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आजतक की खबर का असर, नकली घी पर स्टिंग ऑपरेशन के बाद यूपी के हाथरस में रेड, 4 सदस्यीय समिति गठित

हाथरस के एसपी निपुण अग्रवाल ने कहा कि पुलिस छापेमारी कर रही है और आरोपियों को गिरफ्तार करने के प्रयास जारी हैं. हम जांच के लिए घी के सैंपल लेंगे. आगे की कार्रवाई करने के लिए जिला मजिस्ट्रेट के साथ बैठक करेंगे.

पुलिस ने हाथरस में घी के गोदामों पर छापेमारी की पुलिस ने हाथरस में घी के गोदामों पर छापेमारी की
अरविंद ओझा
  • नई दिल्ली,
  • 25 अक्टूबर 2024,
  • अपडेटेड 8:44 PM IST

दिवाली के त्योहार के मद्देनजर बाजारों में घी की बंपर बिक्री हो रही है, इसी बीच कुछ लोग मिलावटी घी तो नहीं बेच रहे, इसे लेकर आजतक ने एक स्टिंग ऑपरेशन किया, इसमें घी में मिलावट का खुलासा होने के बाद शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के हाथरस में घी के गोदामों पर छापेमारी की गई. हाथरस प्रशासन ने मामले की जांच के लिए 4 सदस्यीय समिति के गठन का भी आदेश दिया.

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हाथरस के एसपी निपुण अग्रवाल ने कहा कि पुलिस छापेमारी कर रही है और आरोपियों को गिरफ्तार करने के प्रयास जारी हैं. हम जांच के लिए घी के सैंपल लेंगे. आगे की कार्रवाई करने के लिए जिला मजिस्ट्रेट के साथ बैठक करेंगे. 

आजतक की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) ने घी निर्माण के केंद्र हाथरस का दौरा किया और बाजार में बेचे जा रहे घी के बारे में कुछ हैरान करने वाली हकीकत उजागर की.

इस ऑपरेशन को अंजाम देने जा रही टीम ने तय किया कि हम दुकानदार बनकर घी निर्माताओं के पास पहुंचेंगे. हमने ऐसा ही किया और एक चेन सिस्टम के जरिये आजतक की टीम हाथरस के घी निर्माता के पास पहुंची. हमने कहा कि हम थोक में घी खरीदना चाहते हैं. शुरुआती बाचतीत में ही उन्होंने हमें भरोसा दे दिया कि वह अपने घी को फेमस ब्रांड के डुप्लीकेट कार्टन में पैक कर सकता है. इस दौरान हमें पता चला कि कैसे घी में मिलावट की जाती है, उसे ब्रांडेड कंटेनरों में पैक किया जाता है और देश भर में अनजान ग्राहकों को बेचा जाता है.

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नकली घी के स्थानीय आपूर्तिकर्ताओं ने खुलासा किया कि वे जो बेच रहे थे, वह हाइड्रोजनेटेड वनस्पति तेल, रिफाइंड और शुद्ध देसी घी की सुगंध की नकल करने के लिए कुछ अतिरिक्त सुगंध का मिश्रण था.

आजतक की एसआईटी ने पाया कि हाथरस में नकली या मिलावटी घी 240 से 260 रुपये प्रति किलो के बीच में उपलब्ध है, जबकि असली देसी घी की कीमत आमतौर पर 500 से 700 रुपये प्रति किलो होती है. यह बड़ा मुनाफा ही है जो सप्लायरों को इस धोखाधड़ी को जारी रखने के लिए प्रेरित करता है. 

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