
कासगंज के चंदन गुप्ता हत्याकांड में दोषियों को सजा सुना दी गई है. लखनऊ की अदालत ने 28 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है. दरअसल, 26 जनवरी 2018 को यूपी के कासगंज में तिरंगा यात्रा के दौरान चंदन गुप्ता नाम के शख्स की हत्या हो गई थी. अब 7 साल बाद कोर्ट ने फैसला सुनाया है. कोर्ट ने अजीजुद्दीन, मुनाजिर, आसिफ, असलम, शबाब, साकिब, आमिर रफी, सलीम, वसीम, नसीम, बबलू, अकरम, तौफीक, मोहसिन, राहत, सलमान, आसिफ, निशु, वासिफ, इमरान, शमशाद, जफर, शाकिर, खालिद परवेज, फैजान, इमरान, शाकिर, औऱ जाहिद को सजा सुनाई है.
कासगंज हत्याकांड में आरोपियों ने सजा से बचने के लिए खूब कानूनी दांव पेच चले. 2022 में जब केस का ट्रायल शुरू हुआ तो कासगंज में पीड़ित परिवार को कोई पैरवी के लिए वकील नहीं मिल पाया. पीड़ित परिवार ने लखनऊ हाईकोर्ट में केस ट्रांसफर की अर्जी लगाई, जिस पर केस कासगंज से ट्रायल के लिए एटा ट्रांसफर किया गया. केस में राजद्रोह की धारा 124A लगी थी, जिसकी वजह से केस लखनऊ की NIA स्पेशल कोर्ट ट्रांसफर हुआ.
आरोपी नसीम ने हाईकोर्ट में डाली थी याचिका
इसके बाद मार्च 2022 में लखनऊ की एनआईए स्पेशल कोर्ट में केस ट्रांसफर होकर ट्रायल शुरू हुआ. ट्रायल के दौरान अभियोग पक्ष ने 18 गवाह पेश किए तो वहीं बचाव पक्ष की तरफ से 23 गवाह पेश किए गए. सालों चली गवाही और जिरह के बाद ट्रायल पूरा होकर फैसले की नौबत आई तो आरोपी नसीम जावेद ने हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में कोर्ट की वैधानिकता पर सवाल खड़े करते हुए याचिका डाल दी.
पहले 25 अक्टूबर को आना था फैसला
आरोपी नसीम जावेद ने याचिका में राजद्रोह की धारा 124 A लगाने और बिना NIA की जांच सुनवाई NIA कोर्ट में होने की बात कही गई. इसके साथ ही सुनवाई कर रहे जज विवेकानंद शरण त्रिपाठी की वरिष्ठता को भी चैलेंज किया गया था. हालांकि हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने नसीम जावेद की याचिका खारिज कर दी. इससे पहले 25 अक्टूबर को एनआईए की स्पेशल कोर्ट फैसला सुनने वाली थी. लेकिन हाईकोर्ट में याचिका डली तो फैसला 2 महीने टल गया.
सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा आरोपी पक्ष
वहीं गुरुवार को जब NIA की स्पेशल कोर्ट में फैसला आना था, तभी नसीम जावेद की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में फिर एक अर्जी डाली गई. इसे सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस प्रसन्ना बी वराले ने नसीम जावेद की यह पिटीशन भी खारिज कर दी. इसके बाद आज शुक्रवार को चंदन गुप्ता हत्याकांड में NIA कोर्ट ने 6 साल 11 महीने 7 दिन बाद 28 दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई.
और आज हमें न्याय मिल गया है: चंदन के परिजन
कोर्ट के फैसले के बाद चंदन के परिजनों ने न्याय मिलने पर संतोष व्यक्त किया. चंदन के पिता ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि चंदन की आत्मा आज बहुत संतुष्ट होगी. हमें न्याय मिलने की पूरी उम्मीद थी और आज हमें न्याय मिल गया है, लेकिन इस पल में हमें अपने बेटे की कमी बहुत खल रही है, उसकी बहुत याद आ रही है.
वहीं चंदन के भाई विवेक ने आजतक से कहा कि आज बहुत बड़ा दिन है, मेरे भाई की आत्मा को शांति मिली होगी. हमारे ही देश में मेरे भाई की निर्मम हत्या की गई थी. सरकार ने हमारा केस लड़ने में काफी सहयोग किया था. उन्होंने घटना के दिन यानी 26 जनवरी 2018 का जिक्र करते हुए कहा कि उस दिन तिरंगा यात्रा निकाली जा रही थी, तभी हम लोगों की बडूनगर में बाइकें रोक ली गईं, सभी के साथ जमकर मारपीट की गई थी, वहां से हम किसी तरह अपनी जान बचाकर सलीम के मकान के पास पहुंचे, वहां सलीम और अन्य लोगों ने मेरे भाई चंदन को गोली मार दी. इसके बाद हम चंदन को अस्पताल लेकर गए, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
ये था पूरा मामला
पीटीआई के मुताबिक 26 जनवरी 2018 की सुबह चंदन गुप्ता और उनके भाई विवेक गुप्ता ने एक तिरंगा यात्रा में भाग लिया था. एक सरकारी वकील ने कहा कि जब जुलूस तहसील रोड पर राजकीय बालिका इंटर कॉलेज के गेट के पास पहुंचा, तो सलीम, वसीम और नसीम सहित एक समूह ने सड़क को ब्लॉक कर दिया और जुलूस को रोक दिया. वकील ने बताया कि जब चंदन ने विरोध किया तो मामला बिगड़ गया और आरोपियों की तरफ से पथराव शुरू हो गया. उन्होंने बताया कि मुख्य आरोपियों में से एक सलीम ने चंदन को गोली मार दी, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया. गंभीर रूप से घायल होने के बावजूद विवेक और उनके साथी चंदन को कासगंज पुलिस स्टेशन ले गए, जहां से उसे तुरंत जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां पहुंचने के कुछ देर बाद ही उसे मृत घोषित कर दिया गया.