
यूपी की कानपुर पुलिस एक बार फिर सवालों के घेरे में है. दरअसल, सचेंडी के सब्जी विक्रेता सुसाइड केस में आरोपी दारोगा और कॉन्स्टेबल की जांच कर रहे इंस्पेक्टर ने सबूतों को दरकिनार कर साथी पुलिस वालों को क्लीन चिट दे दी. जांचकर्ता इंस्पेक्टर ने मामले में फाइनल रिपोर्ट (एफआर) लगाकर केस को क्लोज कर दिया.
हालांकि, इसका खुलासा होने पर और विभाग की किरकिरी होने के डर से सब्जी विक्रेता सुसाइड केस में एफआर लगाने वाले इंस्पेक्टर अनूप कुमार सिंह को सस्पेंड कर दिया गया है. इसके साथ ही आरोपी इंस्पेक्टर के खिलाफ विभागीय जांच भी खोल दी गई है. बताया जा रहा है कि विवेचक ने सबूतों को दरकिनार कर पीड़ित परिवार से ही शपथ-पत्र लेकर केस में एफआर लगा दी थी.
मालूम हो कि कानपुर के सचेंडी इलाके में बीती मई को सब्जी बेचने वाले सुनील राजपूत ने सुसाइड कर लिया था. सुसाइड से पहले उसने सत्येंद्र कुमार नाम के चौकी इंचार्ज और अजय यादव नाम के कॉन्स्टेबल पर प्रताड़ित करने, वसूली करने, फ्री में सब्जी लेने और मारपीट जैसे गंभीर आरोप लगाए थे.
इस मामले में काफी बवाल हुआ था. जिसके चलते सचेंडी थाने में दोनों पुलिस कर्मियों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने और रंगदारी की एफआईआर दर्ज हुई थी. इसकी जांच सचेंडी थाने के अतिरिक्त इंस्पेक्टर अनूप कुमार सिंह को दी गई थी.
लेकिन आरोपी इंस्पेक्टर अनूप ने मृतक सुनील राजपूत के अंतिम यानी सुसाइड से पहले के बयान को दरकिनार कर दिया और उल्टा पीड़ित पर दबाव बनाकर आरोपी दारोगा और कॉन्स्टेबल से समझौता करा दिया. साथ ही शपथ-पत्र दिलाया कि इस केस में उन्हें कोई कार्रवाई नहीं करनी है. इसी शपथ-पत्र के आधार पर विवेचक ने सुसाइड केस के आरोपी दारोगा और कॉन्स्टेबल को क्लीन चिट देते हुए केस में एफआर लगा दी.
मामले में डीसीपी वेस्ट का कहना है कि उन्होंने विवेचक अनूप कुमार सिंह को दो तीन पहले सस्पेंड कर दिया है. इसके साथ ही केस की दोबारा जांच का आदेश दिया है. अब सचेंडी थाना प्रभारी को जांच सौंपी गई है. इसके साथ ही जांच में खेल करने वाले विवेचक के खिलाफ विभागीय जांच भी बैठा दी है.