
काशी-मथुरा के अदालती मुद्दे नए साल में भी चर्चा में बने रहेंगे. इनमें नए-नए कानूनी मोड़ भी आते रहेंगे. इन मामलों की चर्चा निचली अदालत से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक बनी रहेगी क्योंकि 2024 में लोकसभा चुनाव भी होने हैं. जाहिर हैं अन्य मुद्दों के साथ ये भी जोरदार चुनावी मुद्दे होंगे.
नए साल 2023 में जहां काशी के ज्ञानवापी परिसर में श्रृंगारगौरी के रोजाना दर्शन पूजन की आज्ञा दी जाने वाली याचिका पर इलाहाबाद हाई कोर्ट का फैसला आएगा. वहीं मथुरा के श्री कृष्ण जन्म स्थान के सर्वेक्षण को लेकर अमीन की टीम दो जनवरी को श्रीकृष्ण जन्मस्थान से सटी शाही ईदगाह परिसर का दौरा करेगी.
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने फैसला रखा सुरक्षित
काशी के श्रृंगार गौरी की दैनिक सेवा पूजा के अधिकार को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में 20 दिन चली बहस के बाद दो दिन पहले ही सुनवाई पूरी हो गई. कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. पांच महिलाओं ने काशी के विश्वेश्वर नाथ महादेव यानी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग की शक्ति देवी श्रृंगार गौरी की पूजा का अधिकार वापस पाने के लिए वाराणसी की जिला अदालत में अर्जी दाखिल कर रखी थी, लेकिन मुस्लिम पक्षकार यानी अंजुमन इंतजामिया मसाजिद ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में इस अर्जी के सुनने लायक ही न होने की अर्जी दाखिल करते हुए इसे खारिज करने का आदेश देने की गुहार लगा दी. इस पर फैसला जनवरी में अपेक्षित है.
20 जनवरी से पहले कोर्ट को सौंपनी है रिपोर्ट
लगभग उसी समय मथुरा के श्री कृष्ण जन्मस्थान के साथ ही 17 वीं सदी में बनाई गई शाही ईदगाह के सर्वेक्षण का काम अदालत के आदेश पर शुरू होगा. मथुरा के सीनियर डिवीजन जज के आदेश के बाद ईदगाह परिसर के सर्वेक्षण की प्रक्रिया 2 जनवरी से अमीन दल के दौरे से शुरू हो रही है. भू-राजस्व रिकॉर्ड विभाग के तहत शाही ईदगाह के अमीन की रिपोर्ट में सभी 13.37 एकड़ जमीन का सर्वे और वहां के नक्शे का सर्वेक्षण शामिल होगा. अदालत के आदेश के मुताबिक, अमीन को अपनी रिपोर्ट 20 जनवरी से पहले अदालत को सौंपनी है क्योंकि 20 जनवरी को ही मथुरा की सीनियर सिविल जज सोनिका वर्मा इस मामले की सुनवाई करेंगी.