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महिला कर्मचारी की खातिरदारी में सरकारी एंबुलेंस... हर रोज लाता और ले जाता है ड्राइवर

उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक सरकारी एंबुलेंस इन दिनों एक महिला कर्मचारी की सेवा में लगा हुआ है. एंबुलेंस से ही उसका ड्राइवर हर रोज महिला कर्मचारी को लाता और छोड़कर आता है. इस मामले में एंबुलेंस ड्राइवर का कहना है कि हम इधर से गाड़ी लेकर जाते हैं तो इनका घर पड़ता है. इसलिए इनको ले लेते हैं.

सरकारी एंबुलेंस से महिला कर्मचारी को घर छोड़ने जाता है ड्राइवर सरकारी एंबुलेंस से महिला कर्मचारी को घर छोड़ने जाता है ड्राइवर
रंजय सिंह
  • कानपुर,
  • 02 जनवरी 2023,
  • अपडेटेड 5:19 PM IST

सरकारी एंबुलेंस की शुरुआत का मकसद होता है कि एक कॉल पर जरूरतमंद को तुरंत मदद मिल जाएं और मरीज को तुरंत हॉस्पिटल पहुंचाया जाए, लेकिन उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक सरकारी एंबुलेंस इन दिनों एक महिला कर्मचारी की खातिरदारी में लगा हुआ है. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि एंबुलेंस का ड्राइवर हर रोज महिला कर्मचारी को लाता और छोड़कर आता है.

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दरअसल, कानपुर के कांशीराम हॉस्पिटल में एक एंबुलेंस ड्राइवर अपनी साथी महिला कर्मचारी को उसके घर से लाने और छोड़ने के लिए सरकारी एंबुलेंस का इस्तेमाल करता है. प्रतिदिन रात में उसको हॉस्पिटल लाने के लिए एंबुलेंस लेकर सनिगवां कालोनी आता है और उसके बाद एंबुलेंस से ही हॉस्पिटल से घर छोड़ने भी आता है.

इस दौरान एम्बुलेंस के डीजल का खर्चा सरकार के खाते में ही जाता है. इस मामले में जब हमने एंबुलेंस ड्राइवर से बात की तो उसका कहना है कि हम इधर से निकलते हैं तो रास्ते में महिला कर्मचारी का घर पड़ता है, इसलिए उसको ले लेते हैं. खैर हर रोज एक जैसा इत्तेफाक होने का सवाल जब एंबुलेंस ड्राइवर से पूछा गया तो वह बगले झांकने लगा.

इस मामले में क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि हम लोग भले फोन करे तो एम्बुलेंस देर से आए या ना आए, लेकिन यह एंबुलेंस ड्राइवर प्रतिदिन महिला कर्मचारी को लेने और छोड़ने टाइम से आता है, बिल्कुल टाइम पर. खैर इस मामले में अभी जिम्मेदार अधिकारियों से बात नहीं हो पाई है. उनका पक्ष आते ही खबर में अपडेट कर दिया जाएगा.

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