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कानपुर: साबरमती एक्सप्रेस को 8 साल पहले इंदौर-पटना एक्सप्रेस की तरह पलटाने की थी साजिश!

यूपी के कानपुर में साबरमती एक्सप्रेस (Sabarmati Express) को 8 साल पहले इंदौर पटना एक्सप्रेस की तरह पलटाने की साजिश थी. बता दें कि आठ साल पहले इंदौर-पटना एक्सप्रेस पलटने पर 152 यात्रियों की जान चली गई थी. इस घटना की जांच के बाद बिहार में पकड़े गए स्लीपर आतंकी पूरे मामले का खुलासा किया था. उसने पूछताछ में कहा था कि पैसे लेकर इंदौर-पटना एक्सप्रेस पलटा दी थी.

कानपुर में घटना के बाद जांच करते अधिकारी. कानपुर में घटना के बाद जांच करते अधिकारी.
रंजय सिंह
  • कानपुर,
  • 18 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 4:36 PM IST

यूपी के कानपुर में साबरमती एक्सप्रेस (Sabarmati Express) को आठ साल पहले इंदौर-पटना एक्सप्रेस की तरह पलटाने की साजिश थी, जिसमें 152 यात्रियों की जान चली गई थी. बिहार में पकड़े गए स्लीपर आतंकी ने खुलासा किया था कि उसने पैसे लेकर इंदौर-पटना एक्सप्रेस को पलटा दिया था. कानपुर में शनिवार की रात पटना से अहमदाबाद जा रही साबरमती एक्सप्रेस को 2:30 बजे गोविंदपुरी और भीमसेन स्टेशन के बीच पलटाने की कोशिश की गई, जिसमें इंजन के आगे 3 फीट लंबा रेल पटरी का टुकड़ा रख दिया गया था. 

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कानपुर में शनिवार की रात सबसे पहले इंजन के पहिए बेपटरी हो गए, क्योंकि टक्कर लगते ही जोरदार धमाका हुआ और ड्राइवर ने इमरजेंसी ब्रेक लगाए, जिसके बाद पीछे के डिब्बे पटरी से उतरते गए. प्रयागराज मंडल के डीआरएम दीपक  ने तेज धमाके की बात स्वीकार की थी. रेलवे की तरफ से इंजीनियर महेंद्र प्रताप सिंह ने पनकी थाने में अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है.

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ट्रेन का वही रूट, पटरियां और रात का वही समय, जब 8 साल पहले इंदौर-पटना एक्सप्रेस को पलटा कर डेढ़ सौ लोगों की आतंकियों के स्लीपर मॉडल ने जान ले ली थी. आठ साल बाद शनिवार की रात कानपुर में साबरमती एक्सप्रेस को भी पलटाने की साजिश की गई. इसके लिए रेलवे पटरी पर 3 फीट लंबा रेल पटरी का टुकड़ा लगाया गया था. रेलवे अधिकारी भी शायद इसे समझ चुके हैं.

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इलाहाबाद मंडल के रेलवे अधिकारी महेंद्र कुमार सिंह ने साबरमती ट्रेन दुर्घटना को अंजाम देने वाले अज्ञात व्यक्ति के नाम कानपुर के पनकी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है. इसके बाद से सुरक्षा एजेंसियां, यूपी एटीएस, एसटीएफ से लेकर केंद्रीय एजेंसी तक अलर्ट पर है. 8 साल पहले हुई इंदौर पटना एक्सप्रेस दुर्घटना में उस समय के डीआरएम समेत कई रेलवे अधिकारियों पर कार्रवाई हुई थी.

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बता दें कि 8 साल पहले 20 नवंबर 2016 को पुखरायां स्टेशन से पहले पटना से इंदौर जा रही इंदौर-पटना एक्सप्रेस रात 3:00 बजे पलट गई थी. उस समय भी ड्राइवर ने रिपोर्ट में कहा था कि ट्रेन पलटने से पहले जोरदार धमाका हुआ था. उस मामले में पुलिस और रेलवे की एजेंसी जांच कर रही थी, तभी बिहार के मोतिहारी जिले में पुलिस ने मोती पासवान नाम के एक आरोपी को गिरफ्तार किया था. उसने खुलासा किया था कि उसे दो युवकों ने ₹70000 देकर इंदौर-पटना एक्सप्रेस को पलटने को कहा था. इसके लिए उन्होंने पुखरायां स्टेशन के पास कई दिन रेकी की थी.

