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कानपुर में ठंड का कहर, 9 दिनों में हार्टअटैक से 131 लोगों की मौत, डॉक्टर बोले- आंकड़े चौंकाने वाले

कानपुर के LPS Heart Disease Center के मुताबिक, एक जनवरी से नौ जनवरी तक 131 लोगों की मौत हार्ट अटैक से हुई है. संस्थान के कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट के निदेशक प्रोफेसर विनय कृष्णा ने बताया कि यह आकड़े चौंकाने वाले हैं, पहले कभी इतनी मौतें नहीं देखीं गई, पोस्ट कोविड इफेक्ट और ठंड का डेडली कॉम्बिनेशन बन रहा है.

सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर
सिमर चावला
  • कानपुर,
  • 10 जनवरी 2023,
  • अपडेटेड 1:18 PM IST

उत्तर प्रदेश के कानपुर में सर्दी के चलते हार्ट अटैक से हो रही मौतें चिंता का सबब बनी हुई है. एक जनवरी से नौ जनवरी तक 131 लोगों की मौत हार्ट अटैक से हुई है. LPS Heart Disease Center के कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट के निदेशक प्रोफेसर विनय कृष्णा ने बताया कि यह आकड़े चौंकाने वाले हैं, पहले कभी इतनी मौतें नहीं देखीं गई.

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प्रोफेसर विनय कृष्णा ने कहा कि पोस्ट कोविड इफेक्ट और ठंड का डेडली कॉम्बिनेशन बन रहा है. उन्होंने बताया कि मौजूदा हालात को देखते हुए संस्थान अलर्ट मोड पर काम कर रहा है. वहीं यूपी सरकार की मदद की वजह से सभी रोगियों को निशुल्क इलाज मुहैया कराया जा रहा है. उनका कहना है कि ठंड बढ़ रही है, ऐसे में ब्लड प्रेशर के रोगी एहतियात बरतें.

1 से 9 जनवरी के बीच 131 लोगों की मौत का आंकड़ा केवल कानपुर हृदय रोग संस्थान (LPS Heart Disease Center) से ही सामने आ आ रहा है. ग्रामीण इलाकों और अन्य सीएचसी अस्पतालों व सरकारी अस्पतालों के आंकड़े इसमें शामिल नहीं है. डॉक्टरों के मुताबिक, सर्दियों में बीपी के मरीजों और बुजुर्ग लोगों को अधिक दिक्कतें हो रही हैं. 

ऐसे में कानपुर के हृदय रोग संस्थान ने एक कंट्रोल रूम शुरू किया और हेल्पलाइन नंबर जारी कर लोगों को मदद पहुंचाने का रास्ता बनाया है, ताकि लोगों की जान बचाई जा सक. बढ़ते मौत के आंकड़े देख सरकार की तरफ से दवाइयों के लिए बजट पास किया गया है. इमरजेंसी में कोई भी पेशंट आए तो उसे दवा मुफ्त में मिलेगी. 

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इसके साथ ही सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट की संख्या बढ़ाई गई है, जो ड्यूटी पर तैनात रहेंगे, संजय गांधी अस्पताल से छह डॉक्टरों की ड्यूटी भी लगाई गई है, जो कंट्रोल रूम में बैठकर चीजों को मॉनिटर करेंगे.

कैसे करें बचाव?

कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट के निदेशक प्रोफेसर विनय कृष्णा का कहना है कि शीतलहर में ह्रदय रोगी ठंड से बचाव रखें, जरूरत पड़ने पर ही बाहर निकलें, कान, नाक और सिर ढककर रखें, 60 साल की उम्र से अधिक लोगों को शीतलहर में बाहर नहीं निकलना चाहिए, इसके साथ ही हृदय रोगियों को रात में हल्का भोजन करना चाहिए. 

प्रोफेसर विनय कृष्णा का कहना है कि रात को जब ठंड बढ़ जाती है तो ब्लड हार्ट तक जाने की जगह इंटेस्टाइन तक पहुंच जाता है, इसलिए हल्का भोजन करें, ताकि ज्यादा से ज्यादा ब्लड हार्ट तक पहुंच सके. उनका कहना है कि ठंड में अचानक ब्लड प्रेशर बढ़ने से नसों में खून का थक्का जम जा रहा है, जिससे हार्ट अटैक और ब्रेन अटैक पड़ रहा है.

 

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