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यूपी में स्वास्थ्य मंत्री का सरकारी डॉक्टरों पर एक्शन, 15 चिकित्सकों को बर्खास्त करने के आदेश

लखनऊ डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने ड्यूटी में लापरवाही बरतने को लेकर दस चिकित्सकों को आरोप पत्र दिया गया है. इनके खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई करने एवं निदेशक प्रशासन को जांच अधिकारी नामित करने के निर्देश प्रमुख सचिव (स्वास्थ्य) को दिए गए हैं.

यूपी के स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक (फाइल फोटो) यूपी के स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक (फाइल फोटो)
आशीष श्रीवास्तव
  • लखनऊ,
  • 09 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 7:53 PM IST

यूपी में ड्यूटी में लापरवाही बरतने और लगातार गैरहाजिर रहने वाले 15 चिकित्सकों पर गाज गिरी है. डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने इन सभी डॉक्टरों को बर्खास्त करने के निर्देश प्रमुख सचिव (चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण) को दिए हैं. इनमें से एक चिकित्सक को पूर्व में निलंबित कर गया था. इस प्रकरण में हुई जांच में वे दोषी पाए गए और अब उनको बर्खास्त करने के निर्देश प्रमुख सचिव को दिए गए हैं.

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जिन पर कार्रवाई की गई है, इनमें आगरा के चिकित्साधिकारी डॉ. विवेक शाक्य, जिला महिला चिकित्सालय, उरई, जालौन की चिकित्साधिकारी डॉ. नीता वर्मा, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, महेवा, इटावा के चिकित्साधिकारी डॉ. समीर गुप्ता, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अकराबाद, अलीगढ़ के चिकित्साधिकारी डॉ. अंकुर जैन, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जहांगीरगंज, अंबेडकर नगर के चिकित्साधिकारी डॉ. शाहीन खान, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, चौरी-चौरा, गोरखपुर के चिकित्साधिकारी डॉ. ब्रिटिका प्रकाश, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, कसयां, कुशीनगर के चिकित्साधिकारी डॉ. आकृति, मुख्य चिकित्साधिकारी शामिल हैं. 

इनके अलावा बांदा के आधीन चिकित्साधिकारी मोहम्मद कासिफ सिद्दीकी, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, सोरांव, प्रयागराज के चिकित्साधिकारी डॉ. नेहा जायसवाल, 100 शैय्यायुक्त संयुक्त चिकित्सालय, हरदोई के चिकित्साधिकारी डॉ. उपेंद्र सिंह, मुख्य चिकित्साधिकारी, सीतापुर के अधीन चिकित्साधिकारी डॉ. रोहित ऐलानी, मुख्य चिकित्साधिकारी, सीतापुर के अधीन चिकित्साधिकारी डॉ. आशीष रंजन, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, वजीरगंज, गोंडा के चिकित्साधिकारी डॉ. सोनल आनंद पर कार्रवाई की गई है.

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साथ ही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अड्डा बाजार, महाराजगंज पर तैनात डॉ. अरशद जमाल की लगातार अनुपस्थिति के चलते पूर्व में हुए निलंबित और अब मंडलीय अपर निदेशक, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, गोरखपुर की जांच रिपोर्ट के आधार पर बर्खास्त किए जाने के निर्देश भी प्रमुख सचिव (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य) को दे दिए गए हैं.

दस चिकित्सकों को आरोप पत्र

लखनऊ डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने ड्यूटी में लापरवाही बरतने को लेकर दस चिकित्सकों को आरोप पत्र दिया गया है. इनके खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई करने एवं निदेशक प्रशासन को जांच अधिकारी नामित करने के निर्देश प्रमुख सचिव (स्वास्थ्य) को दिए गए हैं. इन चिकित्सकों में जिला चिकित्सक, गोरखपुर के चिकित्साधिकारी डॉ. विजय कुमार चौधरी, मुख्य चिकित्साधिकारी, सीतापुर के अधीन चिकित्साधिकारी डॉ. पवन अवस्थी, मुख्य चिकित्साधिकारी, मुरादाबाद के अधीन चिकित्साधिकारी डॉ. मोहम्मद शबाब खान, उमाशंकर दीक्षित पुरुष चिकित्सालय, उन्नाव के चिकित्साधिकारी डॉ. अजय प्रताप सिंह, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, उड़ी, इटावा के चिकित्साधिकारी डॉ. पवन प्रताप सिंह, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, बलुवा, कुशीनगर में तैनात चिकित्साधिकारी डॉ. अजीत कुमार चौधरी, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, समेरर, बदायूं में तैनात चिकित्साधिकारी डॉ. राजवीर सिंह, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, परसेंडी, सीतापुर में तैनात चिकित्साधिकारी डॉ. भरत कुमार सिंह, जिला महिला चिकित्सालय, उन्नाव में तैनात चिकित्साधिकारी डॉ. रितिका सचान, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, रामपुर मनिहारन, सहारनपुर में तैनात चिकित्साधिकारी डॉ. राधेश्याम सैनी शामिल हैं.

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सर्जन होने पर भी नहीं की सर्जरी

लखनऊ डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, उसका बाजार, सिद्धार्थनगर में तैनात डॉ. रेखा सिन्हा द्वारा सर्जन होने के बावजूद लगातार चार-पांच वर्षों से कोई सर्जरी न किए जाने का मामला संज्ञान में आया है. डॉ. सिन्हा को तत्काल आरोप पत्र देकर, उनके खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई करने व मंडलीय अपर निदेशक, चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, बस्ती को जांच अधिकारी बनाए जाने के निर्देश भी प्रमुख सचिव, स्वास्थ्य को दिए गए हैं.

अनुशासनिक कार्रवाई के निर्देश

लखनऊ उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने जिला महिला चिकित्सालय, रामपुर में कार्यरत मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. विनीता चतुर्वेदी द्वारा मुख्यालय में आवासित न रहने, चिकित्सालय के रखरखाव में लापरवाही व अधीनस्थों पर प्रभारी नियंत्रण न रख पाने तथा मरीजों को सही प्रकार से स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान न किए जाने का मामला संज्ञान में आया. इस मामले में मुख्य विकास अधिकारी की रिपोर्ट के क्रम में डॉ. विनीता को आरोप पत्र देकर इनके विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई करने के निर्देश भी प्रमुख सचिव स्वास्थ्य को दिए गए हैं.

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