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4 हजार CCTV, चप्पे-चप्पे पर पुलिस, गुलदार से बचाव के लिए वनकर्मी... Kanwar Yatra को लेकर बिजनौर प्रशासन अलर्ट

शिवरात्रि के मौके पर लाखों शिव भक्त गंगाजल लाने के लिए हरिद्वार जाते हैं. हरिद्वार से वापसी में सबसे पहला जिला बिजनौर पड़ता है, जहां से अलीगढ़, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली, हापुड़, अमरोहा, संभल, आगरा सहित कई जिलों के शिव भक्त कांवड़ लेकर गुजरते हैं. ऐसे में बिजनौर प्रशासन अलर्ट है.

Kanwar Yatra को लेकर बिजनौर प्रशासन अलर्ट Kanwar Yatra को लेकर बिजनौर प्रशासन अलर्ट
संजीव शर्मा
  • बिजनौर ,
  • 29 फरवरी 2024,
  • अपडेटेड 2:52 PM IST

यूपी के बिजनौर में चुनावी साल में कांवड़ यात्रा बिना किसी दिक्कत के शांतिपूर्वक संपन्न कराने के लिए 4000 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं. इन कैमरों के जरिए पूरी कांवड़ यात्रा पर नजर रखी जाएगी. इसके लिए मुख्य कंट्रोल रूम कांवड़ यात्रा के पहले पड़ाव, मोटा महादेव मंदिर पर बनाया जा रहा है. 

बता दें कि इस रूट पर हरिद्वार से करीब 5 लाख से ज्यादा श्रद्धालु कांवड़ लेकर गुजरेंगे और 8 मार्च को महाशिवरात्रि के दिन अपने-अपने जिलों में जाकर भगवान शिव का जलाभिषेक करेंगे. 

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महाशिवरात्रि के मौके पर लाखों शिव भक्त गंगाजल लाने के लिए हरिद्वार जाते हैं. हरिद्वार से वापसी में सबसे पहला जिला बिजनौर पड़ता है, जहां से अलीगढ़, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली, हापुड़, अमरोहा, संभल, आगरा सहित कई जिलों के शिव भक्त कांवड़ लेकर गुजरते हैं. 

4000 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे

ऐसे में कांवड़ यात्रा को चुनावी साल में बिना किसी विघ्न के शांतिपूर्वक संपन्न करने के लिए पुलिस प्रशासन द्वारा 4000 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं. यह सभी कैमरे ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम पंचायत के माध्यम से, शहरों-कस्बों में जिला पंचायत के माध्यम से तथा नगर क्षेत्र में नगर पालिका के माध्यम से, साथ ही शहर के मुख्य चौराहों पर पुलिस के सहयोग से लगाए जा रहे हैं. सभी रास्तों से गुजरने वाली कांवड़ यात्रा पर इन कैमरों के माध्यम से नजर रखी जाएगी, ताकि कोई शरारती तत्व यात्रा में कोई विघ्न न डाल सके. 

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कांवड़ यात्रा का पहला पड़ाव बिजनौर

गौरतलब है कि बिजनौर कांवड़ यात्रा का सबसे पहला पड़ाव माना जाता है. यहां पर नजीबाबाद, हरिद्वार मार्ग पर भगवान शिव का सबसे प्राचीन मंदिर है, जिसको मोटा महादेव के नाम से जाना जाता है. मान्यता है कि हरिद्वार से जब शिव भक्त कांवड़ लेकर चलते हैं तो एक जल की छोटी बोतल अलग से लेकर चलते हैं. इस छोटी बोतल के जल को मोटा महादेव मंदिर पर चढ़ाया जाता है और तब ही उनकी कांवड़ यात्रा को पूरा माना जाता है. 

मोटा महादेव मंदिर

खास है मोटा महादेव मंदिर

मोटा महादेव मंदिर के मुख्य पुजारी पंडित शशि नाथ शर्मा के अनुसार, जो शिव भक्त अपनी कांवड़ लाने के दौरान इस मंदिर पर जलाभिषेक नहीं करते और सीधे चले जाते हैं तो उनकी कांवड़ यात्रा अधूरी मानी जाती है. इसीलिए इस मान्यता के चलते मोटा महादेव मंदिर पर हरिद्वार से गुजरने वाले करीब 5 लाख कांवड़ यात्री यहां पर जलाभिषेक कर तब अपने जिलों की ओर प्रस्थान करते हैं. इस दौरान मोटा महादेव मंदिर पर शिव भक्तों की भारी भीड़ रहती है. 

इसी को देखते हुए प्रशासन द्वारा तैयारी की जा रही है. इसके अलावा यह चुनावी साल भी है तो कोई खुराफात ना हो इसको ध्यान में रखते हुए भी पुलिस द्वारा अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है. मिश्रित आबादी में सादी वर्दी में पुलिस के जवानों को तैनात किया जाएगा. सीसीटीवी कैमरों से नजर तो रखी ही जाएगी. 

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कांवड़ यात्रा

गुलदार का भी खौफ

इसके अलावा बिजनौर जिले में गुलदार का भी काफी खौफ है. पूर्व में गुलदार द्वारा हमले भी किये जा चुके हैं, जिनमें कई लोगों की जान चुकी है. ऐसे में कांवड़ यात्रा के दौरान जगह-जगह संकेतक लगाए जा रहे हैं.  वनकर्मियों को भी रास्ते में तैनात किया जाएगा.  

बिजनौर के एसपी सिटी संजीव वाजपेई के अनुसार, 8 मार्च को महाशिवरात्रि है और कांवड़ यात्रा शुरू होने जा रही है. इसके लिए पुलिस द्वारा तैयारी की गई है. कांवड़ यात्रा पर नजर रखने के लिए बड़ी संख्या में सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं. रास्तों में लाइट की व्यवस्था की जा रही है.

मोटा महादेव मंदिर पर कंट्रोल रूम बनाया गया है, जहां से पूरी कांवड़ यात्रा पर नजर रखी जाएगी. वहीं से ट्रैफिक कंट्रोल भी किया जाएगा. कांवड़ यात्रा को शांतिपूर्वक संपन्न कराने के लिए हर प्रयास किये जा रहे हैं. 

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