
उत्तर प्रदेश के बरेली पहुंचे इसरो के साइंटिस्ट ने एक कार्यक्रम में स्कूली बच्चों से बातें कीं और उन्हें मोटीवेट किया. यहां माधवराव सिंधिया पब्लिक स्कूल में मोटीवेशनल टॉक का आयोजन किया गया था, जिसके मुख्य वक्ता इसरो साइंटिस्ट डॉ. विवेक कुमार सिंह थे.
उन्होंने कहा कि साल 1994 से 2001 तक उनकी पढ़ाई बरेली के राजकीय इंटर कॉलेज में हुई, इसलिए बरेली से पुराना नाता है. उन्होंने अपने गुरुजनों से मुलाकात की और अपने दोस्तों के घर जाकर पुरानी यादें ताजा कीं. इसरो साइंटिस्ट डॉ. विवेक कुमार सिंह ने यहां स्कूल की नव निर्मित रोबोटिक्स लैब का उद्घाटन किया.
इस दौरान इसरो साइंटिस्ट ने छात्रों के द्वारा तैयार किए गए मॉडलों को देखा और उनका उत्साहवर्धन किया. उन्होंने छात्रों का मार्गदर्शन करते हुए रोबोटिक्स विज्ञान के विषय में जानकारी दी. उन्होंने अपने अनुभव बच्चों के साथ साझा करते हुए कहा कि मैंने भी यूपी बोर्ड से पढ़ाई की है. इसके बाद अपने सपनों को पूरा किया. इसरो में सभी के लिए अपार संभावनाएं हैं. इसरो ने हमेशा मानव जाति के कल्याण के लिए अपने मिशन संचालित किए हैं.
'संसाधनों की कमी हमें और बेहतर करने को प्रेरित करती है'
इसरो साइंटिस्ट डॉ. विवेक कुमार सिंह ने कहा कि कभी भी किसी छात्र को संसाधनों की कमी के लिए परेशान नहीं होना चाहिए. यदि इसरो साइकिल से शुरू होकर चांद तक पहुंच सकता है तो हम और आप क्यों नहीं पहुंच सकते. संसाधनों की कमी हमें हमेशा और बेहतर करने के लिए प्रेरित करती है. अपनी गलतियों में सुधार करके हम सफलता प्राप्त कर सकते हैं. इसरो साइंटिस्ट डॉ. विवेक ने मिशन आदित्य के बारे में भी बच्चों को जानकारी दी.
'खुली आंखों से देखने चाहिए सपने'
वहीं जेडी राकेश कुमार ने कहा कि सपने खुली आंखों से देखना चाहिए और उन्हें पूरा करने में जुट जाना चाहिए. स्कूल प्रबंधक डॉ. सौरभ कुमार अग्रवाल ने डॉ. विवेक कुमार सिंह का आभार जताया और कहा कि आगे भी इस तरीके के मोटिवेशनल टॉक आयोजित करते रहेंगे, ताकि छात्रों को प्रेरणा मिल सके. इस मोटिवेशनल टॉक में लगभग 20 स्कूलों के छात्रों ने हिस्सा लिया. कार्यक्रम में प्रधानाचार्य डॉ. प्रियंका सरकार, उप प्रधानाचार्या फराह दिबा हक आदि मौजूद रहे.
चंद्रयान मिशन से संबंधित किए सवाल जवाब
हर स्टूडेंट में यह उत्सुकता थी कि चंद्रयान मिशन को लेकर जानकारी मिले. इसको लेकर इसरो साइंटिस्ट ने चंद्रयान मिशन को लेकर सवालों के जवाब दिए. हालांकि उन्होंने चंद्रयान मिशन से संबंधित किसी भी तरह की बातचीत को लेकर मीडिया से बात नहीं की.