बिहार की मोतिहारी पुलिस ने कुछ संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की तो एक शख्स ने मोतिहारी पुलिस के सामने खुलासा किया था. उसने बताया था कि कानपुर देहात के पुखराया रेल हादसे का मास्टरमाइंड दुबई में बैठा एक शख्स है. यह घटना कोई हादसा नहीं, बल्कि एक साजिश थी.

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बिहार पुलिस ने तत्काल इस सूचना को संबंधित अधिकारियों व जांच में जुटी एजेंसियों को दिया. यूपी से तत्काल एक पुलिस उपाधीक्षक के नेतृत्व में छह सदस्यीय ATS टीम लखनऊ से मोतिहारी पहुंची थी और संदीप से पूछताछ की थी.

मोतिहारी पुलिस के खुलासे से पहले ही मुरादाबाद के एसपी शगुन गौतम को बसंत कुमार नाम के एक व्यक्ति ने गोपनीय लेटर भेजकर जानकारी दी थी कि कानपुर की दुर्घटना दो लोगों को पैसा देकर कराई गई थी.

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एसपी रेलवे मुरादाबाद शगुन गौतम ने 13 जनवरी को एक पत्र लिखकर यूपी में जीआरपी व आरपीएफ समेत सिविल पुलिस को अलर्ट जारी किया था, जिसमें खुद एसपी रेलवे ने यह कहा था कि उनके पास एक लेटर के माध्यम से जानकारी आई है कि इन घटनाओं के पीछे 26 जनवरी के पहले दहशत फैलाने का मकसद है.

बसंत कुमार के नाम से यह लेटर एसपी रेलवे के पास आया था, जिसमें कहा गया था कि पटरियों की चाबी खोलने और ट्रैक को लूज करने की ट्रेनिंग इलाहाबाद-बनारस रूट पर एक सुनसान जगह पर उन्हें ट्रेनिंग दी गई थी. घटना को अंजाम देने के एवज में 70 हजार रुपये दिए जाने थे.

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लेटर भेजने वाले शख्स के मुताबिक, विनोद और संतोष नाम के लोगों ने कानपुर में घटना को अंजाम दिया था. नतीजतन पुखराया ट्रेन हादसा सामने आया था, जिसमें 52 यात्रियों की जान गई थी. इसके बाद रूरा में जयपुर जा रही ट्रेन दुर्घटना हुई थी, जिसको मोती पासवान नाम के आरोपी ने अपनी टीम द्वारा अंजाम दिए जाने की बात स्वीकार की थी. इसमें रूरा स्टेशन के पास जयपुर एक्सप्रेस के आठ डिब्बे पलटे थे.

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20 नवंबर 2016 को रात लगभग 3 बजे करीब स्टेशन से पहले धमाके से इंदौर पटना एक्सप्रेस पलटी थी. इसमें 152 लोगों की जान गई थी. पुखरायां और भीमसेन स्टेशन के बीच कुछ किलोमीटर की दूरी है, यानी 8 साल पहले इंदौर-पटना एक्सप्रेस जहां पर पलटाई गई थी, वहां से लगभग 30 किलोमीटर पहले ही साबरमती एक्सप्रेस को पलटाने की कोशिश की गई.

घटना को लेकर डीआरएम ने क्या बताया?

डीआरएम दीपक का कहना है कि पूरे मामले की जानकारी सुरक्षा एजेंसी को दे दी गई है. रिपोर्ट दर्ज कर दी गई है, पुलिस अपने हिसाब से जांच करेगी. कानपुर के ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर हरिश्चंद्र का कहना है कि पनकी थाने में रेलवे अधिकारी के द्वारा रिपोर्ट दर्ज कराई गई है. पिछली दुर्घटनाओं की स्थिति को देखकर हर मामले की जांच की जाएगी. इसमें फोरेंसिक जांच की गई है. पटरी और मिले टुकड़े की हर स्तर से जांच की जाएगी. हमारे साथ अन्य सुरक्षा एजेंसियां जांच में लग गई हैं.

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