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'वो कुत्ता जरूर था, पर आदमी की तरह...' गांव वालों ने कुत्ते की तेरहवीं पर कराया ब्रह्म भोज

यूपी के बागपत में एक कुत्ते की मौत पर पूरा गांव रो पड़ा. दरअसल, 12 साल पहले इस कुत्ते के जन्म के बाद इसकी मां की मौत हो गई थी. गांव के लोगों ने इसे पाला और नाम रखा टॉमी. धीरे-धीरे टॉमी उर्फ मुन्ना पूरे गांव का चहेता हो गया. बीते दिनों टॉमी की मौत हो गई तो पूरा गांव दुखी हो गया. इंसानों की तरह उसकी तेरहवीं और ब्रह्म भोज का आयोजन किया. आत्मा की शांति के लिए हवन कराया.

कुत्ते की तेरहवीं पर कराया ब्रह्म भोज. कुत्ते की तेरहवीं पर कराया ब्रह्म भोज.
दुष्यंत त्यागी
  • बागपत,
  • 12 अगस्त 2023,
  • अपडेटेड 11:39 AM IST

उत्तर प्रदेश के बागपत के बिजरोल गांव में स्ट्रीट डॉग की मौत हो गई. इसके बाद गांव वालों ने मिलकर उसकी आत्मा की शांति के लिए शांति यज्ञ और ब्रह्म भोज का आयोजन किया. इस डॉग को गांव के लोग टॉमी कहकर पुकारते थे. टॉमी की मौत से पूरा गांव दुखी है और उसकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना कर रहा है.

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दरअसल, बागपत के बिजरोल गांव में स्ट्रीट डॉग टॉमी उर्फ मुन्ना गलियों में घूमता रहता था. लोगों का कहना है कि टॉमी सबका लाडला था. वह पूरे मोहल्ले की हिफाजत करता था. बीते छह अगस्त को करीब बारह वर्ष की उम्र में टॉमी उर्फ मुन्ना की मौत हो गई. टॉमी की मौत के बाद गांव वाले बेहद दुखी थी. लोगों ने उसकी आत्मा की शांति के लिए हवन कराया और प्रार्थना की. टॉमी उर्फ मुन्ना की तेरहवीं का भी आयोजन किया गया.

गांव वालों का कहना है कि टॉमी की खूबियों के कारण सब उसे आज याद कर रहे हैं. एक दिन का ही था टॉमी, जब वो अनाथ हो गया था. टॉमी को मोहल्ले वालों ने पाला और टॉमी ने भी अपनी जिंदगी बचाने वालों के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया. टॉमी की मौत के बाद पूरा गांव दुखी है.

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'उसमें बहुत सी अच्छाइयां थीं'

गांव के श्रवण सिंह का कहना है कि टॉमी को पूरे गांव के लोग पसंद करते थे. उसके गुण हम सबको भाते थे. हम सब उसके गुणों से प्रभावित थे. उसी को लेकर आज करीब 500 लोगों के लिए भोज का आयोजन कराया है. इसमें सभी ने सहयोग किया है. उसकी अच्छाइयों को सब याद कर रहे हैं.

'हमने उसे बच्चे की तरह पाला था'

टॉमी को पालने वाली कुसुम उसे याद करते हुए भावुक हो जाती हैं. उनका कहना है कि उसे हमने छोटे पर से बच्चे की तरह पाला था. वो कुत्ता जरूर था, पर आदमी की तरह समझदार था. वो बहुत ही अच्छा था. उसने कभी किसी को परेशान नहीं किया. मोहल्ले की एक अन्य महिला का कहना है कि टॉमी को हमारे बच्चे लेकर आते थे. घर में बैठा रहता था. वो कभी पानी को जूठा नहीं करता था. सिर्फ अपने बर्तनों में ही खाता-पीता था.

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