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Modi Cabinet 2024: पिता कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़े थे, बेटा बीजेपी की मोदी 3.0 सरकार में बना मंत्री, जितिन प्रसाद की कहानी

Jitin Prasada Oath Ceremony: यूपी के पीलीभीत से सांसद चुने गए जितिन प्रसाद को भी मोदी सरकार 3.0 के मंत्रिमंडल में जगह मिली है. उन्होंने राज्य मंत्री के तौर पर शपथ ग्रहण की है. उन्हें वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय में राज्य मंत्री के साथ-साथ इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में राज्य मंत्री की जिम्मेदारी दी गई है. वह योगी सरकार में भी मंत्री थे. अब वो केंद्र की राजनीति देखेंगे.

जितिन प्रसाद जितिन प्रसाद
सौरभ पांडे
  • नई दिल्ली ,
  • 09 जून 2024,
  • अपडेटेड 8:16 AM IST

Modi 3.0 सरकार में यूपी के पीलीभीत से सांसद चुने गए जितिन प्रसाद को जगह मिली है. वह योगी सरकार में भी मंत्री थे. हालांकि, अब वो केंद्र की राजनीति देखेंगे. पीलीभीत लोकसभा सीट से बीजेपी नेता जितिन प्रसाद ने बड़ी जीत हासिल की है. उन्हें 607158 वोट मिले. वहीं, उनके निकटतम प्रतिद्वंदी सपा के भागवत सरन गंगवार को 442223 मत प्राप्त हुए. इस तरह जितिन प्रसाद ने 164935 वोटों से विजय हासिल की. तीसरे नंबर पर बसपा के अनीस अहमद खान रहे, जिन्हें 89697 वोट हासिल हुए.

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जितिन प्रसाद का जन्म 29 नवंबर 1973 को उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले में हुआ. उनके पिता का का नाम जितेंद्र प्रसाद उर्फ बाबा साहब था, जो कि कांग्रेस के बड़े राजनेता होने के साथ पीएम राजीव गांधी के सलाहकार भी रहे थे. जितिन की मां का नाम कांता प्रसाद था. 

कभी सोनिया गांधी से की थी बगावत

जितेंद्र प्रसाद ने भी कभी सोनिया गांधी से बगावत की थी. नवंबर 2000 में जितेंद्र प्रसाद ने सोनिया गांधी के खिलाफ कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ा था. हालांकि, वो हार गए थे. इसके बाद जनवरी 2001 में उनका निधन हो गया.

पढ़ाई की बात करें तो जितिन प्रसाद ने देहरादून के बोर्डिंग स्कूल में राहुल गांधी, ज्योतिरादित्य सिंधिया जैसे दिग्गजों के साथ पढ़ाई की. इसके बाद दिल्ली विश्वविद्यालय के श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से डिग्री प्राप्त की और फिर एमबीए किया.

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जितिन प्रसाद के दादा ज्योति प्रसाद भी कांग्रेस पार्टी के सदस्य थे. उनकी दादी पामेला प्रसाद कपूरथला के सिख परिवार से थीं. वहीं, उनके परदादा ज्वाला प्रसाद एक इंपीरियल सिविल सर्विस अधिकारी और परदादी पूर्णिमा देवी, नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर के भाई हेमेंद्रनाथ टैगोर की सबसे छोटी बेटी थीं. 

कांग्रेस से करियर की शुरुआत

 बता दें कि 2001 में जितिन प्रसाद ने भारतीय युवा कांग्रेस के साथ महासचिव के रूप में अपना करियर शुरू किया था. 2004 में उन्होंने अपना पहला चुनाव जीता और 14 वीं लोकसभा में अपने निर्वाचन क्षेत्र शाहजहांपुर से सांसद चुने गए. इस जीत के बाद कांग्रेस ने उन्हें इस्पात मंत्री बनाया. 

इसके बाद 2009 में उन्होंने लखीमपुर खीरी के धौरहरा संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. इस जीत के बाद बही उन्हें केंद्र में मंत्री बनाया गया. लेकिन 2014 के चुनाव में मोदी लहर के चलते उनको हार का सामना करना पड़ा.  

इसके बाद कांग्रेस की नीतियों से क्षुब्ध होकर जितिन प्रसाद ने 9 जून, 2021 को भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए. तत्कालीन केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने उन्हें बीजेपी की सदस्यता ग्रहण कराई. फिर वे केन्द्र की राजनीति छोड़ यूपी की राजनीति में शामिल हो गए. जितिन को विधान परिषद सदस्य के साथ यूपी में लोकनिर्माण विभाग का मंत्री बनाया गया. हालांकि, अब वो केंद्र की सरकार में मंत्री बनाए गए हैं. 

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वरुण की जगह पीलीभीत से लड़े चुनाव 

गौरतलब है कि पीलीभीत के 35 साल के इतिहास में कभी मेनका गांधी तो कभी वरुण गांधी यहां से सांसद रहे हैं. लेकिन 2024 में बीजेपी की ओर से वरुण का टिकट काट दिया गया. उनकी जगह जितिन प्रसाद को मैदान में उतारा गया. जितिन ने पार्टी को निराश नहीं किया और पीलीभीत से शानदार जीत दर्ज की.  

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