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जर्मनी की जूलिया ने जालौन के दीपेश संग रचाई शादी, हिंदू रीति-रिवाज से लिए सात फेरे, देखें PHOTOS

जर्मनी के लाइप्त्सिग शहर की रहने वाली जूलिया की शादी जालौन के कपासी गांव निवासी दीपेश के साथ हिंदू रीति-रिवाज के अनुसार हुई है. शादी की रस्में उरई के एक रिसॉर्ट में संपन्न हुईं, जिसकी फोटोज सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं.  

दीपेश और जूलिया दीपेश और जूलिया
अलीम सिद्दीकी
  • जालौन ,
  • 13 मार्च 2025,
  • अपडेटेड 11:23 AM IST

उत्तर प्रदेश के जालौन में दीपेश पटेल नाम के युवक की शादी चर्चा का विषय बन गई है. दरअसल, दीपेश ने जर्मन लड़की से शादी रचाई है. उसका नाम जूलिया है. खास बात यह है कि जर्मनी के लाइप्त्सिग शहर की रहने वाली जूलिया की शादी जालौन के कपासी गांव निवासी दीपेश के साथ हिंदू रीति-रिवाज के अनुसार हुई है. शादी की रस्में उरई के एक रिसॉर्ट में संपन्न हुईं, जिसकी फोटोज सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं.  

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आपको बता दें कि दीपेश पटेल जर्मनी की एक कंपनी में इंजीनियर हैं. वहीं, पर उनकी जूलिया से मुलाकात हुई थी. इसके बाद दोनों में प्यार हुआ. दीपेश ने अपने परिवार को लड़की के बारे में बताया. बातचीत के बाद दीपेश के परिवार वाले शादी के लिए राजी हो गए. पहले दोनों की सगाई हुई और अब उरई में शादी हुई.

जूलिया और दीपेश की शादी हिंदू रीति-रिवाज से संपन्न हुई. जूलिया ने जहां लहंगा पहना हुआ था वहीं, दीपेश ने शेरवानी. दोनों ने सात फेरे लेकर जीवन भर साथ निभाने की कसमें खाईं. इससे पहले हल्दी आदि की रस्म हुई थी. इस शादी से दीपेश के घरवाले बेहद खुश हैं. 

दूल्हे के पिता मानवेंद्र ने कहा कि इकलौते बेटा दीपेश ढाई साल से जर्मनी में एक कंपनी में नौकरी कर रहा है. नौकरी के दौरान ही उसकी दोस्ती जर्मनी की जूलिया से हुई, जो बाद में प्यार में बदल गई. जूलिया कई बार दीपेश के साथ भारत आ चुकी है. दीपेश ने कुछ समय पहले अपनी मां क्रांति पटेल को बताया था कि वह जूलिया से शादी करना चाहता है.

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सगे संबंधियों से बातचीत करने के बाद हमने शादी करने की अनुमति दे दी. बुधवार को शहर के श्याम सरोवर गेस्ट हाउस में भव्य शादी समारोह का आयोजन हुआ. शादी से एक दिन पहले मेंहदी की रस्म हुई. इस मौके पर जूलिया के जर्मनी के कई दोस्त व रिश्तेदार भी इस आयोजन में शामिल हुए. 

करीबी लोगों ने बताया कि शादी तय होने के बाद से जूलिया हिंदी सीख रही है. निरंतर अभ्यास के चलते जूलिया थोड़ी बहुत हिंदी समझने और बोलने भी लगी है. जूलिया करीब ढाई साल पहले जर्मनी पहुंचे दीपेश के संपर्क में आई थी. वहां दोनों में पहले दोस्ती हुई और बाद में उनकी यह दोस्ती प्यार में बदल गई. जूलिया अबतक तीन बार भारत आ चुकी है. यहां की संस्कृति और सभ्यता में उसकी खासी रुचि है.  

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