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देवरिया Ground Report: स्कूलों में सिर्फ टीचर, बच्चे घरों में कैद, गांव में पुलिस का पहरा

Deoria News: देवरिया जिले में 2 अक्टूबर को 2 गुटों के 6 लोगों की हत्या के बाद से गांव में दहशत का माहौल है. आलम ये है कि गांव का प्राइमरी विद्यालय सूना पड़ा हुआ है. टीचर तो आ रहे हैं लेकिन बच्चे स्कूल तक नहीं जा रहे हैं. पूरे गांव में सन्नाटा सा पसरा हुआ है. समाजवादी पार्टी का डेलिगेशन भी घटना स्थल पर पहुंचा. इसने प्रेमचंद यादव की पत्नी और बच्चों से मुलाकात की.

देवरिया हत्याकांड (फाइल फोटो- PTI) देवरिया हत्याकांड (फाइल फोटो- PTI)
राम प्रताप सिंह
  • देवरिया ,
  • 06 अक्टूबर 2023,
  • अपडेटेड 7:38 AM IST

उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में 2 अक्टूबर को 2 गुटों के 6 लोगों की हत्या के बाद से गांव में दहशत का माहौल है. आलम ये है कि गांव का प्राइमरी विद्यालय सूना पड़ा हुआ है. टीचर तो आ रहे हैं लेकिन बच्चे स्कूल तक नहीं जा रहे हैं. टीचर्स का कहना है कि अभिभावकों से बच्चों को स्कूल भेजने के लिए कहा गया है. मगर, डर के चलते वो बच्चों को नहीं भेज रहे हैं. गांव में भी बहुत चलहकदमी नहीं देखने को मिल रही है. पूरे गांव में सन्नाटा सा पसरा हुआ है.
 
इस मामले में जिला पुलिस प्रशासन के साथ ही यूपी सरकार के आलाधिकारी भी नजर बनाए हुए हैं. रविवार को सीएम योगी आदित्यनाथ ने मामले की समीक्षा भी की. इस दौरान उन्होंने राजस्व और पुलिस विभाग के 15 अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए. इसमें वो अधिकारी भी शामिल हैं, जो तहसील में पूर्व में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं.

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इस कार्रवाई को लेकर मृतक सत्य प्रकाश दुबे के बेटे देवेश दुबे ने कहा, 'अधिकारी सस्पेंड हुए हैं तो हम क्या करें. हमारा परिवार तो चला गया. बकरे की तरह काट दिया गया. पहले अधिकारियों ने कुछ नहीं किया. उनके सस्पेंड होने से मां-बाप आ जाएंगे? नहीं आ पाएंगे. हम संतुष्ट नहीं हैं. मेरी प्रॉपर्टी है वापस दिलवाई जाए. साथ ही आरोपी का घर गिराया जाए'.

सत्य प्रकाश दुबे का बेटा देवेश दुबे

उधर, राजस्व विभाग की टीम ने मृतक प्रेम चंद यादव के मकान और जमीन की पैमाइश की. साथ ही सत्य प्रकाश दुबे और उनके परिवार के सदस्यों की हत्या के अन्य सभी आरोपियों की भी जमीनों की पैमाइश की गई. रविवार को समाजवादी पार्टी का डेलिगेशन भी घटना स्थल पर पहुंचा. इसने प्रेमचंद यादव की पत्नी और बच्चों से मुलाकात की. इसके बाद सपा जिला अध्यक्ष ने कहा अगर गलत कार्रवाई हुई तो इसका विरोध होगा.

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प्रेमचंद यादव के परिवार से मिला सपा डेलिगेशन

रविवार को सीएम ने वर्तमान एसडीएम रुद्रपुर योगेश कुमार गौड़ और CO रुद्रपुर जिलाजीत को निलंबित किया गया है. पूर्व एसडीएम रहे रामविलास, SDM ओम प्रकाश, SDM ध्रुव शुक्ल और SDM संजीव कुमार उपाध्याय के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के निर्देश दिए.

