
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर रणनीति पर मंथन हुआ तो वहीं जेपी नड्डा का अध्यक्ष पद पर कार्यकाल बढ़ाने के फैसले पर भी मोहर लगी. दिल्ली में इस राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में राजनीतिक प्रस्ताव समेत कई प्रस्ताव भी पारित किए गए. इनमें से एक प्रस्ताव का अनुमोदन यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने भी किया.
दिल्ली में संपन्न हुई दो दिन की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में मंच पर अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के अगर किसी बड़े क्षेत्रीय नेता का कद बड़ा हुआ तो वह थे यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य. केंद्रीय कानून मंत्री और उत्तर पूर्व के युवा चेहरे जनजातीय समुदाय से आने वाले किरन रिजिजू ने राजनीतिक प्रस्ताव पढ़ा तो उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव मौर्य ने इस राजनीतिक प्रस्ताव का मंच पर अनुमोदन किया.
किरन रिजिजू की ओर से पढ़े गए प्रस्ताव का अनुमोदन करने वाले दूसरे नेता कर्नाटक के एक दलित नेता रहे. इस बार की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ज्यादातर दर्शक की भूमिका में ही नजर आए. हैदराबाद में आयोजित हुई बीजेपी की पिछली राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में राजनीतिक प्रस्ताव मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पेश किया था.
सीएम योगी आदित्यनाथ की ओर से पेश किए गए प्रस्ताव का अनुमोदन तब असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा ने किया था. इस बार केंद्रीय मंत्री किरन रिजिजू ने राजनीतिक प्रस्ताव पेश किया और यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने उसका अनुमोदन किया. बीजेपी राष्ट्रीय कार्यकारिणी में केशव प्रसाद मौर्य से प्रस्ताव का अनुमोदन कराया जाना यूपी की ओबीसी सियासत से जोड़कर देखा जा रहा है.
बीजेपी राष्ट्रीय कार्यकारिणी में केशव प्रसाद मौर्य से प्रस्ताव का अनुमोदन कराए जाने को उनका राजनीतिक कद बढ़ाने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है. गौरतलब है कि यूपी विधानसभा चुनाव में केशव प्रसाद मौर्य को सिराथू सीट से शिकस्त झेलनी पड़ी थी. विधानसभा चुनाव में सिराथू सीट से हार के बावजूद बीजेपी ने केशव प्रसाद मौर्य को डिप्टी सीएम बनाए रखा था.
केशव प्रसाद मौर्य यूपी में बीजेपी के सबसे बड़े ओबीसी फेस हैं और साथ-साथ राष्ट्रीय मंचों पर भी केशव प्रसाद मौर्य के कद को बीजेपी लगातार बड़ा कर रही है. ऐसे में उत्तर प्रदेश में इसे केशव प्रसाद मौर्य के बढ़ते प्रभाव के तौर पर या फिर बीजेपी के भीतर बड़े होते कद के तौर पर भी देखा जा रहा है.