
पूर्व सांसद और फिल्म अभिनेत्री जया प्रदा को आचार संहिता उल्लंघन के एक और मामले में सबूतों की कमी के कारण बरी कर दिया गया है. यह फैसला रामपुर की एमपी/एमएलए अदालत ने बुधवार को सुनवाई के बाद दिया. जया प्रदा खुद कोर्ट में मौजूद रहीं, जिसके बाद कोर्ट ने उन्हें दोषमुक्त करार दिया.
जया प्रदा के खिलाफ आचार संहिता के उल्लंघन का यह मामला 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान स्वार थाना क्षेत्र में दर्ज किया गया था. आचार संहिता लागू होने के बावजूद उन्होंने एक सड़क का उद्घाटन कर दिया था. इसका वीडियो भी वायरल हुआ था और मामले में साक्ष्यों की कमी के चलते अदालत ने उन्हें राहत दी है.
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आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप
पूर्व सांसद पर आचार संहिता के उल्लंघन के अन्य मामले भी दर्ज थे, लेकिन उन्हें राहत मिल गई थी. इस मामले में 2019 में केमरी पुलिस स्टेशन में उन पर समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान के खिलाफ आपत्तिजनक भाषण देने का आरोप दर्ज किया गया था. अदालत ने गवाहों की कमी के चलते उन्हें यहां भी दोषमुक्त करार दिया था.
उल्लंघन के दो मामलों में फरार होने के आरोप
जया प्रदा पर आचार संहिता उल्लंघन के दो मामलों में 'फरार' होने का आरोप था. कोर्ट में हाजिर न होने के कारण उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया गया था. एमपी/एमएलए अदालत ने सीआरपीसी की धारा 82 के तहत आदेश भी जारी किया था.
कोर्ट ने जारी किया था गैर-जमानती वारंट
वरिष्ठ वकील अमरनाथ तिवारी के मुताबिक, जया प्रदा के खिलाफ 2019 चुनाव आचार संहिता से संबंधित मामलों को रामपुर की विशेष अदालत में दर्ज किया गया था. एमपी/एमएलए मजिस्ट्रेट न्यायाधीश शोभित बंसल ने जया प्रदा के पिछली तारीखों पर अदालत में उपस्थित नहीं होने के कारण गैर-जमानती वारंट जारी किया था.