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कारसेवा में जालौन के तुलसीराम ने गंवाई थी जान, परिजनों को प्राण प्रतिष्ठा के बुलावे का इंतजार 

उत्तर प्रदेश के जालौन से राम मंदिर आंदोलन में शामिल होने गए गिदौसा गांव के रहने वाले तुलसीराम की कारसेवा के दौरान गोली लगने से मौत हो गई थी. अब देशभर के उन कारसेवकों के परिजनों को न्योता दिया रहा है, जिन्होंने अपनी जान गंवा दी थी. उत्तर प्रदेश के जालौन के रहने वाले तुलसीराम के परिवार को भी न्योते का इंतजार है.

मंदिर के बाहर पूजा-अर्चना करते तुलसीराम के परिजन.  मंदिर के बाहर पूजा-अर्चना करते तुलसीराम के परिजन. 
अलीम सिद्दीकी
  • जालौन ,
  • 13 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 11:29 PM IST

उत्तर प्रदेश के जालौन से राम मंदिर आंदोलन में शामिल होने गए गिदौसा गांव के रहने वाले तुलसीराम की कारसेवा के दौरान गोली लगने से मौत हो गई थी. अब 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर में भगवान राम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जा रही है. इसमें मंदिर आंदोलन में शामिल उन लोगों के परिजनों को निमंत्रण भेजा जा रहा है, जिन्होंने इसमें अपने प्राणों को निछावर कर दिया था. 

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मगर, 13 जनवरी बीत जाने के बाद भी तुलसीराम के परिजनों को निमंत्रण नहीं मिला है. परिजनों को बहुत भरोसा था कि राम मंदिर में भगवान राम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण उन्हें मिलेगा. अब जबकि देशभर में करसेवा के दौरान जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों को निमंत्रण भेजा जा रहा है, तुलसीराम के परिजनों उम्मीद है कि अभी भी निमंत्रण आ सकता है. ऐसा नहीं कि गांव वाले तुलसीराम को या उनके कार्यों को भूल गए हैं. 

वीडियो में देखें क्या बोले परिजन और ग्रामीण...

साल 1990 में राम मंदिर आंदोलन के दौरान गोली लगने से तुलसीराम की मौत हो गई थी. इसके बाद गांव वालों ने उनकी मूर्ति लगवाकर मंदिर भी बनवा दिया था. इसमें तुलसीराम की मूर्ति की स्थापना की गई. जब भी राम मंदिर की बात होती है, तो तुलसीराम को याद किया जाता है. उन्हें एक हीरो के रूप में क्षेत्रवासी देखते हैं. 

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तुलसीराम के परिजनों का कहना है कि उन्हें अभी तक निमंत्रण न मिलने का दुख है. मगर, वह अभी भी उम्मीद लगाए हैं कि 22 जनवरी से पहले निमंत्रण पत्र मिल जाएगा. हालांकि, इसके बाद भी उनकी आस्था में कहीं कोई कमी नहीं है. हर दिन हर पल इंतजार किया जा रहा है. कभी भी निमंत्रण आ सकता है. यह केवल तुलसीराम के परिवार परिवारजनों की ही नहीं, गांव और क्षेत्रवासियों के लिए भी गौरव की बात होगी. 

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