
झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में हुए अग्निकांड हादसे में मरने वाले बच्चों की संख्या बढ़ गई है. अब तक हादसे में मरने वाले बच्चों की संख्या 10 से बढ़कर 11 हो गई है. जिसकी जानकारी मेडिकल कॉलेज पहुंच जिलाधिकारी अविनाश कुमार ने दी है. उन्होंने बताया कि मेडिकल कॉलेज में जो दुखद हादसा हुआ है उसमें रविवार यानि कि दूसरे दिन हमने वार्ड पहुंच कर निरीक्षण किया है.
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निरीक्षण के दौरान माता-पिता से उनके बच्चों का हाल-चाल जाना. अभी वार्ड में भर्ती बच्चों में बर्न इंजरी नहीं है. जैसा कि हमने पहले भी बताया था कि एनआईसीयू में उन बच्चों को भर्ती किया जाता है, जो गंभीर होते हैं. हादसे में एक और बच्चे की मौत हो गई है. अब मरने वाले बच्चों कर संख्या 10 से बढ़कर 11 हो गई है. रविवार को जिस बच्चे की जान गई, उसकी मौत उसे हुई बीमारी के चलते हुई है.
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जिन 10 बच्चों की रविवार को डेथ हुई थी उनके परिजनों को शव दे दिया गया था. कोई भी बच्चा मिसिंग नहीं है. फिर भी एक परिवार की तरफ से बच्चे के गायब होने का क्लेम किया जा रहा है. हम वेरिफाई कर रहे हैं और पड़ताल कर रहे हैं.
अस्पताल में लगाए गए थे एक्सपायरी डेट के फायर एक्सटिंग्विशर
हादसे के बाद आज तक की टीम ने ग्राउंड पर जाकर पड़ताल की. इस दौरान पाया गया कि अस्पताल में जो फायर एक्सटिंग्विशर लगाए गए थे वह एक्सपायरी डेट के थे. कोई 1 साल पहले एक्सपायर हुआ था तो कुछ सिलेंडर तीन और चार साल पहले एक्सपायर हो चुके थे. वहीं प्रत्यक्ष दर्शियों का कहना है कि कोई भी सिलेंडर काम नहीं कर रहा था.
जिस वक्त आग लगी, उस वक्त फायर अलार्म भी नहीं बजे थे. इसके अलावा जो वार्ड में आग लगने पर वॉटर स्प्रिंकलर थे वह भी नहीं चले थे. जिसकी वजह से इतना बड़ा हादसा हुआ. वहीं, हादसे के बाद अस्पताल से एक्सपायरी डेट वाले सिलेंडर गायब हो गए.