरक्षाकर्मियों से पूछताछ करने या उनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम छापेमारी करने पहुंच गई थी. क्या हाथरस कांड में नामजद बाबा के भक्त आयोजनकर्ता की तलाश में छापेमारी हुई?

साल 2000 में पुलिस ने बाबा को किया था अरेस्ट

सूरज पाल उर्फ नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा को आगरा में साल 2000 में गिरफ्तार किया गया था. दिसंबर 2000 में मामले में एफआर लग चुकी है. सूरज पाल सहित 7 लोगों को पुलिस ने अरेस्ट किया था. साक्ष्य के अभाव में कोर्ट से सबको बरी कर दिया था. साकार हरि उर्फ सूरज पाल भोले बाबा की कोई संतान नहीं थी.

एक बच्ची बाबा ने गोद ली थी, जिसको कैंसर था. एक दिन अचानक बेहोश होने के बाद सुबह भोले बाबा के अनुयायियों ने कहा कि भोले बाबा उसको ठीक करेंगे. अचानक कुछ देर बाद वह होश में आई और कुछ देर बाद उसकी मौत हो गई थी. शव को मल्ल का चबूतरा श्मशान घाट ले जाया गया था, लेकिन उनके अनुयाई इस बात पर अड़ गए थे कि भोले बाबा आएंगे और बच्ची को जिंदा करेंगे.

Advertisement

चार थानों का फोर्स मौके पर पहुंचा था और अनुयायियों पर लाठीचार्ज के बाद साकार हरि उर्फ भोले बाबा को गिरफ्तार कर लिया गया था. पुलिस ने अपनी तरफ से केस दर्ज कर कार्रवाई की थी, लेकिन साक्ष्य के अभाव में कोर्ट से सूरजपाल साकार हरि उर्फ भोले बाबा समेत 7 लोग बरी हो गए थे. इस मामले में पुलिस की तरफ से सन 2000 में ही एफआर लग चुकी है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement