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कर्ज से परेशान किसान ने की आत्महत्या, ओलावृष्टि से बर्बाद हो गई थी पूरी फसल

यूपी के झांसी में एक किसान ने कर्ज से परेशान होकर आत्महत्या कर ली. बताया जाता है कि ओलावृष्टि के कारण उसकी मटर और गेहूं की फसल नष्ट हो गई थी. इस कारण उस पर बैंक और साहूकार का काफी कर्ज हो गया था. इस वजह से वह काफी दबाव में रह रहा था. आखिरकार उसने परेशान होकर अपनी जान दे दी.

 सांकेतिक फोटो सांकेतिक फोटो
अमित श्रीवास्तव
  • झांसी,
  • 19 मार्च 2024,
  • अपडेटेड 9:13 PM IST

उत्तर प्रदेश के झांसी में कर्ज से परेशान एक किसान ने आत्महत्या कर ली. बताया जाता है कि ओलावृष्टि के कारण उसी फसल बर्बाद हो गई थी और उसके ऊपर बैंक व साहूकार का काफी कर्ज भी था. इस कारण वह काफी परेशान रहा था. फसल खराब हो जाने के कारण वह आर्थिक संकट से गुजर रहा था. इस वजह से उसने अपनी जान दे दी. यह घटना जिले के मऊरानीपुर तहसील के टोड़ी फतेहपुर की है. 

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मिली जानकारी के अनुसार मऊरानीपुर तहसील अंतर्गत टोड़ी फतेहपुर निवासी युवा किसान पुष्पेंद्र सिंह उम्र 35 वर्ष ने घर पर फांसी लगाकर जान दे दी. 2 जून को जनपद झांसी के ग्रामीण अंचलों में भयंकर बारिश ओलावृष्टि हुई थी. इस कारण तहसील क्षेत्र के कई गांव के किसानों की फसले नष्ट हो गई थी. इसी कड़ी में ग्राम बुढाई निवासी पुष्पेंद्र सिंह के खेत में बोई फसल भी नष्ट हुई थी.

पांच बीघे में लगी मटर और गेहूं की फसल हो गई थी बर्बाद
पुष्पेंद्र सिंह के पास लगभग 5 बीघा जमीन थी. इसमें ढाई बीघा में मटर बोया था और 2 बीघा में गेहूं जो ओलावृष्टि से नष्ट हो गई थी. ढाई बीघा में मटर मात्र 60 किलो निकली थी. जिससे किसान परेशान हो गया और सोमवार की शाम को उसने घर पर ही फांसी लगाकर जान दे दी.

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बैंक का लाख रुपये का था कर्ज
परिजनों ने बताया पुष्पेंद्र सिंह के पास 4:30 बीघा जमीन थी जिस पर 104000 का पीएनबी बैंक से केसीसी कर्ज था. साथ में डेढ़ लाख रुपये का साहूकारों का कर्ज था. इस कारण वह काफी परेशान हो गया था. कर्ज के कारण वह लगातार दबाव में रह रहा था. मृतक अपने पीछे पत्नी व तीन बच्चे छोड़ गया.

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