
संगम में पवित्र स्नान के लिए महाकुंभ में उमड़ने वाले लाखों श्रद्धालु अब काशी और अयोध्या की ओर बढ़ रहे हैं. बड़ी संख्या में श्रद्धालु अब अयोध्या में राम मंदिर और वाराणसी में काशी विश्वनाथ के दर्शन करने को आतुर हैं. ऐसे में प्रयागराज के साथ-साथ अयोध्या और वाराणसी रूट पर भी जाम जैसी स्थिति उत्पन्न हो रही है. अयोध्या और काशी में श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ पड़ा है. पूरा शहर भारी भीड़ का दबाव झेल रहा है.
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, हर दिन औसतन 1.44 करोड़ लोग महाकुंभ में पवित्र स्नान कर रहे हैं. सोमवार को रांची से अपने बेटे के साथ प्रयागराज पहुंची डॉ. सुषमा ने न्यूज एजेंसी से कहा- "संगम में डुबकी लगाने और मेले में जाने के बाद, हम भगवान शिव के दर्शन के लिए काशी जाएंगे और बाद में अयोध्या जाएंगे." नीचे देखें अयोध्या का वीडियो-
इसी तरह, बिहार के आरा की 74 वर्षीय केतारी देवी ने कहा- "हमने टीवी और मोबाइल पर देखा कि यह महाकुंभ 144 साल बाद हो रहा है. पवित्र स्नान करने के बाद, हम काशी जाएंगे. भारी भीड़ के बावजूद, हमें उम्मीद है कि हमें उनके दर्शन मिलेंगे."
मुंबई से आए निशांत अभिषेक ने कहा, "हमने सुना है कि प्रयागराज के अलावा, काशी और अयोध्या में भी भारी भीड़ देखी जा रही है. लेकिन महाकुंभ के दौरान तीनों स्थानों पर जाने का यह एक दुर्लभ अवसर है. हम अयोध्या भी जाएंगे."
वहीं, एसीपी (यातायात) शैलेंद्र सिंह ने कहा कि महाकुंभ में दर्शन के बाद बड़ी संख्या में श्रद्धालु वाराणसी और अयोध्या की ओर जा रहे हैं. एडीसीपी (यातायात) कुलदीप सिंह ने कहा कि 2019 के कुंभ की तुलना में इस बार आम दिनों में भी भीड़ काफी ज्यादा है, जिससे अक्सर ट्रैफिक जाम की स्थिति बनी रहती है.
आधिकारिक बयान में कहा गया है कि प्रयागराज रेलवे स्टेशन के बाहर भारी भीड़ के कारण उत्तर रेलवे के लखनऊ मंडल ने 9 फरवरी को दोपहर 1:30 बजे से 14 फरवरी की मध्यरात्रि तक यात्रियों की आवाजाही के लिए इसे अस्थायी रूप से बंद कर दिया है. हालांकि, महाकुंभ क्षेत्र के आठ अन्य रेलवे स्टेशनों पर नियमित और विशेष ट्रेनों का संचालन जारी है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार 9 फरवरी तक 44 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु त्रिवेणी संगम में डुबकी लगा चुके हैं. 10 फरवरी को सुबह 10 बजे तक 63 लाख से ज्यादा श्रद्धालु स्नान कर चुके थे.