
उत्तर प्रदेश के शामली जिले के कैराना में 31 अक्टूबर को एससी-एसटी समुदाय के एक परिवार पर हमला किया गया. बताया जा रहा है कि एक दर्जन से अधिक लोग घर में घुस आए और महिलाओं, बच्चों को लाठी-डंडों से बुरी तरह पीटकर घायल कर दिया. साथ ही आरोपियों ने जाति सूचक शब्द भी बोले. इस घटना के बाद परिवार ने पुलिस को सूचना दी, लेकिन पुलिस समय पर नहीं पहुंची. इससे गुस्साए पीड़ित परिवार ने कोतवाली जाकर पहुंचकर अधिकारियों को आपबीती बताई.
इसके बाद पुलिस ने हल्की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर दिया, जिससे परिवार को संतोष नहीं हुआ. दो आरोपियों की गिरफ्तारी ना होने से परेशान परिवार ने मोहल्ला शिवपुरी खटीकन बस्ती में अपने घर के बाहर पलायन का बैनर लगाकर धरना शुरू कर दिया. बैनर पर लिखा है कि यहां सब बिकाऊ हैं, पीड़ित परिवार का कहना है कि यदि जल्द न्याय नहीं मिला तो वो पलायन करने को मजबूर होंगे.
घर के आगे बैनर लगाकर धरने पर बैठे लोग
धरने पर बैठे पीड़ित नितिन कुमार ने बताया कि हमलावरों में अरमान, सुहेल, कपिल और अन्य लोग शामिल थे. उन्होंने परिवार पर लाठी-डंडों से हमला किया, जिससे भानु प्रताप भी गंभीर रूप से घायल हो गए. पुलिस ने मारपीट और एससी-एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की
2016 में भी कैराना पलायन का मुद्दा पूरे देश में चर्चा में आया था, जब 346 परिवारों के पलायन की सूची जारी हुई थी. अब फिर से दलित परिवार के धरने के कारण प्रशासन सतर्क हो गया है. इस मामले पर एएसपी संतोष कुमार सिंह ने बताया कि चार आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है. उन्होंने कहा कि आगे की कार्रवाई तहरीर और सप्लीमेंट्री रिपोर्ट के आधार पर होगी.