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महिला वकील ने जमानत का किया विरोध तो कर दी हत्या, पुलिस ने ऐसे किया खुलासा

जमानत याचिका का विरोध करने पर 40 वर्षीय महिला वकील की हत्या की गई थी. इस पूरे मामले का पुलिस ने खुलासा कर दिया है. साथ ही पुलिस ने मामले में 6 लोगों को गिरफ्तार भी किया है.

मृतक महिला वकील मोहिनी तोमर मृतक महिला वकील मोहिनी तोमर
aajtak.in
  • कासगंज,
  • 10 सितंबर 2024,
  • अपडेटेड 1:10 PM IST

पुलिस ने मंगलवार को बताया कि जिला न्यायालय की 40 वर्षीय महिला वकील का कथित तौर पर हत्या कर दी गई. महिला वकील की अपहरण करके हत्या इसलिए की गई क्योंकि वह पुराने मामलों में एक अधिवक्ता के बेटों और उसके सहयोगी की जमानत याचिका का विरोध कर रही थी.

इस संबंध में पुलिस अधीक्षक अपर्णा रजत कौशिक ने न्यूज एजेंसी को बताया कि अधिवक्ता मुस्तफा कामिल, उनके तीन बेटों हैदर मुस्तफा, सलमान मुस्तफा और असद मुस्तफा सहित दो अन्य सहयोगियों को मामले में गिरफ्तार किया गया है.

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3 सितंबर को अदालत से किया गया था अपहरण

अधिवक्ता मोहिनी तोमर 3 सितंबर को जिला न्यायालय से लापता हो गई थीं और एक दिन बाद उनका शव रेखपुर माइनर नहर से बरामद किया गया था. उनके पति बृजेंद्र तोमर ने कामिल उनके बेटों और दो अन्य सहयोगियों मुनाजिर रफी व केशव मिश्रा सहित छह लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी. 

कासगंज पुलिस स्टेशन में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 103, 140 (1),  62 (1) के तहत एफआईआर दर्ज की गई है. एसपी ने बताया कि कामिल और उसके तीन बेटों को पिछले सप्ताह गिरफ्तार किया गया था. जबकि रफी और मिश्रा को सोमवार को गिरफ्तार किया गया. पुलिस ने बताया कि कामिल, हैदर और सलमान वकील हैं, जबकि असद अलीगढ़ में एलएलबी का छात्र है.

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जमानत याचिका का विरोध करने के चलते मिल रही थीं धमकियां

बृजेंद्र ने अपनी शिकायत में कहा है कि शिवशंकर नामक युवक की पिटाई के आरोपी उनके बेटे हैदर और सलमान की जमानत याचिका का विरोध करने पर उनकी पत्नी को कामिल से धमकियां मिल रही थीं. एफआईआर में उन्होंने कहा है कि कामिल और उनके बेटों ने उन्हें मामला उठाने पर धमकाया और केस से हटने का दबाव बनाया. कथित अपहरण 3 सितंबर तब हुआ, जब बृजेंद्र अपनी पत्नी को जिला न्यायालय में छोड़ने गए थे.

उन्होंने आरोप लगाया है कि मोहिनी का अपहरण कर आरोपियों ने उसकी हत्या कर दी. उन्होंने यह भी कहा कि उनकी पत्नी हत्या के एक मामले में मुनाजिर रफी की जमानत याचिका का विरोध कर रही थीं. वह पीड़ित पक्ष का प्रतिनिधित्व कर रही थीं.

आपको बता दें कि मोहिनी की हत्या के बाद जिले में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे. वकीलों ने कासगंज-बरेली हाईवे को जाम कर दिया था और मामले में न्याय की मांग की थी. साथ ही वकीलों ने परिवार के सदस्यों के लिए एक करोड़ रुपये का मुआवजा भी मांगा था. 

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