
मकान मालिक को किराया न देने के आरोपों से घिरी आईपीएस आरती सिंह के खिलाफ भी डीजीपी दफ्तर ने जांच बैठा दी है. वाराणसी कमिश्नरेट में डीसीपी वरुणा जोन आरती सिंह के पति आईपीएस अनिरुद्ध सिंह का कथित वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें 20 लाख रुपये की रिश्वत मांगने का आरोप लगा. इसके बाद आईपीएस आरती सिंह भी सुर्खियों में आ गईं.
आईपीएस आरती सिंह पर उनके मकान मालिक बिंदु पांडेय ने किराया न देने का आरोप लगाया था. डीजीपी को भेजी गई चिट्ठी में कहा गया था कि आईपीएस आरती सिंह किराया नहीं दे रही हैं और न ही फ्लैट खाली कर रही हैं. यह मामला सामने आया तो डीजीपी दफ्तर ने जांच बैठा दी है. आइए जानते हैं कि 2017 बैच की आईपीएस आरती सिंह के बारे में-
साल दर साल मिली नाकामी, आखिर बार में किया कमाल
मध्य प्रदेश के एक छोटे से शहर सिंगरौली से निकली आरती सिंह ने अफसर बनने का सपना देखा. सिविल सर्विस पास करने के जज्बे ने आरती सिंह को दिल्ली पहुंचाया, लेकिन साल दर साल उन्हें नाकामी मिली. अपने अंतिम प्रयास में आरती सिंह ने कमाल कर दिया. 2016 की सिविल सेवा परीक्षा में आरती सिंह को 118वीं रैंक मिली.
UPSC के सफर में हमसफर बने अनिरुद्ध सिंह
आरती सिंह ने दिल्ली आकर जब सिविल सेवा की तैयारी शुरू की तो उन्हें बीच सफर में ही अनिरुद्ध सिंह का साथ मिला. यूपीपीसीएस की तैयारी के दौरान आरती और अनिरुद्ध ने मेहनत की और नतीजा रहा कि दोनों ने यूपीपीसीएस की परीक्षा पास करके नौकरी हासिल कर ली, लेकिन आरती और अनिरुद्ध यहीं नहीं रूके और यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी.
2016 में आरती सिंह बनीं IPS
2015 में आरती सिंह ने अनिरुद्ध सिंह से शादी कर ली. 2016 की दोनों ने सिविल सर्विस की परीक्षा दी. आरती को 118वीं रैंक मिली और उन्होंने वर्दी पहनने का फैसला किया. वह आईपीएस बन गईं. वहीं अनिरुद्ध को आर्म्ड फोर्स (AFHQ) मिला. अनिरुद्ध ने हिम्मत नहीं हारी और 2017 की परीक्षा में 146वीं के साथ हिंदी माध्यम में टॉपर भी बने.
जबलपुर से BBA तो इंदौर से MBA
आरती सिंह की शुरूआती शिक्षा एनटीपीसी शक्तिनगर के विवेकानंद विद्यालय से हुई. इसके बाद डीएवी स्कूल एनसीएल दुद्धीचुआ से इंटर, जबलपुर से बीबीए और इंदौर से एमबीए की. 2017 बैच की आईपीएस अफसर आरती सिंह की एक बेटी है. वह मथुरा में सहायक पुलिस अधीक्षक और वाराणसी में सहायक पुलिस अधीक्षक (परिवीक्षाधीन) रह चुकी हैं.