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गाजियाबाद: 1979 बैच का फर्जी आईपीएस अधिकारी बनकर पुलिस को गुमराह करने वाला बुजुर्ग और साथी गिरफ्तार

गाजियाबाद पुलिस ने खुद को 1979 बैच का आईपीएस अधिकारी बताकर पुलिस अधिकारियों को गुमराह करने वाले 68 वर्षीय बुजुर्ग और उसके 69 वर्षीय साथी को गिरफ्तार किया. आरोपी अनिल कटियाल ने इंदिरापुरम थाने में अपने साथी की पैरवी के लिए फर्जीवाड़ा कर अधिकारियों पर दबाव बनाया. जांच में फर्जीवाड़ा उजागर हुआ और दोनों को हिरासत में लिया गया.

रिटायर्ड IPS अधिकारी बताने वाला अरेस्ट  रिटायर्ड IPS अधिकारी बताने वाला अरेस्ट
मयंक गौड़
  • गाजियाबाद ,
  • 21 नवंबर 2024,
  • अपडेटेड 7:41 PM IST

गाजियाबाद पुलिस ने खुद को 1979 बैच का आईपीएस अधिकारी और एमएचए का सिक्योरिटी सलाहकार बताने वाले 68 वर्षीय अनिल कटियाल और उनके 69 वर्षीय साथी विनोद कपूर को गिरफ्तार किया है. आरोपियों ने पुलिस अधिकारियों को गुमराह कर इंदिरापुरम थाने में दर्ज एक केस में पैरवी करने की कोशिश की थी. 

पुलिस के अनुसार, 14 नवंबर को डीसीपी ट्रांस हिंडन के पीआरओ नीरज राठौर को कॉल कर अनिल कटियाल ने खुद को मणिपुर कैडर का डीजी रैंक का रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी बताया. उन्होंने इंदिरापुरम थाने के एक केस में अपने साथी विनोद कपूर के पक्ष में पैरवी की और जांच अधिकारी प्रमोद हुड्डा पर अनियमितता का आरोप लगाया.

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फर्जी IPS अधिकारी और उसका साथी अरेस्ट 

शक के आधार पर पुलिस ने जब अनिल कटियाल की जांच की, तो उनका फर्जीवाड़ा सामने आया. पुलिस कमिश्नरेट में आरोपी ने कई वरिष्ठ अधिकारियों को अपना बैचमेट और दोस्त बताकर दबाव बनाया था. गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में आरोपी ने स्वीकार किया कि उसने अपनी सरकारी और निजी संपर्कों का इस्तेमाल कर पुलिस और अन्य विभागों को गुमराह किया.

पुलिस ने गंभीर धाराओं में दर्ज किया केस 

पुलिस ने बताया कि आरोपी अनिल कटियाल के पिता आईआरएस अधिकारी थे और उनके कई मित्र सिविल सर्विसेज से जुड़े हैं. अपनी जान-पहचान का फायदा उठाकर उन्होंने खुद को आईपीएस अधिकारी बताना शुरू किया और कई सरकारी कामों में दलाल के रूप में धोखाधड़ी की. इस मामले पर एडिशनल कमिश्नर दिनेश कुमार पी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि आरोपियों से और पूछताछ की जा रही है.

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