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लखीमपुर में गैंगस्टर की मौत पर बवाल की पूरी कहानी...पुलिस पर पिटाई का आरोप, DSP ने परिजनों को हड़काया तो दारोगा ने ग्रामीणों को धमकाया

लखीमपुर खीरी पुलिस का कहना है कि मृतक रामचंद्र मौर्य गैंगस्टर एक्ट के तहत आरोपी था और अवैध शराब बनाने के काम में संलिप्त था. रात को छापेमारी के दौरान वह बचकर भाग रहा था, तभी बेहोश होकर गिर पड़ा. रामचंद्र को अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.  

लखीमपुर में प्रदर्शनकारियों से भिड़े दारोगा लखीमपुर में प्रदर्शनकारियों से भिड़े दारोगा
aajtak.in
  • लखीमपुर खीरी ,
  • 09 जनवरी 2025,
  • अपडेटेड 10:48 AM IST

यूपी के लखीमपुर खीरी में कथित तौर पर पुलिस कस्टडी में एक युवक की मौत हो गई. परिजनों का आरोप है कि पुलिस की पिटाई से युवक की तबीयत बिगड़ी, समय पर इलाज भी नहीं मिला, जिसके चलते उसने दम तोड़ दिया. मौत के बाद जबरन पोस्टमार्टम करवा दिया गया. इतना ही नहीं पोस्टमार्टम के बाद जब प्रदर्शन करने जा रहे थे तो लाठीचार्ज कर खदेड़ दिया गया. वहीं, जब शव का अंतिम संस्कार करने से इनकार किया तो घर आकर पुलिस के अधिकारियों ने हड़काया. जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.  

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वहीं, लखीमपुर खीरी पुलिस ने आरोपों से इनकार किया है. पुलिस का कहना है कि मृतक रामचंद्र मौर्य गैंगस्टर एक्ट के तहत आरोपी था और अवैध शराब बनाने के काम में संलिप्त था. बीते सोमवार की रात को छापेमारी के दौरान वह बचकर भाग रहा था, तभी बेहोश होकर गिर पड़ा. रामचंद्र को फौरन अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.  

जैसे ही इसकी जानकारी रामचंद्र के परिजनों को हुई अस्पताल के बाहर भीड़ जमा हो गई. इस दौरान पोस्टमार्टम को लेकर उनकी पुलिस से नोकझोंक हो गई. अगली सुबह जब पोस्टमार्टम के बाद रामचंद्र का शव गांव आया तो परिजनों और ग्रामीणों ने सड़क जाम करने की कोशिश की और प्रदर्शन शुरू कर दिया. उन्होंने अंतिम संस्कार से साफ मना कर दिया. इस बीच पुलिस से उनकी झड़प हो गई. पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर भीड़ को तितर-बितर कर दिया. 

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इसी बीच मौके पर मौजूद मझगई चौकी इंचार्ज दयाशंकर द्विवेदी ने ट्रैक्टर-ट्रॉली रोकने के लिए सरकारी गाड़ी उसके आगे खड़ी कर दी. आक्रोशित ग्रामीण और चौकी इंचार्ज के बीच जमकर बहस हुई. एक वायरल वीडियो में दयाशंकर द्विवेदी ने ट्रैक्टर चालक से कहा- मुझे कुचल कर मारना चाह रहे हो, गैंगस्टर का मुकदमा लिखूंगा, बस थाने पहुंचने की देर है, ट्रैक्टर छुड़ा नहीं पाओगे, तुम लोग फालतू की नेतागिरी कर रहे हो, पूरे गांव पर मुकदमा लिखूंगा, समझते क्या हो तुम. पूरे गांव को जेल भेज दूंगा.  

इन सबके बीच डीएसपी पीपी सिंह का मृतक रामचंद्र के शोकाकुल परिवार के सदस्यों से बात करने का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वह परिवार वालों को हड़काते दिख रहे हैं. वीडियो में लखीमपुर के डीएसपी यह कहते हुए सुने जा सकते हैं कि घटना को लेकर पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी. न तो निघासन (पुलिस स्टेशन) के (एसएचओ) को निलंबित किया जाएगा और न ही मझगईं के (एसएचओ) को निलंबित किया जाएगा. न ही आपको 30 लाख रुपये (मुआवजे के रूप में) मिलेंगे. जो भी कर सकते हो करो. शव को जितने दिन तक रखना है, रख लो.

उधर, रामचंद्र मौर्य के परिजनों ने कहा है कि जब तक दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ एक्शन नहीं होगा तब तक वे शव का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे. उन्होंने सरकार से मुआवजा देने की भी मांग की. उधर, इस मामले में सियासत भी शुरू हो गई है. समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर वीडियो शेयर किया और सत्तारूढ़ भाजपा को "हृदयहीन पार्टी" कहा.  

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रामचंद्र (35) के परिजनों के अनुसार, उसे सोमवार रात अवैध शराब बनाने के आरोप में पुलिस ने गिरफ्तार किया था. उन्होंने कहा कि अपनी बेगुनाही की दलील देने के बावजूद, रामचंद्र को कथित तौर पर पुलिस हिरासत में रखा गया, जहां उसकी तबीयत तेजी से बिगड़ गई. परिजनों ने दावा किया कि बाद में पुलिस उसे स्वास्थ्य केंद्र ले गई, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया. हालांकि, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) पवन गौतम ने दावा किया कि रामचंद्र गैंगस्टर एक्ट के तहत आरोपी था और छापेमारी के दौरान पुलिस से भागते समय गिर गया था. गौतम ने जोर देकर कहा कि रामचंद्र की मौत हिरासत में नहीं हुई है, उन्होंने कहा कि मामले की अब जांच की जा रही है. 

एएसपी ने कहा- "पोस्टमार्टम डॉक्टरों के एक पैनल द्वारा किया गया था और इसकी वीडियो रिकॉर्डिंग की गई थी. पोस्टमार्टम निष्कर्षों के अनुसार, मौत सदमे के कारण हुई थी. विसरा सुरक्षित रखा गया है." 

रामचंद्र की मौत के बाद उसके परिजनों और स्थानीय ग्रामीणों ने स्वास्थ्य केंद्र पर प्रदर्शन किया और पुलिस पर उसकी मौत का आरोप लगाया. उन्होंने जांच और 30 लाख रुपये के मुआवजे की मांग की. मांगें पूरी होने तक मृतक का अंतिम संस्कार करने से भी इनकार कर दिया. परिवार ने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस उनकी सहमति के बिना शव को जबरन पोस्टमार्टम के लिए लखीमपुर ले गई. 

(इनपुट- अभिषेक वर्मा)

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