
बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने समाजवादी पार्टी से अपनी जान को खतरा बताया है. इसको लेकर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा राज्य की बीजेपी सरकार मायावती की सुरक्षा को लेकर संकल्पित है. मौर्य ने आगे कहा कि सुरक्षा के खतरे से जुड़ी फ्लाई ओवर बनाने की जो शिकायत है, वो समाजवादी पार्टी सरकार के समय बनाया गया.
डिप्टी सीएम ने क्या कहा?
उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, "मायावती उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री हैं, BSP की राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं. भाजपा की प्रदेश में सरकार है तो उनकी सुरक्षा के प्रति सरकार प्रतिबद्ध है. फ्लाईओवर बनाने की शिकायत जो है वे समाजवादी पार्टी की सरकार के समय बनाई गई. समाजवादी पार्टी ने दलित पिछड़ा, गरीब, महिलाएं, किसान के विरोध में सदैव आचरण किया है. बहन मायावती को स्टेट गेस्ट हाउस कांड के समय जीवित भी नहीं छोड़ने की स्थिति थी. भाजपा ने उन्हें बचाने के लिए लड़ाई लड़ी."
बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने क्या कहा था?
बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने समाजवादी पार्टी पर हमला करते हुए कहा था कि वो दलित विरोधी है जिससे उन्होंने अपनी जान को खतरा बताया है. मायावती ने इसे लेकर अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर कई पोस्ट किए और कहा, 'सपा अति-पिछड़ों के साथ-साथ जबरदस्त दलित-विरोधी पार्टी भी है, हालांकि बीएसपी ने पिछले लोकसभा आमचुनाव में सपा से गठबन्धन करके इनके दलित-विरोधी चाल, चरित्र व चेहरे को थोड़ा बदलने का प्रयास किया. लेकिन चुनाव खत्म होने के बाद ही सपा पुनः अपने दलित-विरोधी जातिवादी एजेंडे पर आ गई.'
मायावती ने दिलाई गेस्ट हाउस कांड की याद
इतना ही नहीं मायावती ने आगे कहा, 'अब सपा मुखिया जिससे भी गठबन्धन की बात करते हैं उनकी पहली शर्त बसपा से दूरी बनाए रखने की होती है, जिसे मीडिया भी खूब प्रचारित करता है. वैसे भी सपा के 2 जून 1995 (गेस्ट हाउस कांड) सहित घिनौने कृत्यों को देखते हुए व इनकी सरकार के दौरान जिस प्रकार से अनेकों दलित-विरोधी फैसले लिये गए हैं. जिनमें बीएसपी यूपी स्टेट ऑफिस के पास ऊंचा पुल बनाने का कृत्य भी है जहां से षड्यन्त्रकारी अराजक तत्व पार्टी दफ्तर, कर्मचारियों व राष्ट्रीय प्रमुख को भी हानि पहुंचा सकते हैं जिसकी वजह से पार्टी को महापुरुषों की प्रतिमाओं को वहां से हटाकर पार्टी प्रमुख के निवास पर शिफ्ट करना पड़ा.'