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लखनऊ की दुर्गा पूजा में कोलकाता के R G Kar Hospital कांड का असर, आयोजन समिति ने की ये विशेष पहल

लखनऊ में होने वाली 110 साल पुरानी दुर्गा पूजा के दौरान प्रवासी बंगाली समाज को जोड़ने और लोगों को महिला सुरक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए पहल की जा रही है.

लखनऊ की दुर्गा पूजा लखनऊ की दुर्गा पूजा
शिल्पी सेन
  • लखनऊ ,
  • 10 अक्टूबर 2024,
  • अपडेटेड 4:12 PM IST

कोलकाता के आर जी कर अस्पताल (R G Kar Hospital) में रेप और हत्या का असर न सिर्फ पश्चिम बंगाल के दुर्गा पूजा आयोजनों में दिखाई पड़ रहा है बल्कि देश भर में दुर्गा पूजा आयोजनों पर इसका असर देखा जा सकता है. लखनऊ में होने वाली 110 साल पुरानी दुर्गा पूजा के दौरान प्रवासी बंगाली समाज को जोड़ने और लोगों को महिला सुरक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए पहल की जा रही है. लोगों को पूजा पंडाल में ही इस विषय के साथ महिला सुरक्षा पर स्लोगन लिखने का मौका दिया जाएगा. 

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दरअसल, लखनऊ के बंगाली क्लब द्वारा दुर्गा पूजा में एक विशेष पहल की गई है. कोलकाता में आर जी कर अस्पताल की वीभत्स घटना से आहत प्रवासी बंगाली समाज को अपने मनोभाव व्यक्त करने का मौका यहां पूजा पंडाल में मिलेगा. आने वाले लोग मां दुर्गा के दर्शन के साथ इस मुद्दे पर अपनी बातों को रख सकेंगे. 

बंगाली क्लब के अध्यक्ष अरुण बनर्जी बताते हैं कि हम लोगों के यहां 110 साल से दुर्गा पूजा होती है, जो लखनऊ में सबसे पुरानी पूजा है. हम लोगों ने अपने महिला सदस्यों की पहल पर ये फैसला किया है कि यहां आर जी कर की घटना और महिला सुरक्षा के संबंध में स्लोगन लिखने का मौका दिया जाए. 

इसके लिए यहां आने वालों को कलम, कागज आदि उपलब्ध कराया जाएगा. मां दुर्गा की प्रतिमा के एक तरफ डेस्क बनाई गई है. एक बोर्ड भी लगाया गया है. जो मां दुर्गा की आराधना करते हैं, उनके लिए इस बात को उठाने का सबसे सही समय अभी है.

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वहीं, पूजा समिति ने कहा कि कोशिश है कि लोग महिला सुरक्षा के प्रति जागरूक हों. साथ ही उस घटना में न्याय मिल सके. दुर्गा पूजा पंडाल में इसके लिए पोस्टर भी लगाये गए हैं. इसमें 'वी वांट जस्टिस' जैसी बातें लिखी हैं. ताकि, यहां आने वाले लोग इस घटना के प्रति अपना विरोध दर्ज़ करते हुए महिला सुरक्षा को लेकर सुझाव भी दें. 

बंगाली क्लब पूजा समिति की सदस्य एनाक्षी सिन्हा का कहना है कि 'हम लोग बंगाल से दूर हैं पर हमारी जड़ें वहीं हैं. जब ये घटना हुई तब हम लोग अपने रिश्तेदारों को फोन करके पूछते थे. हमने यहां पर कैंडल मार्च भी प्रोटेस्ट के लिए किया था. दुर्गा पूजा में सबसे ज्यादा लोग एक साथ होते हैं. ऐसे में चाहते हैं कि इस माध्यम से लोग अपनी बात रखें और उनमें लड़कियों और महिलाओं को ख़ास तौर पर अपनी बात रखने का मौक़ा मिले. 

मालूम हो कि बंगाली क्लब यूपी में प्रवासी बंगालियों की सबसे बड़ी और पुरानी संस्थाओं में से एक है. ययहां नेताजी सुभाष चंद्र बोस और रवींद्र नाथ टैगोर जैसी हस्तियां भी आ चुकी हैं. 

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