
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव के बीच इन दिनों सोशल मीडिया पर कटाक्ष का दौर चल रहा है. कभी अखिलेश भाजपा नेता की चुटकी लेते हैं, तो कभी केशव मौर्य सपा प्रमुख पर पलटवार करते हैं. अखिलेश शुक्रवार को लखनऊ सपा मुख्यालय में 'संविधान-मानस्तंभ' का अनावरण करने के बाद पत्रकारों से बात कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य मोहरा हैं. यूपी में वाई-फाई के दो पासवर्ड हैं. आप खेल देखिए दिल्ली के वाई-फाई के पासवर्ड का.
सपा प्रमुख के 'मोहरा' वाले बयान पर अब केशव प्रसाद मौर्य ने पलटवार किया है. उन्होंने X पर एक पोस्ट में लिखा, 'कांग्रेस के मोहरा सपा मुखिया अखिलेश यादव 2027 में पराजय सुनिश्चित देख अनाप-शनाप बयानबाजी कर रहे हैं. जनता से झूठ बोलकर 2024 में मिली सफलता से वह गुब्बारे की तरह फूल गए, उन्हें 2014/17/19/22 में सपा की पराजय याद रखना चाहिए. 2027 में 2017 दोहरायेंगे.' एक अन्य पोस्ट में केशव प्रसाद मौर्य ने लिखा कि सपा मुखिया अखिलेश यादव और इनका कुनबा पिछड़ों और दलितों का कट्टर जन्मजात विरोधी है. सपा का PDA बहुत बड़ा धोखा है. विदेशी शक्तियों के हाथों खेल रही कांग्रेस के मोहरा अखिलेश यादव ने प्रधानमंत्री मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने से रोकने में कोई कसर नहीं छोड़ी.'
वहीं अखिलेश यादव ने यूपी के दोनों डिप्टी सीएम के दिल्ली दौरे पर कटाक्ष किया. उन्होंने X पर एक पोस्ट में लिखा, 'लगता है डबल इंजन वालों के बीच में एक और इंजन आ गया है, जो दिल्ली-लखनऊ के बीच शंटिंग करता है. ऐसा लग रहा है कि दो राजधानियों के बीच कोई इंटर-सिटी आवागमन सेवा चल रही है.' उन्होंने राज्य में भ्रष्टाचार के मुद्दे पर भी योगी आदित्यनाथ सरकार पर निशाना साधा. अखिलेश यादव ने योगी सरकार के एक पूर्व राज्य मंत्री की टिप्पणी का हवाला देते हुए कहा, 'सरकार दावा करती थी कि उसकी जीरो टॉलरेंस की नीति है, खासकर भ्रष्टाचार और कानून-व्यवस्था पर. लेकिन अब उनके नेता खुद कह रहे हैं कि हमने अपने राजनीतिक जीवन में ऐसा भ्रष्टाचार नहीं देखा है.'
हालांकि, पूर्व राज्य मंत्री बाद में अपने बयान से पलट गए. अखिलेश यादव ने बिना किसी का नाम लिए भाजपा के भीतर चल रही अटकलों की ओर इशारा करते हुए कहा, 'भ्रष्टाचार उजागर हो रहा है क्योंकि कुछ लोग मोहरे बन गए हैं.' केंद्रीय भाजपा नेतृत्व के साथ केशव प्रसाद मौर्य की कथित निकटता की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा, 'मैंने सुना है कि मौर्या जी मोहरे हैं, दिल्ली के वाई-फाई का पासवर्ड है.' केपी मौर्य और अखिलेश यादव के बीच सोशल मीडिया और मेन स्ट्रीम मीडिया में एकदूसरे पर यह टीका-टिप्पणी योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली यूपी सरकार और राज्य भाजपा संगठन के बीच दरार की अटकलों के बीच आई है.
उत्तर प्रदेश में 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा का खराब प्रदर्शन वह ट्रिगर पॉइंट था जिसने पार्टी संगठन और राज्य सरकार के बीच कथित तल्खी की अटकलों को हवा दे दी. इस बार के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में भाजपा के सांसदों की संख्या 2019 के 62 से घटाकर 33 हो गई.
चुनाव परिणामों की समीक्षा की प्रक्रिया शुरू हुई, तो भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने सरकार पर उनकी उपेक्षा और अनदेखी करने का आरोप लगाया. 14 जुलाई को लखनऊ में भाजपा की राज्य कार्यकारी समिति की बैठक में, केशव प्रसाद मौर्य ने जोर देकर कहा था कि संगठन, सरकार से बड़ा था, है और रहेगा. उसी बैठक में सीएम योगी ने इस बात पर जोर दिया कि अति आत्मविश्वास के कारण पार्टी वांछित नतीजे हासिल करने से दूर रही.