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साथ ही सेवानिवृत्ति तहसीलदार रुद्रपुर वंशराज और सेवानिवृत राजस्व निरीक्षक रामानंद के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं. निलंबित तहसीलदार रुद्रपुर अभय राज को आरोप पत्र जारी करने का निर्देश दिया गया है. पूर्व तहसीलदार रामआश्रम को निलंबित करने के साथ ही विभागीय कार्रवाई के आदेश दिए हैं.

तहसीलदार केशव कुमार के खिलाफ भी कार्रवाई

वहीं, सीएम ने वर्तमान तहसीलदार रुद्रपुर केशव कुमार, राजस्व निरीक्षक विशाल नाथ यादव, लेखपाल राजनंदनी यादव, लेखपाल अखिलेश, इंस्पेक्टर रुद्रपुर नवीन कुमार सिंह, हेड कांस्टेबल राजेश प्रताप सिंह, अवनीश चौहान, सब इंस्पेक्टर जय प्रकाश दुबे को निलंबित करने के साथ विभागीय कार्रवाई के निर्देश दिए.

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इसके अलावा आईजीआरएस संदर्भ में लापरवाही बरतने पर कांस्टेबल कैलाश पटेल, राम प्रताप कनौजिया सुभाष यादव, सब इंस्पेक्टर सुनील कुमार, पूर्व प्रभारी निरीक्षक रुद्रपुर को निलंबित करते हुए विभागीय कार्रवाई के निर्देश दिए गए. पूर्व CO रुद्रपुर दिनेश कुमार सिंह यादव के खिलाफ भी विभागीय कार्रवाई करने के निर्देश दिए.

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2 अक्टूबर को क्या हुआ और कितने लोग गिरफ्तार किए गए

बता दें कि जिले के रुद्रपुर थाना क्षेत्र के फतेहपुर गांव के टोला लेहड़ा में 2 अक्टूबर को सत्य प्रकाश दुबे के घर के पास प्रेमचंद यादव की हत्या हो गई थी. इसके बाद प्रेम यादव के समर्थकों ने सत्य प्रकाश के घर में घुस कर मौजूद सभी 6 लोगों पर जानलेवा हमला कर दिया.

चंद मिनटों में सत्य प्रकाश दुबे, उनकी पत्नी दो बेटी एक बेटा समेत पांच सदस्यों की निर्मम हत्या कर दी गई थी. इस वारदात में सत्य प्रकाश के 8 साल के बेटे अनमोल की हालत नाजुक बनी हुई है. उसे इलाज के लिए गोरखपुर के मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है. सीएम योगी ने अस्पताल जाकर उसका हाल जाना था.

मामले में बड़ी बेटी शोभिता दुबे की तहरीर पर 28 नामजद और 50 अज्ञात के खिलाफ पुलिस ने विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया था. मंगलवार को पुलिस ने 16 अभियुक्तों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था. साथ ही हत्या में इस्तेमाल लोहे की रॉड, फावड़ा और तीन डंडे बरामद किए थे.

गिरफ्तार किए गए आरोपियों में गोरख यादव, श्याम यादव, कुश यादव, परमहंश यादव, रामजी यादव, देवानंद यादव, दुर्गेश यादव, अनिरुद्ध यादव, रामभवन यादव, राधेश्याम यादव, दिवाकर तिवारी, बेचू राजभर, अर्जुन यादव, परशुराम राजभर, प्रदीप राजभर, फुलगेना यादव शामिल हैं. पुलिस अन्य आरोपियों की तलाश में लगी है.

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दूसरी तरफ प्रेमचंद यादव के रिश्तेदार अनिरुद्ध यादव की ओर से दर्ज कराई गई FIR में सत्यप्रकाश दुबे, उनकी पत्नी और बच्चों सहित पांच मृतकों को नामजद किया गया है. पुलिस ने कहा कि इस मामले में आईपीसी की धारा 302 (हत्या), 147 (दंगा), 148 (सशस्त्र हथियारों के साथ दंगा), 149 (गैरकानूनी सभा) के तहत एफआईआर दर्ज की गई है.

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