Advertisement

कानपुर: पानी की टंकी में डूबी ढाई साल की मासूम, परिजनों ने देखा, तब तक हो चुकी थी मौत

यूपी के कानपुर में एक ढाई साल की बच्ची घर में रखी पानी की टंकी में डूब गई. जब तक परिवार के लोगों ने बच्ची को तलाश कर ढूढ़ा, तब तक बच्ची की मौत हो चुकी थी. परिजन बच्ची को लेकर अस्पताल भी पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. इस मामले में परिजनों ने शव का पोस्टमार्टम कराने से इनकार कर दिया है.

पानी की टंकी में डूबी ढाई साल की मासूम. पानी की टंकी में डूबी ढाई साल की मासूम.
रंजय सिंह
  • कानपुर,
  • 21 जनवरी 2023,
  • अपडेटेड 9:18 PM IST

यूपी के कानपुर के रावतपुर इलाके में ढाई साल की मासूम बच्ची की पानी की टंकी में डूबने से मौत हो गई. इस घटना के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. इस मामले में घटना की सूचना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची. पुलिस ने कहा कि बच्ची के परिजन शोक में डूबे थे. वे पोस्टमार्टम नहीं कराना चाहते थे. इसलिए शव उन्हें दे दिया गया है.

Advertisement

जानकारी के अनुसार, कानपुर के रावतपुर इलाके में ज्योति अपने परिवार के साथ दो मंजिला मकान में रहती हैं. ज्योति के पति जितेंद्र गुजरात में काम करते हैं. आज दोपहर ढाई साल की बच्ची खेल रही थी, तभी उसने चॉकलेट की जिद की. इस दौरान दादा ओमप्रकाश बच्ची को गोद में लेकर मोहल्ले की दुकान पर गए. दुकान से आकर बच्ची को घर पर छोड़ दिया. 

इस दौरान ज्योति घर के काम में जुटी थी. ज्योति पहली मंजिल पर रहती हैं, जबकि उसके परिवार के अन्य लोग दूसरी मंजिल पर रहते हैं. दोपहर में बच्ची की दादी छत पर थी. ज्योति ने बच्ची को दादी के पास भेज दिया. इसके बाद बच्ची दादी के पास जाने लगी. कुछ देर बाद ज्योति ऊपर छत पर गई तो वहां बच्ची नहीं थी.

छत पर नहीं दिखी बच्ची तो तुरंत शुरू की तलाश, देखा तो पानी की टंकी में पड़ी थी

Advertisement

इसके बाद उसने तुरंत तलाश शुरू की. ज्योति दूसरी मंजिल पर पहुंची, वहां देखा कि बच्ची पानी की टंकी में पड़ी थी. बच्ची को देखते ही ज्योति चीख पड़ी. उसने बच्ची को पानी की टंकी से निकाला. बच्ची कुछ बोल नहीं रही थी, आंखें बंद थीं. तब तक परिवार के अन्य लोग मौके पर पहुंचे और बच्ची को हॉस्पिटल ले गए. डॉक्टर ने बच्ची को मृत घोषित कर दिया.

इस मामले में एडीसीपी लाखन सिंह यादव का कहना है कि मामले की सूचना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची थी. बच्ची के परिवार के लोग बेहद परेशान थे. वे पोस्टमार्टम नहीं कराना चाहते थे. इसलिए शव उन्हें सौंप दिया गया.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement